Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
आसाप का एक गीत।
1 मेरे भक्तों, तुम मेरे उपदेशों को सुनो।
उन बातों पर कान दो जिन्हें मैं बताना हूँ।
2 मैं तुम्हें यह कथा सुनाऊँगा।
मैं तुम्हें पुरानी कथा सुनाऊँगा।
3 हमने यह कहानी सुनी है, और इसे भली भाँति जानते हैं।
यह कहानी हमारे पूर्वजों ने कही।
4 इस कहानी को हम नहीं भूलेंगे।
हमारे लोग इस कथा को अगली पीढ़ी को सुनाते रहेंगे।
हम सभी यहोवा के गुण गायेंगे।
हम उन के अद्भुत कर्मो का जिनको उसने किया है बखान करेंगे।
12 परमेश्वर ने उनके पूर्वजों को मिस्र के सोअन में निज महाशक्ति दिखायी।
13 परमेश्वर ने लाल सागर को चीर कर लोगों को पार उतार दिया।
पानी पक्की दीवार सा दोनों ओर खड़ा रहा।
14 हर दिन उन लोगों को परमेश्वर ने महा बादल के साथ अगुवाई की।
हर रात परमेश्वर ने आग के लाट के प्रकाश से राहा दिखाया।
15 परमेश्वर ने मरूस्थल में चट्टान को फाड़ कर
गहरे धरती के निचे से जल दिया।
16 परमेश्वर चट्टान से जलधारा वैसे लाया
जैसे कोई नदी हो!
17 यहोवा जो मुक्तिदाता है और इस्राएल का पवित्र है, कहता है,
“तेरा यहोवा परमेश्वर हूँ।
मैं तुझको सिखाता हूँ कि क्या हितकर है।
मैं तुझको राह पर लिये चलता हूँ जैसे तुझे चलना चाहिए।
18 यदि तू मेरी मानता तो तुझे उतनी शान्ति मिल जाती जितनी नदी भर करके बहती है।
तुझ पर उत्तम वस्तुएँ ऐसी छा जाती जैसे समुद्र की तरंग हों।
19 यदि तू मेरी मानता तो तेरी सन्तानें बहुत बहुत होतीं।
तेरी सन्तानें वैसे अनगिनत हो जाती जैसे रेत के असंख्य कण होते हैं।
यदि तू मेरी मानता तो तू नष्ट नहीं होता।
तू भी मेरे साथ में बना रहता।”
20 हे मेरे लोगों, तुम बाबुल को छोड़ दो!
हे मेरे लोगों तुम कसदियों से भाग जाओ!
प्रसन्नता में भरकर तुम लोगों से इस समाचार को कहो!
धरती पर दूर दूर इस समाचार को फैलाओ! तुम लोगों को बता दो,
“यहोवा ने अपने दास याकूब को उबार लिया है!”
21 यहोवा ने अपने लोगों को मरूस्थल में राह दिखाई,
और वे लोग कभी प्यासे नहीं रहे!
क्यों क्योंकि उसने अपने लोगों के लिये चट्टान फोड़कर पानी बहा दिया!
न्यायकर्ता तुम नहीं हो
11 हे भाईयों, एक दूसरे के विरोध में बोलना बंद करो। जो अपने ही भाई के विरोध में बोलता है, अथवा उसे दोषी ठहराता है, वह व्यवस्था के ही विरोध में बोलता है और व्यवस्था को दोषी ठहराता है। और यदि तुम व्यवस्था पर दोष लगाते हो तो व्यवस्था के विधान का पालन करने वाले नहीं रहते वरन् उसके न्यायकर्त्ता बन जाते हो। 12 व्यवस्था के विधान को देने वाला और उसका न्याय करने वाला तो बस एक ही है। और वही रक्षा कर सकता है और वही नष्ट करता है। तो फिर अपने साथी का न्याय करने वाले तुम कौन होते हो?
अपना जीवन परमेश्वर को चलाने दो
13 ऐसा कहने वालो सुनो, “आज या कल हम इस या उस नगर में जाकर साल-एक भर वहाँ व्यापार में धन लगा बहुत सा पैसा बना लेंगे।” 14 किन्तु तुम तो इतना भी नहीं जानते कि कल तुम्हारे जीवन का क्या बनेगा! देखो, तुम तो उस धुंध के समान हो जो थोड़ी सी देर को उठती है और फिर खो जाती है। 15 सो इसके स्थान पर तुम्हें तो सदा यही कहना चाहिए, “यदि प्रभु ने चाहा तो हम जीयेंगे और यह या वह करेंगे।” 16 किन्तु स्थिति तो यह है कि तुम तो अपने आडम्बरों के लिए स्वयं पर गर्व करते हो। ऐसे सभी गर्व बुरे हैं।
© 1995, 2010 Bible League International