Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
आखिरी दिन म अभक्ति
3 ए बात ला जान ले कि संसार के आखिरी दिनमन म कठिन समय आही। 2 मनखेमन अपन-आप ले अऊ पईसा ले मया करइया, डींगमार, घमंडी, गाली-गलौच करइया, दाई-ददा के कहना नइं मनइया, अहसान नइं मनइया, अपबितर, 3 बिगर मया के, छेमा नइं करइया, निन्दा करइया, असंयमी, निरदयी, भलई के बईरी, 4 बिसवासघात करइया, उतावला, अभिमानी अऊ परमेसर म नइं, पर भोग-बिलास म मन लगइया होहीं। 5 ओमन भक्ति के भेस धरहीं, पर एकर सामरथ ला नइं मानहीं। अइसने मनखेमन ले दूरिहा रहे कर।
6 ओमन अइसने मनखे अंय, जऊन मन घर म कलेचुप घूसरथें अऊ ओ छिछोरी माईलोगनमन ला बस म कर लेथें, जऊन मन पाप ले दबे अऊ जम्मो किसम के वासना के बस म हवंय। 7 ए माईलोगनमन हमेसा सीखत तो रहिथें, पर सच्चई के पहिचान कभू नइं कर सकंय। 8 जइसने यन्नेस अऊ यम्ब्रेस, मूसा के बिरोध करिन, वइसने ए मनखेमन घलो सच्चई के बिरोध करथें। एमन अइसने मनखे अंय, जेमन के दिमाग ह खराप हो गे हवय अऊ एमन बिसवास ला छोंड़ दे हवंय। 9 पर एमन जादा आघू नइं जा सकंय, काबरकि जम्मो झन ओमन के मूर्खता ला जान लिहीं, जइसने कि मूसा के बिरोधीमन संग होय रिहिस।
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