Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
धनवानमन ला चेतउनी
5 हे धनवान मनखेमन, मोर बात ला सुनव; तुमन अपन ऊपर अवइया बिपत के कारन गोहार पारके रोवव। 2 तुम्हर धन-दौलत ह सड़ गे हवय अऊ तुम्हर कपड़ामन ला कीरा खा गे हवय। 3 तुम्हर सोना-चांदी म जंक लग गे हवय, अऊ ए जंक ह तुम्हर बिरोध म गवाही दिही कि तुमन कतेक लालची अव अऊ एमन तुम्हर कठोर सजा के कारन बनहीं। तुमन संसार के आखिरी समय म धन बटोरे हवव। 4 देखव, जऊन बनिहारमन तुम्हर खेत के फसल ला लुईन, ओमन के बनी ला तुमन धोखा देके रख ले हवव, एकरसेति ओमन रोवत हवंय; अऊ ओमन के रोवई ह सर्वसक्तिमान परभू के कान तक पहुंच गे हवय। 5 तुमन धरती म भोग-बिलास अऊ सुख के जिनगी बिताय हवव। तुमन बध होय के दिन खातिर अपन-आप ला मोटा-ताजा कर ले हवव। 6 तुमन धरमी मनखेमन ऊपर दोस लगाके ओमन ला मार डारेव। ओमन तुम्हर बिरोध नइं करत रिहिन।
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