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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
Version
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फिलिप्‍पी 4:1-9

एकरसेति, हे मोर भाईमन हो! तुमन ले मेंह मया करथंव अऊ तुमन म मोर जी लगे रहिथे। तुमन मोर आनंद अऊ मोर मुकुट अव। हे मयारू संगवारीमन, अइसनेच तुमन परभू के बिसवास म मजबूत बने रहव।

उत्साह के बचन

मेंह यूओदिया ले बिनती करथंव अऊ सुन्तुखे ले घलो बिनती करथंव कि तुमन परभू म एक-दूसर के संग एक मन होके रहव। अऊ हे सच्‍चा सहकरमी, मेंह तोर ले घलो कहथंव कि तेंह ए माईलोगनमन के मदद कर, काबरकि एमन मोर संग सुघर संदेस ला फइलाय म, क्लेमेंस अऊ मोर ओ जम्मो सहकरमीमन संग मिहनत करे हवंय, जेमन के नांव जिनगी के किताब म लिखे हवय[a]

परभू म सदा आनंदित रहव। मेंह एला फेर कहथंव: आनंदित रहव। जम्मो झन जान जावंय कि तुमन नम्र मनखे अव। परभू ह लकठा म हवय। कोनो बात के फिकर झन करव, पर हर एक बात म, पराथना अऊ निबेदन के दुवारा, धनबाद के संग तुमन अपन बिनती ला परमेसर के आघू म रखव। तब परमेसर के सांति, जऊन ह मनखे के समझ के बाहिर अय, तुम्‍हर हिरदय अऊ मन के रखवारी मसीह यीसू म करही।

आखिर म, हे भाईमन हो, जऊन बात ह सच ए, जऊन बात ह आदर के लइक ए, जऊन बात ह सही ए, जऊन बात ह निरमल ए, जऊन बात ह मयारू ए, जऊन बात ह मन ला भाथे – यदि कोनो बात ह उत्तम या परसंसा के लइक ए, त अइसने बात के बारे म सोचव। जऊन बात तुमन मोर ले सिखे हवव या मोर ले पाय हवव या मोर ले सुने हवव या मोर म देखे हवव, ओकरेच मुताबिक चलव। अऊ सांति के परमेसर ह तुमन के संग रहिही।

मत्ती 22:1-14

बिहाव भोज के पटं‍तर

(लूका 14:15-24)

22 यीसू ह फेर ओमन ले पटं‍तर म गोठियाय लगिस। ओह कहिस, “स्‍वरग के राज ह एक राजा के सहीं अय, जऊन ह अपन बेटा के बिहाव म एक जेवनार करिस। ओह अपन सेवकमन ला पठोईस कि ओमन नेवताहारीमन ला बिहाव-भोज बर बलाके लानंय, पर नेवताहारीमन आय बर नइं चाहिन।

तब ओह कुछू अऊ सेवकमन ला ए कहिके पठोईस, ‘नेवताहारीमन ला कहव कि मेंह भोज तियार कर चुके हवंव। मोर बइला अऊ मोटहा-मोटहा पसु मन मारे गे हवंय, अऊ जम्मो चीज ह तियार हवय। बिहाव के भोज म आवव।’

पर नेवताहारीमन राजा के नेवता ला धियान नइं दीन अऊ एती-ओती चल दीन – कोनो अपन खेत ला, त कोनो अपन धन्‍धा म। बाकि बचे नेवताहारीमन राजा के सेवकमन ला पकड़िन अऊ ओमन के संग गलत बरताव करिन अऊ ओमन ला मार डारिन। राज ह बहुंत गुस्सा करिस। ओह अपन सेना ला पठोईस अऊ ओ हतियारामन ला नास कर दीस अऊ ओमन के सहर ला जरा दीस।

तब राजा ह अपन सेवकमन ला कहिस, ‘बिहाव भोज तो तियार हवय, पर नेवताहारीमन एकर लइक नो हंय। एकरसेति गली के चऊक म जावव अऊ तुमन ला जऊन मन घलो मिलथें, ओ जम्मो ला भोज के नेवता देवव।’ 10 ओ सेवकमन गली म गीन अऊ ओमन ला बने या खराप जऊन ह घलो मिलिस, ओ जम्मो ला संकेल के ले आईन अऊ बिहाव के मड़वा ह पहुनामन ले भर गीस।

11 पर जब राजा ह पहुनामन ला देखे बर भीतर आईस, त ओह उहां एक मनखे ला देखिस, जऊन ह बिहाव के पोसाक नइं पहिरे रहय। 12 राजा ह ओकर ले पुछिस, ‘संगी, बिहाव के पोसाक पहिरे बिगर तेंह इहां कइसने आ गे।’ ओ मनखे ह कुछू कहे नइं सकिस।

13 तब राजा ह सेवकमन ला कहिस, ‘एकर हांथ-गोड़ ला बांधव अऊ एला बाहिर अंधियार म फटिक दव, जिहां एह रोही अऊ अपन दांत पीसही।’

14 काबरकि बलाय गय मनखे तो बहुंत हवंय, पर चुने गय मनखेमन थोरकन हवंय।”

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)

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