Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
5 दूसर दिन अधिकारी, अगुवा, कानून के गुरूमन 6 महा पुरोहित हन्नास अऊ काइफा, अऊ यूहन्ना, सिकन्दर अऊ महा पुरोहित के घर के मन यरूसलेम म जुरिन। 7 ओमन पतरस अऊ यूहन्ना ला मांझा म ठाढ़ करके ओमन ले पुछिन, “तुमन ए काम ला कोन सक्ति या काकर नांव ले करे हवव?”
8 तब पतरस ह पबितर आतमा ले भरके ओमन ला कहिस, “हे मनखेमन के अधिकारी अऊ अगुवामन! 9 ए खोरवा मनखे संग जऊन भलई करे गे हवय, आज हमन ले ओकर बारे म पुछताछ करे जावत हवय कि ओह कइसने बने होईस, 10 त तुमन अऊ जम्मो इसरायली मनखेमन एला जान लेवव कि यीसू मसीह नासरी, जऊन ला तुमन कुरुस ऊपर चघाय रहेव, पर परमेसर ह ओला मरे म ले जियाईस, ओकरे नांव म ए मनखे ह तुम्हर आघू म चंगा होके ठाढ़े हवय।
11 एह ‘ओही पथरा ए,
जऊन ला तुम राज मिस्त्रीमन बेकार समझेव,
पर ओह कोना के मुख पथरा बन गीस।’[a]
12 कोनो आने के दुवारा उद्धार नइं मिलय, काबरकि स्वरग के खाल्हे, मनखेमन ला अऊ कोनो आने नांव नइं दिये गीस, जेकर दुवारा हमन उद्धार पा सकन।”
16 मया के मतलब ला हमन अइसने जानथन: यीसू मसीह ह हमर खातिर अपन जिनगी ला दे दीस। अऊ हमन ला घलो अपन भाईमन खातिर अपन जिनगी ला देना चाही। 17 यदि काकरो करा संसार के संपत्ति हवय अऊ ओह देखथे कि ओकर भाई ला कोनो चीज के जरूरत हवय, पर ओकर ऊपर दया नइं करय, त परमेसर के मया ओम नइं रह सकय। 18 हे लइकामन हो, आवव, हमन सिरिप अपन गोठ अऊ मुहूं ले ही मया नइं करन, पर अपन काम अऊ सत के दुवारा घलो मया करन। 19 एकर दुवारा हमन जानबो कि हमन सत म हवन अऊ परमेसर के आघू म हमर हिरदय ला भरोसा होही, 20 चाहे जब भी हमर हिरदय ह हमन ला दोसी ठहिराय। काबरकि परमेसर ह हमर हिरदय ले बड़े अय अऊ ओह हर एक बात ला जानथे।
21 हे संगवारीमन हो, यदि हमर हिरदय ह हमन ला दोसी नइं ठहिराय, त हमन ला परमेसर के आघू म भरोसा होथे, 22 अऊ जऊन कुछू घलो हमन ओकर ले मांगथन, ओह हमन ला देथे, काबरकि हमन ओकर हुकूम ला मानथन अऊ ओहीच काम करथन, जेकर ले ओला खुसी होथे। 23 अऊ परमेसर के हुकूम ए अय कि हमन ओकर बेटा यीसू मसीह के नांव म बिसवास करन, अऊ एक-दूसर ला मया करन, जइसने कि ओह हमन ला हुकूम दे हवय। 24 जऊन मन परमेसर के हुकूम ला मानथें, ओमन परमेसर म अऊ परमेसर ह ओमन म बने रहिथें अऊ ए किसम ले, हमन जानथन कि ओह हमन म रहिथे। हमन एला ओ पबितर आतमा के दुवारा जानथन, जऊन ला ओह हमन ला दे हवय।
11 बने चरवाहा मेंह अंव। बने चरवाहा ह भेड़मन बर अपन परान देथे। 12 बनिहार ह न तो चरवाहा अय अऊ न तो भेड़मन के मालिक। एकरसेति जब ओह भेड़िया ला आवत देखथे, त ओह भेड़मन ला छोंड़के भाग जाथे। तब भेड़िया ह भेड़मन ऊपर झपटथे अऊ ओमन ला तितिर-बितिर कर देथे। 13 ओ मनखे ह भाग जाथे काबरकि ओह एक बनिहार ए अऊ ओला भेड़मन के कोनो फिकर नइं रहय।
14 बने चरवाहा मेंह अंव; मेंह अपन भेड़मन ला जानथंव, अऊ मोर भेड़मन मोला जानथें – 15 जइसने ददा ह मोला जानथे अऊ मेंह ददा ला जानथंव – अऊ मेंह भेड़मन बर अपन परान देथंव। 16 मोर अऊ घलो भेड़ हवंय, जऊन मन ए भेड़ के कोठा म नइं एं। मोला ओमन ला घलो लाना जरूरी ए। ओमन घलो मोर अवाज ला सुनहीं; तब एके ठन झुंड अऊ एके झन चरवाहा होही। 17 मोर ददा ह मोर ले एकरसेति मया करथे, काबरकि मेंह अपन परान ला देथंव कि मेंह ओला फेर लेय लेवंव। 18 कोनो मोर परान नइं ले सकय; पर मेंह अपन खुद के ईछा ले एला देथंव। मोर करा ए अधिकार हवय कि मेंह अपन परान ला दे दंव अऊ ओला फेर लेय लेवंव। ए हुकूम मोला मोर ददा ले मिले हवय।”
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