Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
प्रभात क हरिणी नाउँ क राग पइ संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु भजन।
1 हे मोरे परमेस्सर, हे मोरे परमेस्सर, तू मोका काहे तजि दिहा ह?
मोका बचावइ बरे तू काहे बहोतइ दूर अहा?
मोर मदद क पुकार क सुनइ बरे तू बहोतइ दूर अहा।
2 हे मोरे परमेस्सर, मइँ तोहका दिन मँ पुकारेउँ
मुला तू जवाब नाहीं दिहा,
अउर मइँ राति भर तोहका पुकारत रहेउँ।
3 हे परमेस्सर, तू पवित्तर अहा।
तू राजा क नाई बिराजमान अहा।
इस्राएल क स्तुतियन तोहार सिंहासन अहइ।
4 हमार पुरखन तोह पइ बिस्सास किहन।
हाँ हे परमेस्सर उ पचे तोहार भरोसा रहेन।
अउर तू ओनका बचाए रह्या।
5 हे परमेस्सर, हमार पुरखन तोहका मदद क गोहराएन अउर उ पचे आपन दुस्मनन स बच निकरेन।
उ पचे तोह पइ बिस्सास किहन अउर उ पचे निरास नाहीं भएन।
6 तउ का मइँ फुरइ कउनो कीरा हउँ,
जउन लोग मोहसे लज्जित भए बाटेन अउर मोहसे घिना करत हीं?
7 जउन भी मोका लखत ह मोर हँसी उड़ावत ह,
उ पचे आपन मूड़ँ हलावत अउ आपन ओंठ बिरावत हीं।
8 उ पचे मोसे कहत हीं कि, “आपन रच्छा बरे तू यहोवा क गोहँराइँ सकत ह।
उ तोहका बचाइ लेइ।
अगर तू ओका ऍतना भावत ह तउ, निहचय ही उ तोहका बचाइ लेइ।”
9 हे परमेस्सर फुरइ तउ इ अहइ कि सिरिफ तू ही अहा जेकरे ऊपर मइँ निर्भर हउँ।
तू मोका उ दिन स संभालया ह, जब स मोर जन्म भवा।
तू ही अहा जेकर कारण स मइँ बच्पन स बिस्सास किहेउँ।
10 ठीक उहइ दिना स जब स मइँ जन्म लिहेउँ ह, तू मोर परमेस्सर रह्या ह।
जइसे ही मइँ आपन महतारी क कोख स बाहेर आए रहेउँ, मोका तोहरी देखरेख मँ रख दीन्ह ग रहा।
11 तउ हे, परमेस्सर! मोका जिन बिसरि जा,
संकट निअरे बाटइ, अउर कउनो भी मनई मोर मदद क नाहीं अहइ।
12 मइँ ओन लोगन स घिरा अहउँ,
जउन सक्तीसाली साँड़न जइसे मोका घेरे भए अहइँ।
13 उ पचे ओन सिंहन जइसे अहइँ, जउन कउनो जन्तु क चीरत होइँ अउ दहाड़त होइँ
अउर ओनकर मुँह विकराल खुला भवा होइँ।
14 मोर सक्ती धरती पइ बिखरे जल
स लुप्त होइ गइ।
मोर हाड़न अलगाइ ग अहइँ।
मोर साहस खतम होइ चुका अहइ।
15 मोर मुँह एक पुराना टूटा भवा बर्तन क टूका क नाईं सूख गवा अहइ।
मोर जीभ आपन ही तालु स चिपकत अहइ।
तू मोका कब्र क धूरि मँ डार दिहा ह।
17 “मोर जिउने कि इच्छा नस्ट कीन्ह ग अहइ।
मोर प्राण लगभग जाइ चुका अहइ।
कब्र मोर बाट जोहत अहइ।
2 लोग मोका घेर लेत हीं अउर मोह पइ हँसत हीं।
मइँ ओनका लखत हउँ जब लोग मोर अपमान करत हीं।
3 “परमेस्सर, मोर बेकसूर होइ क पुस्टि करा।
मोर निर्दोख होइ क गवाही देइ बरे कउनो तइयार नाहीं होइ।
4 मोरे मीतन क मन तू मूदँ ल्या ह।
एह बरे उ पचे जीत नाहीं सकब।
5 लोग जउन कहत ह उ तू जानत ह,
‘मनई आपन मीत क मदद करइ बरे
आपन गदेलन क नज़र अन्दाज़ करत ह।’
6 परमेस्सर मोर नाउँ हर कउनो बरे अपसब्द बनाएस ह
अउर लोग मोरे मुँहे पइ थूका करत हीं।
7 मोर आँखी लगभग आँधर होइ चुकी अहइ काहेकि मइँ बहोत दुःखी हउँ।
मोर देह एक छाया क तरह दुर्बल होइ चुकी अहइ।
8 नीक लोगन ब्याकुल अहइं कि इ घटि सकत ह।
निरअपराध लोग ओन क खिलाफ उत्तेजित अहइ।
जउन परमेस्सर क मज़ाक उड़ावत ह।
9 मुला सज्जन नेकी क जिन्नगी जिअत रहहीं।
निरापाराधी लोग सक्तीसाली होइ जइहीं।
10 “जदि तू लउटि आउब्या, तउ आवा।
किन्तु मइँ दिखाउब कि तू पचन मँ स कउनो बुहिदमान नाहीं अहइँ।
11 मोर जिन्नगी यो ही बीतन अहइ।
मोर सबइ जोजना टूट गइ अहइँ अउर आसा चली गइ अहइ।
12 हरेक चीज क उलझा दीन्ह ग ह,
उ पचे रात क दिन कहत ह अउर प्रकास अँधियारा लिआवत ह।
13 “मइँ आसा करउँ कि कब्र मोर घर
अउ अँधियारा मोर बिछउना होइ।
14 अगर मइँ कब्र स कहउँ, ‘तू मोरे बाप अहा,’
अउर कीरा स ‘तू मोर महतारी अहा,’ या ‘तू मोर बहिन अहा।’
15 अगर उ मोर सिरिफ एक ठु आसा अहइ तबइ तु कउनो आसा मोका नाहीं अहइ
अउर कउनो भी मनई मोरे बरे कउनो आसा नाहीं लखि सकत ह।
16 का मोर आसा भी मोरे संग मरि जाइ?
का मइँ अउर मोरे आसा एक संग कब्र मँ मिलिहीं?”
अबिसवासियन क विरूद्ध चेतावनी
7 एह बरे पवित्तर आतिमा कहत हः
“आज अगर ओकर सुना आवाज,
8 जिन करा आपन हिरदय क जड़ रहेन किहे जइसेन बगावत क दिना मँ
जब तू पचे रेगिस्तान मँ
परमेस्सर क परखे रह्या
9 मोका परखेन तोहार पूर्वजन तउ, लिहेन परीच्छा धीरज क मोर ओ सबइ
अउर देखेन काम मोर जेन्हे मइँ करत रहेउँ चालीस बरस!
10 इहइ रहा उ कारण जेसे क्रोधित मइँ ओन्हन लोगन स रहेउँ:
अउर फिन मइँ कहे रहेउँ, ‘हिरदय एनकइ भटकत रहत रहेन
हमेसा ही का नाहीं इ जानतेन जउन रस्ता मोर’
11 क्रोध मँ मइँ इही स तब सपथ लइके कहे रहेउँ
‘इ कबहुँ बिस्राम मँ मोरे न सामिल होइहीं।’” (A)
12 भाइयो तथा बहिनियो, देखत रहा कहूँ तोहमाँ स कउनो क मन मँ पाप अउर अबिसवास न समाइ जाइ जउन तोहे सजीव परमेस्सर से भी दूर भटिकाइ देइ। 13 जब तलक इ “आजु” क दिना कहवावत ह, तू हर दिन परमेस्सर एक दुसरे क ढॉढ़स बंधावत रहा जइसेन तोहमाँ स कउनउ पाप क छलावा मँ पड़िके जड़ न बनि जाए। 14 अगर हम अंत तक मजबूती क साथे अपने आरम्भ क बिसवास क थामे रहित ह तउ हम मसीह क भागीदारि बनि जाइत ह। 15 जइसेन कि कहा भी गवा बाः
“आजु अगर ओकर सुना आवाज!
न करा आपन हिरदय क जड़ रहे किहे
जइसेन कि बगावत क दिनन मँ।” (B)
16 भला उ पचे कउन रहेन जइसेन उ पचे सुनेन अउर बिद्रोह किहेन? का उ पचे उहइ सब नाहीं रहेन जेन्हे मूसा तउ मिस्र स बचाइ क निकाले रहा? 17 उ चालीस बरसन तलक केन पइ क्रोधित रहा? का ओनहीं प नाहीं जे पाप किहे रहेन अउर जेनकर ल्हास रेगिस्तान मँ पड़ा रहेन? 18 परमस्सर कनके बरे सपथ उठाए रहा कि उ पचे ओकर बिस्राम मँ प्रवेस न कर पइहीं? का उ पचे उहइ सब नाहीं रहेन जे ओनके आज्ञा क उल्लंघन किहे रहेन? 19 एह तरह हम देखित अही कि उ पचे अपने अबिसवासे क कारण ही उहाँ प्रवेस पावइ मँ समर्थ नाहीं होइ सका रहेन।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.