Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
34 सचेत रहव, नइं तो तुम्हर हिरदय ह खराप जिनगी, मतवालपन अऊ जिनगी के चिंता करे म लग जाही, अऊ ओ दिन ह एक ठन फांदा के सहीं तुम्हर ऊपर आ जाही। 35 काबरकि एह ओ जम्मो झन के ऊपर आही, जऊन मन धरती म रहिथें। 36 हमेसा सचेत रहव अऊ पराथना करत रहव कि तुमन ओ जम्मो अवइया संकट ले बच सकव, अऊ तुमन ‘मनखे के बेटा’ के आघू म ठाढ़ होय के लइक बन सकव।”
37 हर एक दिन यीसू ह मंदिर म उपदेस करय, अऊ हर संझा ओह बाहिर जैतून नांव के पहाड़ म रात बिताय बर चले जावय, 38 अऊ जम्मो मनखेमन बड़े बिहनियां ले ओकर बात सुने बर मंदिर म आवंय।
यहूदा ह यीसू ला पकड़वाय बर तियार हो जाथे
(मत्ती 26:14-16; मरकुस 14:10-11)
22 यहूदीमन के बिन खमीर के रोटी के तिहार जऊन ला फसह तिहार कहे जाथे, लकठा आवत रहय। 2 अऊ मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरू मन चुपेचाप यीसू ला मार डारे के कुछू उपाय खोजत रहंय, पर ओमन मनखेमन ले डर्रावत रहंय। 3 तब सैतान ह यहूदा के भीतर म हमाईस, जऊन ला इस्करियोती घलो कहे जावय; अऊ जऊन ह यीसू के बारह चेलामन ले एक झन रिहिस। 4 यहूदा ह मुखिया पुरोहित अऊ मंदिर के रखवार मन के अधिकारीमन करा गीस अऊ ओमन के संग बातचीत करिस कि ओह यीसू ला कइसने ओमन के हांथ म पकड़वाही। 5 ओमन खुस होईन अऊ ओला पईसा देय बर राजी हो गीन। 6 यहूदा घलो तियार हो गीस, अऊ मऊका खोजे लगिस कि जब उहां भीड़ झन रहय, तब ओह यीसू ला ओमन के हांथ म पकड़वा देवय।
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