Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
परमेसर के बने सेवक
14 मनखेमन ला ए बातमन के सुरता करावत रह, अऊ परमेसर के आघू म ओमन ला चेतउनी दे कि ओमन कोनो बचन के बारे म झगरा झन करंय, जेकर ले कोनो फायदा नइं होवय, बल्कि एह सुनइयामन के नास होय के कारन बनथे। 15 अपन-आप ला परमेसर के गरहन करे लइक अऊ अइसन काम करइया बनाय के कोसिस कर, जऊन ला लजाय के जरूरत नइं होवय अऊ जऊन ह सत के बचन ला सही ढंग ले बताथे। 16 अभक्ति अऊ मूर्खता के बातचीत ले दूरिहा रहे कर, काबरकि जऊन मन अइसने बातचीत म सामिल होथें, ओमन परमेसर ले अऊ दूरिहा होवत जाथें। 17 ओमन के सिकछा ह सरहा घाव सहीं बगरत जाथे। हुमिनयुस अऊ फिलेतुस इही मन ले अंय 18 अऊ एमन सत के बचन ले दूरिहा हो गे हवंय। एमन कहिथें कि मरे मनखेमन के जी उठई त हो चुके हवय अऊ अइसने कहिके, एमन कुछू मनखेमन के बिसवास ला नास कर देथें। 19 पर परमेसर के पक्का नींव ह मजबूत हवय अऊ ओम ए बचन लिखाय हवय: “परभू ह अपन मनखेमन ला जानथे” अऊ “हर ओ मनखे, जऊन ह परभू ऊपर बिसवास करथे, ओह बुरई ले दूरिहा रहय।”
20 एक बड़े घर म सिरिप सोना अऊ चांदी के ही नइं, पर उहां कठवा अऊ माटी के बरतन घलो रहिथे, कुछू बरतन मन खास उपयोग खातिर अऊ कुछू मन मामूली उपयोग खातिर। 21 यदि कोनो अपन-आप ला ए जम्मो बुरई ले दूरिहा रखही, त ओह खास काम म उपयोग होही अऊ पबितर होही अऊ ओह अपन मालिक के काम आही अऊ कोनो भी बने काम करे बर तियार रहिही।
22 तेंह जवानी के वासना ले दूरिहा रह, अऊ जऊन मन साफ मन ले परभू के नांव लेथें, ओमन संग धरमीपन, बिसवास, मया अऊ सांति के साधना म लगे रह। 23 पर मूर्खता अऊ अगियानता के बहस ले दूरिहा रह, काबरकि तेंह जानथस, एकर ले झगरा होथे। 24 परभू के सेवक ला झगरहा नइं होना चाही, पर ओला हर एक के ऊपर दया करइया, सिखोय म माहिर अऊ सहनसील होना चाही। 25 ओह अपन बिरोधीमन ला ए आसा म नमरता ले समझावय कि परमेसर ह ओमन ला मन फिराय के मऊका दिही अऊ ओमन सच ला जानहीं, 26 अऊ तब ओमन अपन चेत म आके, ओ सैतान के फांदा ले बचहीं, जऊन ह अपन ईछा पूरा करे बर ओमन ला पकड़े हवय।
Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.