Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
हे
33 हे यहोवा, तू मोका आपन व्यवस्था सिखावा
तब मइँ धियानपूर्वक ओनकर अनुसरण करब।
34 ओनका समुझइँ मँ मोर मदद करा।
अउर मइँ तोहरी सिच्छन क पालन करब।
मइँ पूरी मन स ओनकर पालन करब।
35 मोका आपन आग्यन क राहे पइ चलावा।
मइँ ओन पइ प्रसन्न हउँ।
36 मोर मदद करा कि मइँ तोहरे करार क मनन करउँ,
बजाय ओकरे कि कइसे धन हासिल करेउँ।
37 मोका बियर्थ चिजियन पइ धियान जिन देइ द्या।
तोहार राहे मँ रहइ बरे मोर मदद करा।
38 मइँ तोहार सेवक अहउँ।
तउ ओन बातन क करा जेनकर वचन तू दिहा ह ताकि मइँ तोहार सम्मान कइ सकउँ।
39 मोका उ अपमान स मुक्त करा जेसा मइँ डेरात हउँ।
तोहार फइसलन हमेसा नीक होत हीं।
40 मइँ तोहरे उपदेसन क अभिलासी हउँ।
मोर भला करा अउर मोका जिअइ द्या।
दूसर पाप बरे दोखबलि
6 यहोवा मूसा स कहेस, 2 “एक मनई यहोवा क समन्वा दोखी समुझा जाइ अगर उ एनमाँ स कउनो कार्य करत ह: उ एक पड़ोसी क उ सामान जउन ओका देखरेख करइ बरे दीन्ह ग अहइ क बरे छल कइ सकत ह, या उ वस्तु क आपन खुद क लइ ले सकत ह, या उ कछू चोराइ सकत ह, या आपन पड़ोसी क ठग सकत ह, 3 या ओका कउनो क हेरान चीज मिलइ अउर तब उ ओकरे बारे मँ लबार बोल सकत ह या कउनो मनई कछू करइ क झूठा बचन दइ सकत ह या उ कउनो अइसा अपराध कइ सकत ह जउन दूसर लोग करत ह। 4 अगर कउनो मनई अइसा पाप ओनमाँ स करत ह अउ उ दोखी होत ह, ओका उ जरूर वापिस करइ चाही जउन उ चुराएस ह, या उ लाभ जउन उ ठगी स प्राप्त किहेस ह, या उ सामान जउन देखरेख बरे लिहस ह, या उ खोया भवा सामान जउन उ पाएस ह, क जरूर वापिस करइ चाही। 5 या जउन कउनो क बारे मँ झूठ बचन दीन्ह ग होइ, उ ओका ओन वस्तुअन क पूरा दाम चुकावइ चाही अउर तब ओका चीज क दाम क पाँचवाँ हींसा अलावा देइ चाही। ओका असली मालिक क धन जरूर देइ चाही। ओका इ उहइ दिन करइ चाही जउने दिन उ दोखबलि लिआवइ। 6 उ व्यक्ति क दोखबलि याजक क लगे जरूर लिआवइ चाही। इ जरूर झुण्ड स एक भेड़ा होइ चाही। भेड़ा मँ कउनो दोख नाहीं होइ चाही। इ जरूर उहइ दाम क होइ चाही जउन याजक कहइ। इ यहोवा बरे दोखबलि होइ। 7 तब याजक यहोवा क समन्वा उ मनई क ओन पापन क पछतावा करी अउ उ व्यक्ति सभी चीजन बरे छिमा पाइ जेनका उ किहेस अउ उ दोखी होइ गवा।”
2 सुना! खुद मइँ, पौलुस तोहसे कहत रहेउँ कि अगर खतना कराइके तू पचे फिन स व्यवस्था कइँती लउतट ह्या तउ तोहरे मसीह क कउनउ महत्व न रहइ। 3 आपन खतना कराइ देइवाले हर एक मनई क, मइँ एक दाई फिन स जताए देत हउँ कि ओका पूरा व्यवस्था पर चलब जरुरी बा। 4 तू सबन मँ स जेतना जने व्यवस्था क पालइ क कारण धर्मी क रूप मँ स्वीकृत होइ चाहत हीं। उ सब मसीह स दूर होइ ग बाटेन अउर परमेस्सर क अऩुग्रह क च्छेत्र स बाहेर अहइँ। 5 मुला हम बिसवास क कारण परमेस्सर क सामने धर्मी स्वीकार कीन्ह जाइ क आसा करित ह। आतिमा क सहायता स हम एकर बाट जोहत रहेन ह। 6 काहेकि मसीह ईसू मँ स्थिति क बरे न तउ खतना करावइ क कउनउ महत्व बा अउर न खतना नाहीं करावइ क बल्कि ओहमाँ तउ पिरेम स पइदा होइवाला बिसवास क ही महत्व बा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.