Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
20 एकरसेति, हमन मसीह के राजदूत अन, मानो परमेसर ह हमर जरिये तुमन ले बिनती करत हवय। मसीह कोति ले, हमन तुम्हर ले बिनती करथन कि परमेसर के संग मेल-मिलाप कर लेवव। 21 मसीह ह कोनो पाप नइं करे रिहिस, पर हमर हित म, परमेसर ह हमर पाप ला ओकर ऊपर डार दीस ताकि मसीह के जरिये परमेसर के धरमीपन ह हमन म आ जावय।
6 हमन परमेसर के संगी करमी के रूप म, तुमन ले बिनती करथन कि परमेसर ले मिले अनुग्रह ला बेकार झन होवन देवव। 2 काबरकि परमेसर ह कहिथे,
“अपन ठीक समय म मेंह तुम्हर पराथना ला सुनेंव,
अऊ उद्धार के दिन म मेंह तुम्हर मदद करेंव।”[a]
मेंह तुमन ला बतावत हंव, देखव, एह सही समय ए, एह उद्धार के दिन ए।
पौलुस के दुःख सहई
3 हमन काकरो रसता म बाधा नइं डालन, ताकि कोनो हमर सेवा म दोस झन पावय। 4 पर हर बात म हमन अपन-आप ला परमेसर के सेवक जताथन – सहन करे म, समस्या, दुःख, अऊ बिपत्ती म, 5 मार खाय, जेल जाय म अऊ मनखेमन के हंगामा करे म; कठोर मिहनत, रात-रात भर जगई अऊ भूख म; 6 सुधता, समझ, धीरज अऊ दयालुता म; पबितर आतमा म अऊ निस्कपट मया म; 7 सच बात गोठियाय म, अऊ परमेसर के सामरथ म; धरमीपन के हथियार संग लड़े म अऊ बचाव करे म; 8 आदर अऊ अनादर म, बड़ई अऊ बदनामी म। हमन सच गोठियाथन, तभो ले हमर संग लबरामन सहीं बरताव करे जाथे। 9 हमन ला जम्मो झन जानथें, तभो ले हमर संग अनजानमन सहीं बरताव करे जाथे। हमन मरे सहीं रहिथन, पर हमन जीयत हवन। हमन मार खाथन, पर मार डारे नइं जावन। 10 हमन दुःखी तो हवन, पर हमेसा आनंद मनावत रहिथन। हमन गरीब अन, पर बहुंत झन ला धनवान बनाथन। हमर करा कुछू नइं ए, तभो ले हमन जम्मो चीज ऊपर अधिकार रखथन।
जरूरतमंद ला दान
6 “सचेत रहव! तुमन मनखेमन के आघू म ओमन ला देखाय बर अपन धरमीपन के काम झन करव। नइं तो तुमन ला अपन स्वरगीय ददा ले कुछू इनाम नइं मिलय।
2 एकरसेति, जब तुमन जरूरतमंद मनखे ला देथव, त डुगडुगी झन पिटवाव, जइसने कि ढोंगी मनखेमन सभा-घर अऊ गली मन म करथें, ताकि मनखेमन ओमन के बड़ई करंय। मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि ओमन अपन जम्मो इनाम पा गीन। 3 पर जब तुमन जरूरतमंद मनखे ला देथव, त तुम्हर डेरी हांथ ए बात ला झन जानय कि तुम्हर जेवनी हांथ का करत हवय। 4 तुम्हर दान ह गुपत म रहय। तब तुम्हर स्वरगीय ददा जऊन ह गुपत म करे गय काम ला घलो देखथे, तुमन ला इनाम दिही।”
पराथना
(लूका 11:2-4)
5 “जब तुमन पराथना करथव, त ढोंगी मनखेमन सहीं झन करव, काबरकि मनखेमन ला देखाय बर, सभा-घर अऊ गली के चऊकमन म ठाढ़ होके पराथना करई, ओमन ला बने लगथे। मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि ओमन अपन जम्मो इनाम पा गीन। 6 जब तुमन पराथना करथव, त अपन खोली म जावव, अऊ कपाट ला बंद करके, अपन ददा ले पराथना करव जऊन ह नइं दिखय। तब तुम्हर ददा जऊन ह गुपत म करे गय काम ला घलो देखथे, तुमन ला इनाम दिही।
उपास
16 “जब तुमन उपास करथव, त तुमन अपन चेहरा ला उदास झन बनावव, जइसने कि ढोंगीमन करथें; ओमन अपन चेहरा ला ओरमाय रहिथें, ताकि मनखेमन देखंय कि ओमन उपास करत हवंय। मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि ओमन अपन जम्मो इनाम पा चुकिन। 17 पर जब तुमन उपास करथव, त अपन मुड़ म तेल चुपरव अऊ मुहूं ला धोवव, 18 ताकि मनखेमन ए झन जानंय कि तुमन उपास करत हवव, पर सिरिप तुम्हर ददा परमेसर ह जानय, जऊन ह नइं दिखय। अऊ तुम्हर ददा, जऊन ह हर गुपत के काम ला देखथे, तुमन ला इनाम दिही।”
स्वरग म धन
(लूका 12:33-34)
19 “अपन खातिर ए धरती म धन जमा झन करव, जिहां कीरा अऊ मुर्चा एला नास करथें, अऊ चोरमन सेंध मारके चुरा लेथें। 20 पर अपन खातिर स्वरग म धन जमा करव, जिहां कीरा अऊ मुर्चा एला नास नइं कर सकंय, अऊ न ही चोरमन सेंध मारके चोरी कर सकंय। 21 काबरकि जिहां तुम्हर धन हवय, उहां तुम्हर मन घलो लगे रहिही।
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