Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
50 हे भाईमन हो, मेंह तुमन ला ए बात बतावत हंव; जऊन ह मांस अऊ लहू के बने हवय, ओह परमेसर के राज के भागी नइं हो सकय, अऊ न ही नासमान ह अमरता ला पा सकथे। 51 सुनव, मेंह तुमन ला एक भेद के बात बतावत हंव: हमन जम्मो झन नइं मरन, पर हमन जम्मो झन बदल जाबो, 52 अऊ एह एक पल म, पलक झपकत, आखिरी तुरही फूंकते ही हो जाही। काबरकि जब तुरही ह फूंके जाही, त मरे मनखेमन अबिनासी रूप म जी उठहीं अऊ हमन बदल जाबो। 53 काबरकि ए जरूरी अय कि ए नासमान सुभाव ह अबिनासी सुभाव ला पहिर ले अऊ ए मरनहार सुभाव ह अमरता ला पहिर ले। 54 जब नासमान ह अबिनासी ला अऊ मरनहार ह अमरता ला पहिर लिही, तब परमेसर के बचन म लिखे ए बात ह सही होही: “मिरतू ला नास करे गीस, अऊ जीत ह पूरा होईस।”[a]
55 “हे मिरतू, तोर जीत कहां हवय?
हे मिरतू, तोर डंक कहां हवय?”[b]
56 मिरतू के डंक तो पाप ए, अऊ पाप के ताकत मूसा के कानून ए। 57 पर परमेसर के धनबाद होवय! ओह हमन ला हमर परभू यीसू मसीह के दुवारा जीतवाथे।
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