Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
अबिसवास के बिरोध म चेतउनी
7 एकरसेति, जइसने कि पबितर आतमा ह कहिथे:
“आज, यदि तुमन ओकर अवाज ला सुनथव,
8 त अपन हिरदय ला कठोर झन करव,
जइसने कि तुम्हर पुरखामन निरजन प्रदेस म,
बिदरोही होके परखे जाय के बेरा परमेसर के बिरोध म करे रिहिन।
9 ओमन उहां मोला परखिन अऊ जांचिन,
अऊ चालीस साल तक मोर काम ला देखिन।
10 एकरे कारन, मेंह ओ पीढ़ी के मनखेमन ले नराज रहेंव,
अऊ मेंह कहेंव, ‘ओमन के मन ह हमेसा भटकत रहिथे,
अऊ ओमन मोर रसता ला नइं जानंय।’
11 एकरसेति, मेंह कोरोध म कसम खाके कहेंव,
‘ओमन ओ ठऊर म कभू नइं जा सकहीं, जिहां मेंह ओमन ला अराम देवइया रहेंव।’ ”[a]
12 हे भाईमन हो, एकर धियान रखव कि तुमन ले काकरो पापमय अऊ अबिसवासी हिरदय झन होवय, जऊन ह कि जीयत परमेसर ले दूरिहा हो जाथे। 13 पर हर एक दिन, एक-दूसर ला ढाढ़स बंधावव, जब तक कि एला आज कहे जाथे, ताकि तुमन कोनो घलो पाप के छल म पड़के कठोर झन होवव। 14 जऊन बिसवास, हमर करा सुरू म रिहिस, यदि हमन ओम आखिरी तक मजबूत बने रहन, तभे मसीह के काम म हमर बांटा हवय। 15 जइसने कि परमेसर के बचन म ए कहे गे हवय:
“यदि आज तुमन ओकर अवाज ला सुनथव,
त अपन हिरदय ला कठोर झन करव,
जइसने कि तुम्हर पुरखामन परमेसर के बिरोध म बिदरोही होके करिन।”[b]
16 ओमन कोन रिहिन, जऊन मन परमेसर के अवाज ला सुनिन, अऊ ओकर बिरोध म बिदरोह करिन? का ओमन ओ जम्मो मनखे नइं रिहिन, जऊन मन ला मूसा ह मिसर देस ले निकारके लानिस? 17 अऊ काकर ले परमेसर ह चालीस साल तक नराज रिहिस? का ओमन ले नो हय, जऊन मन पाप करिन अऊ निरजन प्रदेस म गिरके मर गीन? 18 अऊ परमेसर ह कसम खाके कोन ला कहिस कि ओमन ओकर बिसराम म कभू नइं जा सकहीं[c]? सिरिप ओमन ला, जऊन मन ओकर हुकूम नइं मानिन। 19 ए किसम ले, हमन देखथन कि ओमन अपन अबिसवास के कारन ओ देस म नइं जा सकिन।
परमेसर के मनखेमन बर बिसराम
4 एकरसेति, जब परमेसर के बिसराम म जाय के वायदा ह अभी तक कायम हवय, त हमन ला सचेत रहना चाही ताकि तुमन ले कोनो घलो ओ बिसराम म जाय बर नकाबिल झन होवव। 2 काबरकि हमन ला घलो सुघर संदेस सुनाय गीस, जइसने ओमन ला सुनाय गे रिहिस, पर जऊन संदेस ओमन सुनिन, ओकर ले ओमन ला कोनो फायदा नइं होईस, काबरकि जऊन मन एला सुनिन, ओमन बिसवास के संग एला गरहन नइं करिन। 3 हमन जऊन मन कि बिसवास करे हवन, ओ बिसराम म जाथन, जइसने कि परमेसर ह कहे हवय,
“एकरसेति मेंह नराज होके कसम खाएंव,
ओमन मोर बिसराम म कभू नइं जा सकहीं।”[d]
हालाकि ओकर काम ह ओ समय पूरा हो गे रिहिस, जब ओह संसार ला बनाईस। 4 काबरकि कोनो मेर, ओह सातवां दिन के बारे म अइसने कहे हवय, “अऊ सातवां दिन, परमेसर ह अपन जम्मो काम ले बिसराम करिस।”[e] 5 अऊ फेर, ओही बिसय म, ओह ए कहिथे, “ओमन मोर बिसराम म कभू नइं जा सकहीं।”
6 एह अभी तक लागू हवय कि कुछू मनखे, ओ बिसराम म जा सकहीं अऊ जऊन मन ला पहिली सुघर संदेस सुनाय गे रिहिस, ओमन एम नइं जा सकिन, काबरकि ओमन परमेसर के हुकूम ला नइं मानिन। 7 एकरसेति, परमेसर ह एक आने दिन ला तय करथे, जऊन ला “आज” कहे जाथे। बहुंत समय के बाद, ओह दाऊद राजा के जरिये एकर बारे म कहिस, जइसने कि परमेसर के बचन म लिखाय हवय:
“यदि आज तुमन ओकर अवाज ला सुनथव,
त अपन हिरदय ला कठोर झन करव।”[f]
8 काबरकि, यदि यहोसू ह ओमन ला बिसराम दे रिहिस, त परमेसर ह बाद म, आने दिन के बारे म नइं गोठियाय रहितिस। 9 एकरसेति, परमेसर के मनखेमन बर, एक बिसराम बचे हवय। 10 काबरकि जऊन ह परमेसर के बिसराम म जाथे, ओह अपन काम ले घलो बिसराम करथे, जइसने परमेसर ह अपन काम ले बिसराम करिस। 11 एकरसेति, आवव, हमन ओ बिसराम म जाय के पूरा कोसिस करन, ताकि अइसने झन होवय कि कोनो मनखे ओमन सहीं हुकूम नइं मानके गिर पड़ंय।
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