Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
आखिरी निरदेस
12 अब हे भाईमन हो, हमन तुम्हर ले बिनती करथन कि ओमन के आदर करव, जऊन मन तुम्हर बीच म कठोर मिहनत करथें, जऊन मन परभू म तुम्हर अगुवा अंय अऊ जऊन मन तुमन ला सचेत करत रहिथें। 13 ओमन के काम के कारन, मया के संग ओमन के बहुंत आदर करव। एक-दूसर के संग सांति से रहव। 14 अऊ हे भाईमन, हमन तुम्हर ले बिनती करथन कि आलसी मनखेमन ला चेतउनी देवव; डरपोकमन ला उत्साहित करव; निरबलमन के मदद करव; जम्मो झन के संग सहनसीलता के बरताव करव। 15 ए बात के धियान रखव कि तुमन ले कोनो बुरई के बदले बुरई झन करय, पर हमेसा एक-दूसर के अऊ जम्मो झन के भलई करे के कोसिस करव।
16 हमेसा आनंदित रहव; 17 लगातार पराथना करत रहव; 18 हर परिस्थिति म धनबाद देवव, काबरकि तुम्हर बर मसीह यीसू म परमेसर के एहीच ईछा अय।
19 पबितर आतमा के काम ला रोके के कोसिस झन करव; 20 अगमबानी के बात ला तुछ झन समझव। 21 हर बात ला परखव; जऊन ह बने बात ए, ओहीच म बने रहव। 22 हर किसम के बुरई ले अलग रहव।
Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.