Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
आरोहण गीत।
1 हे परमेश्वर, मैं ऊपर आँख उठाकर तेरी प्रार्थना करता हूँ।
तू स्वर्ग में राजा के रूप में विराजता है।
2 दास अपने स्वामियों के ऊपर उन वस्तुओं के लिए निर्भर रहा करते हैं। जिसकी उनको आवश्यकता है।
दासियाँ अपनी स्वामिनियों के ऊपर निर्भर रहा करती हैं।
इसी तरह हमको यहोवा का, हमारे परमेश्वर का भरोसा है।
ताकि वह हम पर दया दिखाए, हम परमेश्वर की बाट जोहते हैं।
3 हे यहोवा, हम पर कृपालु है।
दयालु हो क्योंकि बहुत दिनों से हमारा अपमान होता रहा है।
4 अहंकारी लोग बहुत दिनों से हमें अपमानित कर चुके हैं।
ऐसे लोग सोचा करते हैं कि वे दूसरे लोगों से उत्तम हैं।
दबोरा का गीत
5 जिस दिन इस्राएल के लोगों ने सीसरा को हराया उस दिन दबोरा और अबीनोअम के पुत्र बाराक ने इस गीत को गाया:[a]
2 इस्राएल के लोगों ने अपने को युद्ध के लिये तैयार किया।[b]
लोग युद्ध में जाने के लिये स्वयं आए!
यहोवा को धन्य कहो!
3 “राजाओं, सुनो।
शासकों, ध्यान दो।
मैं गाऊँगी।
मैं स्वयं यहोवा के प्रति गाऊँगी।
मैं यहोवा, इस्राएल के लोगों के
परमेश्वर की स्तुति करूँगी।
4 “हे यहोवा, अतीत में तू सेईर देश से आया।
तू एदोम प्रदेश से चलकर आया,
और धरती काँप उठी।
गगन ने वर्षा की।
मेघों ने जल गिराया।
5 पर्वत काँप उठे यहोवा, सीनै पर्वत के परमेश्वर के सामने, यहोवा,
इस्राएल के लोगों के परमेश्वर के सामने!
6 “अनात का पुत्र शमगर के समय में याएल के समय में,
मुख्य पथ सूने थे।
काफिले[c] और यात्री गौण पथों से चलते थे।
7 “कोई योद्धा नहीं था। इस्राएल में कोई योद्धा नहीं था, हे दबोरा,
जब तक तुम न खड़ी हुई,
जब तक तुम इस्राएल की माँ बन कर न खड़ी हुई।
8 “परमेश्वर ने नये प्रमुखों को चुना कि
वे नगर—द्वार पर युद्ध करें।[d]
इस्राएल के चालीस हजार सैनिकों में
कोई ढाल और भाला नहीं पा सका।
9 “मेरा हृदय इस्राएल के सेनापतियों के साथ है।
ये सेनापति इस्राएल के लोगों में से स्वयं आए!
यहोवा को धन्य कहो!
10 “श्वेत गधों पर सवार होने वाले लोगो तुम,
जो कम्बल की काठी पर बैठते हो
और तुम जो राजपथ पर चलते हो,
ध्यान दो!
11 घुंघरूओं की छमछम पर,
पशुओं को लिए पानी वाले कूपों पर,
वे यहोवा की विजय की कथाओं को कहते हैं,
इस्राएल में यहोवा और उसके वीरों की विजय—कथा कहते हैं।
उस समय यहोवा के लोग नगर—द्वारों पर लड़े और विजयी हुये!
12 “दबोरा जागो, जागो!
जागो, जागो गीत गाओ!
जागो, बाराक!
जाओ, हे अबीनोअम के पुत्र अपने शत्रुओं को पकड़ो!
लोगों में शैतान
(लूका 11:24-26)
43 “जब कोई दुष्टात्मा किसी व्यक्ति को छोड़ती है तो वह आराम की खोज में सूखी धरती ढूँढती फिरती है, किन्तु वह उसे मिल नहीं पाती। 44 तब वह कहती है कि जिस घर को मैंने छोड़ा था, मैं फिर वहीं लौट जाऊँगी। सो वह लौटती है और उसे अब तक खाली, साफ सुथरा तथा सजा-सँवरा पाती है। 45 फिर वह लौटती है और अपने साथ सात और दुष्टात्माओं को लाती है जो उससे भी बुरी होती हैं। फिर वे सब आकर वहाँ रहने लगती हैं। और उस व्यक्ति की दशा पहले से भी अधिक भयानक हो जाती है। आज की इस बुरी पीढ़ी के लोगों की दशा भी ऐसी ही होगी।”
© 1995, 2010 Bible League International