Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
सातवां तुरही
15 तब सातवां स्वरगदूत ह अपन तुरही ला फूंकिस, अऊ स्वरग म ऊंचहा अवाज सुनई पड़िस, जऊन ह ए कहत रहय:
“संसार के राज ह हमर परभू
अऊ ओकर मसीह के राज बन गे हवय,
अऊ ओह सदाकाल तक राज करही।”
16 अऊ चौबीस झन अगुवा, जऊन मन परमेसर के आघू म अपन सिंघासन ऊपर बिराजे रिहिन, मुहूं के भार गिरिन अऊ ए कहत परमेसर के अराधना करिन:
17 “हे सर्वसक्तिमान परभू परमेसर, तेंह हवस,
अऊ तेंह रहय; हमन तोला धनबाद देवत हवन,
काबरकि तेंह अपन बड़े सामरथ ला उपयोग करके
राज करे के सुरू करे हवस।
18 देसमन गुस्सा करत रिहिन अऊ तोर परकोप ह आ गे हवय।
मरे मनखेमन के नियाय करे के बेरा आ गे हवय,
अऊ ओ बेरा घलो आ गे हवय कि तोर सेवक अगमजानी अऊ तोर पबितर मनखे अऊ जऊन मन तोर भय मानथें, छोटे बड़े,
ओ जम्मो ला इनाम दिये जावय, अऊ जऊन मन धरती ला नास करथें, ओमन ला नास करे जावय।”
19 तब स्वरग म परमेसर के मंदिर ह खुल गीस, अऊ ओकर मंदिर म ओकर करार के संदूक ह दिखाई दीस। अऊ उहां बिजली के चमक, अवाज, बादर के गरजन अऊ भुइंडोल होईस अऊ भारी करा गिरिस[a]।
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