Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
मेम्
97 आ हा, यहोवा तेरी शिक्षाओं से मुझे प्रेम है।
हर घड़ी मैं उनका ही बखान किया करता हूँ।
98 हे यहोवा, तेरे आदेशों ने मुझे मेरे शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान बनाया।
तेरा विधान सदा मेरे साथ रहता है।
99 मैं अपने सब शिक्षाओं से अधिक बुद्धिमान हूँ
क्योंकि मैं तेरी वाचा का पाठ किया करता हूँ।
100 बुजुर्ग प्रमुखों से भी अधिक समझता हूँ।
क्योंकि मैं तेरे आदेशों को पालता हूँ।
101 हे यहोवा, तू मुझे राह में हर कदम बुरे मार्ग से बचाता है,
ताकि जो तू मुझे बताता है वह मैं कर सकूँ।
102 यहोवा, तू मेरा शिक्षक है।
सो मैं तेरे विधान पर चलना नहीं छोड़ूँगा।
103 तेरे वचन मेरे मुख के भीतर
शहद से भी अधिक मीठे हैं।
104 तेरी शिक्षाएँ मुझे बुद्धिमान बनाती है।
सो मैं झूठी शिक्षाओं से घृणा करता हूँ।
18 “लोगों से कहोः कल के लिए अपने को तैयार करो। कल तुम लोग माँस खाओगे। यहोवा ने सुना है जब तुम लोग रोए—चिल्लाए। यहोवा ले तुम लोगों की बातें सुनीं जब तुम लोगों ने कहा, ‘हमें खाने के लिए माँस चाहिए! हम लोगों के लिए मिस्र में अच्छा था।’ अब यहोवा तुम लोगों को माँस देगा और तुम लोग उसे खाओगे। 19 तुम लोग उसे केवल एक दिन नहीं, दो, पाँच, दस या बीस दिन भी खा सकोगे। 20 तुम लोग वह माँस, महीने भर खाओगे। तुम लोग वह माँस तब तक खाओगे जब तक उससे ऊब नहीं जाओगे। यह होगा, क्योंकि तुम लोगों ने यहोवा के विरुद्ध शिकायत की है। यहोवा तुम लोगों में घूमता है और तुम्हारी आवश्यकताओं को समझता है। किन्तु तुम लोग उसके सामने रोए—चिल्लाए और शिकायत की है! तुम लोगों ने कहा, हम लोगों ने आखिर मिस्र छोड़ा ही क्यों”
21 मूसा ने कहा, “यहोवा, यहाँ छः लाख पुरुष साथ चल रहे हैं और तू कहता है, ‘मैं उन्हें पूरे महीने खाने के लिए पर्याप्त माँस दूँगा!’ 22 यदि हमें सभी भेड़ें और मवेशी मारने पड़े तो भी इतनी बड़ी संख्या में लोगों के महीने भर खाने के लिए वह पर्याप्त नहीं होगा और यदि हम समुद्र की सारी मछलियाँ पकड़ लें तो भी उनके लिए वे पर्याप्त नहीं होंगी।”
23 किन्तु यहोवा ने मूसा से कहा, “यहोवा की शक्ति को सीमित न करो। तुम देखोगे कि यदि मैं कहता हूँ कि मैं कुछ करूँगा तो उसे मैं कर सकता हूँ।”
बटेरें आईं
31 तब यहोवा ने समुद्र की ओर से भारी आंधी चलाई। आंधी ने उस क्षेत्र में बटेरों को पहुँचाया। बटेरें डेरों के चारों ओर उड़ने लगीं। वहाँ इतनी बटेरें थीं कि भूमि ढक गई। भूमि पर बटेरों की तीन फीट ऊँची परत जम गई थी। कोई व्यक्ति एक दिन में जितनी दूर जा सकता था उतनी दूर तक चारों ओर बटेरें थीं। 32 लोग बाहर निकले और पूरे दिन और पूरी रात बटेरों को इकट्ठा किया और फिर पूरे अगले दिन भी उन्होंने बटेरें इकट्ठी कीं। हर एक आदमी ने साठ बुशेल[a] या उससे अधिक बटेरें इकट्ठी की। तब लोगों ने बटेरों को अपने डेरे के चारों ओर फैलाया।
सबसे बड़ा कौन
(मरकुस 9:33-37; लूका 9:46-48)
18 तब यीशु के शिष्यों ने उसके पास आकर पूछा, “स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा कौन हैं?”
2 तब यीशु ने एक बच्चे को अपने पास बुलाया और उसे उनके सामने खड़ा करके कहा, 3 “मैं तुमसे सत्य कहता हूँ जब तक कि तुम लोग बदलोगे नहीं और बच्चों के समान नहीं बन जाओगे, स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकोगे। 4 इसलिये अपने आपको जो कोई इस बच्चे के समान नम्र बनाता है, वही स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा है।
5 “और जो कोई ऐसे बालक जैसे व्यक्ति को मेरे नाम में स्वीकार करता है वह मुझे स्वीकार करता है।
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