Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
36 याफा म तबीता नांव के बिसवासी माईलोगन रहय (तबीता ला यूनानी म दोरकास कहे जाथे, जेकर मतलब हिरन होथे)। ओह हमेसा भलई करय अऊ गरीबमन के मदद करय। 37 ओही दिन म, ओह बेमार पड़िस अऊ मर गीस। मनखेमन ओकर लास ला नहवाके ऊपर के कमरा म रख दीन। 38 लुद्दा नगर याफा के लकठा म रिहिस। चेलामन जब ए सुनिन कि पतरस ह लुद्दा म हवय, त ओमन दू झन ला पठोके ओकर ले बिनती करिन, “हमर करा तुरते आ।”
39 तब पतरस ह उठके ओमन के संग याफा गीस अऊ जब ओह उहां हबरिस, त मनखेमन ओला ऊपर के कमरा म ले गीन। जम्मो बिधवामन रोवत पतरस करा आके ठाढ़ हो गीन अऊ जऊन कुरता अऊ आने कपड़ामन ला दोरकास ह ओमन के संग रहत बनाय रहय, ओ जम्मो ला पतरस ला देखाय लगिन।
40 तब पतरस ह जम्मो झन ला कमरा ले बाहिर कर दीस अऊ माड़ी टेकके पराथना करिस अऊ लास कोति देखके कहिस, “हे तबीता, उठ।” ओह अपन आंखी ला उघारिस अऊ पतरस ला देखके उठ बईठिस। 41 पतरस ह ओकर हांथ ला सहारा देके ओला उठाईस। तब पतरस ह बिसवासी मनखे अऊ बिधवा मन ला बलाईस अऊ ओला जीयत-जागत देखाईस। 42 ए बात ह जम्मो याफा सहर म फइल गीस अऊ बहुंते मनखेमन परभू ऊपर बिसवास करिन। 43 पतरस ह याफा म सिमोन नांव के चमड़ा के धंधा करइया एक मनखे के इहां कुछू दिन रिहिस।
सफेद कपड़ा पहिरे मनखेमन के बड़े भीड़
9 एकर बाद मेंह जम्मो देस, गोत्र, जाति अऊ भासा के मनखेमन के एक बड़े भीड़ ला देखेंव, जेकर गनती कोनो नइं कर सकत रिहिन। ओमन सफेद कपड़ा पहिरे अऊ हांथ म खजूर के डालीमन ला धरके सिंघासन अऊ मेढ़ा-पीला के आघू म ठाढ़े रिहिन। 10 अऊ ओमन ऊंचहा अवाज म चिचियाके कहत रिहिन:
“सिंघासन म बिराजे हमर परमेसर
अऊ मेढ़ा-पीला के दुवारा उद्धार होथे।”
11 सिंघासन, अगुवा अऊ चारों जीयत परानी के चारों कोति जम्मो स्वरगदूतमन ठाढ़े रहंय। ओमन सिंघासन के आघू म मुहूं के भार गिरिन अऊ ए कहत परमेसर के अराधना करिन:
12 “आमीन!
हमर परमेसर के इस्तुति,
महिमा, बुद्धि, धनबाद, आदर,
सामरथ अऊ बल जुग-जुग तक होवय,
आमीन!”
13 तब अगुवामन ले एक झन मोर ले पुछिस, “जऊन मन सफेद कपड़ा पहिरे हवंय, ओमन कोन अंय, अऊ ओमन कहां ले आय हवंय?”
14 मेंह कहेंव, “हे महाराज, तेंह जानथस।”
अऊ ओह कहिस, “एमन ओ मनखे अंय, जऊन मन भारी सतावा म ले होके आय हवंय। एमन मेढ़ा-पीला के लहू म अपन कपड़ा ला धोके सफेद कर ले हवंय।
15 एकरसेति,
एमन परमेसर के सिंघासन के आघू म ठाढ़े रहिथें,
अऊ रात-दिन परमेसर के सेवा ओकर मंदिर म करथें,
अऊ जऊन ह सिंघासन म बिराजे हवय,
ओह ओमन के संग रहिके ओमन के रकछा करही।
16 ‘एमन ला न तो कभू भूख लगही,
अऊ न कभू पियास।
सूरज के घाम ह एमन के कुछू नइं कर सकय,’[a]
अऊ तीपत गरमी के कुछू असर एमन ऊपर नइं होवय।
17 काबरकि जऊन मेढ़ा-पीला ह सिंघासन के आघू म हवय,
ओह ओमन के चरवाहा होही;
‘ओह ओमन ला जिनगी के पानी के सोतामन करा ले जाही।’
‘अऊ परमेसर ह ओमन के आंखी के जम्मो आंसू ला पोंछही।’[b]”
यहूदीमन के अबिसवास
22 जड़काला के समय रहय, अऊ ओ समय यरूसलेम सहर म अरपन के तिहार मनाय जावत रहय। 23 यीसू ह मंदिर के इलाका म रहय अऊ ओह सुलेमान के परछी म टहलत रहय। 24 यहूदीमन ओकर चारों खूंट जुरके ओला कहिन, “तेंह कब तक हमन ला दुबिधा म रखबे? यदि तेंह मसीह अस, त हमन ला साफ-साफ बता दे।”
25 यीसू ह जबाब देके कहिस, “मेंह तुमन ला बता डारे हवंव, पर तुमन बिसवास नइं करव। जऊन काममन ला मेंह अपन ददा के नांव म करथंव, ओही काममन मोर गवाह हवंय, 26 पर तुमन बिसवास नइं करव, काबरकि तुमन मोर भेड़ नो हव। 27 मोर भेड़मन मोर अवाज ला सुनथें; मेंह ओमन ला जानथंव, अऊ ओमन मोर पाछू-पाछू चलथें। 28 मेंह ओमन ला परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी देथंव, अऊ ओमन कभू नास नइं होहीं; अऊ ओमन ला कोनो मोर हांथ ले छीन के नइं ले जा सकय। 29 मोर ददा जऊन ह ओमन ला मोला दे हवय, ओह सबले बड़े अय, अऊ कोनो ओमन ला मोर ददा के हांथ ले छीन नइं सकय। 30 मेंह अऊ मोर ददा एकेच अन।”
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