Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
आरोहण गीत।
1 यहोवा के सभी भक्त आनन्दित रहते हैं।
वे लोग परमेश्वर जैसा चाहता, वैसा गाते हैं।
2 तूने जिनके लिये काम किया है, उन वस्तुओं का तू आनन्द लेगा।
उन ऐसी वस्तुओं को कोई भी व्यक्ति तुझसे नहीं छिनेगा। तू प्रसन्न रहेगा और तेरे साथ भली बातें घटेंगी।
3 घर पर तेरी घरवाली अंगूर की बेल सी फलवती होगी।
मेज के चारों तरफ तेरी संतानें ऐसी होंगी, जैसे जैतून के वे पेड़ जिन्हें तूने रोपा है।
4 इस प्रकार यहोवा अपने अनुयायिओं को
सचमुच आशीष देगा।
5 यहोवा सिय्योन से तुझ को आशीर्वाद दे यह मेरी कामना है।
जीवन भर यरूशलेम में तुझको वरदानों का आनन्द मिले।
6 तू अपने नाती पोतों को देखने के लिये जीता रहे यह मेरी कामना है।
इस्राएल में शांति रहे।
लोगों को स्मरण दिलाने के लिये शिलायें
4 जब सभी लोगों ने यरदन नदी को पार कर लिया तब यहोवा ने यहोशू से कहा, 2 “लोगों में से बारह व्यक्ति चुनों। हर एक परिवार समूह से एक व्यक्ति चुनों। 3 लोगों से कहो कि वे वहाँ नदी में देखें जहाँ याजक खड़े थे। उनसे वहाँ बारह शिलायें ढूँढ निकालने के लिए कहो। उन बारह शिलाओं को अपने साथ ले जाओ। उन बारह शिलाओं को उस स्थान पर रखो जहाँ तुम आज रात ठहरो।”
4 इसलिए यहोशू ने हर एक परिवार समूह से एक व्यक्ति चुना। तब उसने बारह व्यक्तियों को एक साथ बुलाया। 5 यहोशू ने उनसे कहा, “नदी में वहाँ तक जाओ जहाँ तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के पवित्र वाचा का सन्दूक है। तुममें से हर एक को एक शिला की खोज करनी चाहिये। इस्राएल के बारह परिवार समूहों में से हर एक के लिए एक शिला होगी। उस शिला को अपने कंधे पर लाओ। 6 ये शिलायें तुम्हारे बीच चिन्ह होंगी। भविष्य में तुम्हारे बच्चे यह पूछेंगे, ‘इन शिलाओं का क्या महत्व है?’ 7 बच्चों से कहो कि याहोवा ने यरदन नदी में पानी का बहना बन्द कर दिया था। जब यहोवा के साथ साक्षीपत्र के पवित्र सन्दूक ने नदी को पार किया तब पानी का बहना बन्द हो गया। ये शिलायें इस्राएल के लोगों को इस घटना की सदैव याद बनाये रखने में सहायता करेंगी।”
8 इस प्रकार, इस्राएल के लोगों ने यहोशू की आज्ञा मानी। वे यरदन नदी के बीच से बारह शिलायें ले गए। इस्राएल के बारह परिवार समूहों में से हर एक के लिये एक शिला थी। उन्होंने यह वैसे ही किया जैसा यहोवा ने यहोशू को आदेश दिया। वे व्यक्ति शिलाओं को अपने साथ ले गए। तब उन्होंने उन शिलाओं को वहाँ रखा जहाँ उन्होंने अपने डेरे डाले। 9 (यहोशू ने भी यहोवा के पवित्र सन्दूक को ले चलने वाले याजक जहाँ खड़े थे, वहीं यरदन नदी के बीच में बारह शिलायें डाली। वे शिलायें आज भी उस स्थान पर हैं।)
10 यहोवा ने यहोशू को आदेश दिया था कि वह लोगों से कहे कि उन्हें क्या करना है। वे वही बातें थीं, जिन्हें अवश्य कहने के लिये मूसा ने यहोशू से कहा था। इसलिए पवित्र सन्दूक को ले चलने वाले याजक नदी के बीच में तब तक खड़े ही रहे, जब तक ये सभी काम पूरे न हो गए। लोगों ने शीघ्रता की और नदी को पार कर गए। 11 जब लोगों ने नदी को पार कर लिया तब याजक यहोवा का सन्दूक लेकर लोगों के सामने आये।
12 रूबेन के परिवार समूह, गादी तथा मनश्शे परिवार समूह के आधे लोगों ने, मूसा ने उन्हें जो करने को कहा था, किया। इन लोगों ने अन्य लोगों के सामने नदी को पार किया। ये लोग युद्ध के लिये तैयार थे। ये लोग इस्राएल के अन्य लोगों को उस देश को लेने में सहायता करने जा रहे थे, जिसे यहोवा ने उन्हें देने का वचन दिया था। 13 लगभग चालीस हजार सैनिक, जो युद्ध के लिये तैयार थे, यहोवा के सामने से गुजरे। वे यरीहो के मैदान की ओर बढ़ रहे थे।
14 उस दिन यहोवा ने इस्राएल के सभी लोगों की दृष्टि में यहोशू को एक महान व्यक्ति बना दिया। उस समय से आगे लोग यहोशू का सम्मान करने लगे। वे यहोशू का सम्मान जीवन भर वैसे ही करने लगे जैसा मूसा का करते थे।
15 जिस समय सन्दूक ले चलने वाले याजक अभी नदी में ही खड़े थे, यहोवा ने यहोशू से कहा, 16 “याजकों को नदी से बाहर आने का आदेश दो।”
17 इसलिए यहोशू ने याजकों को आदेश दिया। उसने कहा, “यरदन नदी के बाहर आओ।”
18 याजकों ने यहोशू की आज्ञा मानी। वे सन्दूक को अपने साथ लेकर बाहर आए। जब याजकों के पैर ने नदी के दूसरी ओर की भूमि को स्पर्श किया, तब नदी का जल फिर बहने लगा। पानी फिर तटों को वैसे ही डुबाने लगा जैसा इन लोगों द्वारा नदी पार करने के पहले था।
19 लोगों ने यरदन नदी को पहले महीने के दसवें दिन पार किया। लोगों ने यरीहो के पूर्व गिलगाल में डेरा डाला। 20 लोग उन शिलाओं को अपने साथ ले चल रहे थे जिन्हें उन्होंने यरदन नदी से निकाला था और यहोशू ने उन शिलाओं को गिलगाल में स्थापित किया। 21 तब यहोशू ने लोगों से कहा, “भविष्य में तुम्हारे बच्चे अपने माता—पिता से पूछेंगे, ‘इन शिलाओं का क्या महत्व है?’ 22 तुम बच्चों को बताओगे, ‘ये शिलाएं हम लोगों को यह याद दिलाने में सहायता करती हैं कि इस्राएल के लोगों ने किस तरह सूखी भूमि पर से यरदन नदी को पार किया।’ 23 तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने नदी के जल का बहना रोक दिया। नदी तब तक सूखी रही जब तक लोगों ने नदी को पार नहीं कर लिया। यहोवा ने यरदन नदी पर लोगो के लिये वही किया, जो उन्होंने लोगों के लिये लाल सागर पर किया था। याद करो कि यहोवा ने लाल सागर पर पानी का बहना इसलिए रोका था कि लोग उसे पार कर सकें। 24 यहोवा ने यह इसलिए किया कि इस देश के सभी लोग जानें कि यहोवा महान शक्ति रखता है। जिससे लोग सदैव ही यहोवा तुम्हारे परमेश्वर से डरते रहें।”
13 और इसलिए हम परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर करते रहते हैं क्योंकि हमसे तुमने जब परमेश्वर का वचन ग्रहण किया तो उसे मानवीय सन्देश के रूप में नहीं बल्कि परमेश्वर के सन्देश के रूप में ग्रहण किया, जैसा कि वह वास्तव में है। और तुम विश्वासियों पर जिसका प्रभाव भी है। 14 हे भाईयों, तुम यहूदियों में स्थित मसीह यीशु में परमेश्वर की कलीसियाओं का अनुसरण करते रहे हो। तुमने अपने साथी देश-भाईयों से वैसी ही यातनाएँ झेली हैं जैसी उन्होंने उन यहूदियों के हाथों झेली थीं। 15 जिन्होंने प्रभु यीशु को मार डाला और नबियों को बाहर खदेड़ दिया। वे परमेश्वर को प्रसन्न नहीं करते वे तो समूची मानवता के विरोधी हैं। 16 वे विधर्मियों को सुसमाचार का उपदेश देने में बाधा खड़ी करते हैं कि कहीं उन लोगों का उद्धार न हो जाये। इन बातों में वे सदा अपने पापों का घड़ा भरते रहते हैं और अन्ततः अब तो परमेश्वर का प्रकोप उन पर पूरी तरह से आ पड़ा है।
फिर मिलने की इच्छा
17 हे भाईयों, जहाँ तक हमारी बात है, हम थोड़े समय के लिये तुमसे बिछड़ गये थे। विचारों से नहीं, केवल शरीर से। सो हम तुमसे मिलने को बहुत उतावले हो उठे। हमारी इच्छा तीव्र हो उठी थी। 18 हाँ! हम तुमसे मिलने के लिए बहुत जतन कर रहे थे। मुझ पौलुस ने अनेक बार प्रयत्न किया किन्तु शैतान ने उसमें बाधा डाली। 19 भला बताओ तो हमारी आशा, हमारा उल्लास या हमारा वह मुकुट जिस पर हमें इतना गर्व है, क्या है? क्या वह तुम्हीं नहीं हो। हमारे प्रभु यीशु के दुबारा आने पर जब हम उसके सामने उपस्थित होंगे 20 तो वहाँ तुम हमारी महिमा और हमारा आनन्द होगे।
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