Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
मन्दिर क आरोहण गीत।
1 मइँ ऊपर ऊँच पहाड़न क कइँती लखत हउँ।
मुला फुरइ मइँ कहाँ स पावइँ?
2 मोका तउ सहारा यहोवा स मिली
जउन सरग अउ धरती क बनावइवाला अहइ।
3 परमेस्सर तोहका गिरइ नाहीं देइ।
तोहर बचवइया कबहुँ भी नाहीं सोइ।
4 इस्राएल क उद्धारकर्त्ता कबहुँ न ही ओंघात ही
अउर न ही सोवत अहइँ।
5 यहोवा तोहार रच्छक अहइ।
उ तोहका आस्रय देइ बरे तोहार बगल मँ अहइ।
6 दिन क समइ सूरज तोहका हानि नाहीं पहोंचाइ सकत।
राति मँ चाँद तोहार नोस्कान नाहीं कइ सकत।
7 यहोवा तोहार रच्छा हर संकट स करी।
यहोवा तोहरी आतिमा क रच्छा करी।
8 यहोवा उ सबइ पइ धियान रखी जउन कछू तू करब्या।
जहाँ कहुँ भी तू जाब्या अउ आउब्या, अबहुँ अउ सदा सर्वदा उ तोहार रच्छा करी।
13 तब यहोवा मूसा स कहेस, 2 “हर पहिला पइदा भवा इस्राएली लरिका मोका अर्पण कइ दिहा। हर अउरत क पहिला पइदा बचवा मोर ही होइ। तू पचे पहिला पइदा हर एक नर पसु क मोका अर्पण कइ दिहा।”
3 मूसा मनइयन स कहेस, “इ दिन क याद राखा। तू पचे मिस्र मँ गुलाम रह्या। मुला इ दिन यहोवा आपन बड़की सक्ती क बइपरेस अउ तू पचन्क अजाद कराएस। तू पचे खमीरे क संग जिन खाया। 4 आजु आबीब क महीना मँ, तू पचे मिस्र स जात रह्या। 5 यहोवा तू पचन्क पुरखन स खास वाचा किहे रहेन। यहोवा तू पचन्क कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिब्बी, अउ यबूसी मनइयन क धरती देइ क वाचा किहेस। जब यहोवा तू पचन्क उ बढ़िया देस मँ ले जाइ जहाँ दूध अउर सहद क नदी बहत रहत ह तब तू इ दिन क जरूर याद राख्या। तू पचे हर बार बरिस क पहिले महीना मँ इ दिन क खास आराधना क दिन क रूप मँ मनावा।
6 “सात दिन तलक तू पचे उहइ रोटी खाया जेहँमा खमीर न होइ। सातवें दिन एक ठु बड़की दावत होइ। इ दावत यहोवा क मान करइ क निसानी होइ। 7 ऍह बरे सात दिना ताई खमीर स बनई रोटी नाहीं खाइ चाही। तोहरे पहँटा मँ कउनो जगह खमीर क रोटी नाहीं होइ चाही। 8 इ दिन तू सबन्क आपन गदेलन स कहइ चाही, ‘हम पचे इ दावत ऍह बरे करत अही कि यहोवा हमका मिस्र स बाहेर निकारेस।’
9 “इ छुटी क दिन तू पचन्क याद करइ मँ मदद करी यानी इ तू पचन्क कलाई प बाँधा धागा[a] क नाई होइ। इ दिन तोहार आँख क आगवा एक चीन्ह क नाई होइ। इ छुटी क दिन तोहका यहोवा क उपदेस क याद राखइ मँ मदद करी। इ छुटी क दिन तू पचन्क ई याद राखइ मँ मदद करी कि यहोवा तू पचन्क क आपन महान सक्ती क प्रयोग कइके तोहका मिस्र स बाहेर निकारेस ह। 10 ऍह बरे हर बरिस इ छुटी क दिन क ठीक टेम प मनावइ क याद राखा।
बिसवास क सक्ती
(मरकुस 11:12-14,20-24)
18 दूसर दिन अलख भिन्सारे जब उ सहर लउटत रहा तउ ओका भूख लागि। 19 रस्ता क किनारे अंजीर क बिरवा क लखेस तउ उ ओकरे नगिचे गवा, मुला ओका ओह प पातन क छोड़िके कछू नाहीं मिल सका। तब उ बिरवा स कहेस, “तोह प आगे कछू फल न लागइ।” अउर अंजीरे क बृच्छ फउरन झुराइ गवा।
20 जइसेन चेलन इ निहारेन तउ अचरजे मँ आइके पूछेन, “इ अंजीरे क बिरवा ऍतनी हाली कइसे झुराइ गवा?”
21 ईसू जवाब देत भवा ओन पचेन स कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ जदि तोहरे मँ बिसवास अहइ अउ तू संदेस नाहीं करत बाट्या तउ तू न सिरिफ उ कइ सकत ह जउन मइँ अंजीरे क बृच्छ कीन्ह, मुला जदि तू इ पहाड़े स कहि द्या, ‘उठा अउर आपन क सगरे मँ बोर द्या’ तउ उहइ होइ जाई। 22 अउर पराथना करत तू जउन कछू मंगब्या, जदि तोहका बिसवास बा तउ तू पउब्या।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.