Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
12 परमेसर के बचन ह जीयत अऊ काम करत हवय। एह दू धार वाले तलवार ले घलो चोक हवय। एह जीव अऊ आतमा, जोड़ अऊ गुदा मन ला अलग-अलग करके आर-पार छेदथे। एह मनखे के मन के बिचार अऊ ईछा ला जांचथे। 13 संसार के कोनो घलो चीज परमेसर के नजर ले छिपे नइं ए। ओकर आंखी के आघू म जम्मो चीजमन खुला अऊ बिगर परदा के हवंय अऊ हमर बर ए जरूरी अय कि हमन ओला अपन लेखा देवन।
यीसू – बड़े महा पुरोहित
14 एकरसेति, जब हमर एक बड़े महा पुरोहित हवय, जऊन ह स्वरगमन ले होके गे हवय। अऊ ओह परमेसर के बेटा यीसू ए; त आवव, हमन ओ बिसवास म मजबूत बने रहन, जऊन ला हमन मानथन। 15 काबरकि हमर महा पुरोहित अइसने नो हय, जऊन ह हमर कमजोरी म, हमर संग सहानुभूति नइं रखय, पर हमर महा पुरोहित हमर सहीं हर किसम ले परखे गीस, पर ओह पाप नइं करिस। 16 एकरसेति आवव, हमन बिसवास के संग अनुग्रह के सिंघासन करा चलन, ताकि हमर ऊपर दया होवय अऊ जरूरत के बखत, हमन ला मदद करे बर अनुग्रह मिलय।
धनी मनखे
(मत्ती 19:16-30; लूका 18:18-30)
17 जब यीसू ह फेर डहार म जावत रिहिस, त एक मनखे दऊड़के आईस अऊ ओकर गोड़ खाल्हे माड़ी के भार गिरके ओकर ले पुछिस, “हे बने गुरू! सदाकाल के जिनगी पाय बर मेंह का करंव?”
18 यीसू ह ओला कहिस, “तेंह मोला काबर बने कहत हवस? कोनो बने नो हंय, सिरिप एके झन – परमेसर के छोंड़। 19 तेंह हुकूममन ला त जानत हवस: ‘हतिया झन करव, छिनारी झन करव, चोरी झन करव, लबारी गवाही झन देवव, कोनो ला झन ठगव, अपन दाई-ददा के आदर-मान करव।’[a]”
20 ओ मनखे ह कहिस, “हे गुरू! ए जम्मो ला मेंह अपन लइकापन ले मानत आवत हंव[b]।”
21 ओला देखके, यीसू ला ओकर ऊपर मया आईस, अऊ यीसू ह ओला कहिस, “तोर म एक बात के कमी हवय। जा, जऊन कुछू तोर करा हवय, ओला बेंचके गरीबमन ला देय दे, तब तोला स्वरग म संपत्ति मिलही। तब आ अऊ मोर पाछू हो ले।”
22 एला सुनके ओ मनखे के चेहरा ह उतर गे अऊ ओह उदास होके उहां ले चल दीस, काबरकि ओह अब्बड़ संपत्ति वाला रिहिस।
23 यीसू ह चारों कोति देखके अपन चेलामन ला कहिस, “धनवानमन के परमेसर के राज म जवई बहुंत कठिन ए।”
24 चेलामन ओकर बात ला सुनके चकित हो गीन। पर यीसू ह फेर कहिस, “हे लइकामन हो! परमेसर के राज म जवई कतेक कठिन ए। 25 परमेसर के राज म एक धनवान के परवेस करई के बनिसपत, ऊंट के सुजी के छेदा म ले निकर जवई ह सहज ए।”
26 चेलामन अऊ चकित होके एक-दूसर ला कहिन, “त फेर कोन ह उद्धार पा सकथे?”
27 यीसू ह ओमन ला देखिस अऊ कहिस, “मनखेमन के दुवारा एह नइं हो सकय, पर परमेसर के दुवारा हो सकथे, काबरकि परमेसर बर कोनो बात ह असंभव नो हय।”
28 पतरस ह ओला कहिस, “देख, हमन तो जम्मो कुछू ला छोंड़के तोर पाछू हो ले हवन।”
29 यीसू ह कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जऊन कोनो, मोर अऊ सुघर संदेस बर अपन घर या भाई या बहिनी या दाई या ददा या लइकामन या खेत-खार ला छोंड़ दे हवय, 30 ओह ए समय म ए चीजमन ला सौ गुना पाही (घर, भाई, बहिनी, दाई, लइका अऊ खेत-खार – अऊ संग म सतावा) अऊ अवइया समय म ओला सदाकाल के जिनगी मिलही। 31 पर बहुंत झन जऊन मन अभी आघू म हवंय, ओमन आखिरी म हो जाहीं अऊ जऊन मन आखिरी म हवंय, ओमन आघू हो जाहीं।”
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