Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
पुनरजीवन के बाद के देहें
35 पर कोनो ए बात पुछ सकथे, “मरे मनखेमन कइसने जी उठथें? ओमन के देहें ह कइसने ढंग के होही?” 36 तुमन मुरुख अव! जऊन बीजा ला तुमन बोथव, जब तक ओह मर नइं जावय, तब तक ओह नइं जामय। 37 जब तुमन बोथव, त सइघो पौधा ला नइं बोवव, पर सिरिप बीजा ला बोथव – जइसने कि गहूं के बीजा या कोनो अऊ बीजा। 38 पर परमेसर ह अपन ईछा के मुताबिक ओला आकार देथे, अऊ हर किसम के बीजा ला ओह ओ बीजा के मुताबिक आकार देथे। 39 जम्मो के मांस (देहें) ह एक जइसने नइं होवय – मनखे, पसु, चिरई या मछरी; ए जम्मो के अलग-अलग किसम के मांस होथे। 40 स्वरगीय देहें होथे, अऊ संसारिक देहें घलो हवय, पर स्वरगीय देहें के सोभा ह एक किसम के होथे, त संसारिक देहें के सोभा कुछू अऊ किसम के। 41 सूरज के सोभा एक किसम के हवय, त चंदा के सोभा आने किसम के, अऊ तारामन के कुछू अऊ किसम के हवय। अऊ हर तारा के सोभा अलग-अलग होथे।
42 अइसनेच मरे म ले जी उठइयामन के संग होही। जऊन देहें ला बोय जाथे, ओह नासमान ए, पर एह अबिनासी दसा म जी उठथे। 43 एह अनादर म बोय जाथे, पर एह महिमा के संग जी उठही। एह दुरबलता म बोय जाथे, पर एह सामरथ के संग जी उठही। 44 एह सारीरिक देहें के रूप म बोय जाथे, पर एह एक आतमिक देहें के रूप म जी उठही।
जब सारीरिक देहें हवय, त फेर आतमिक देहें घलो हवय। 45 जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय: “पहिला मनखे आदम ह एक जीयत परानी बनाय गीस”[a], पर आखिरी आदम ह जिनगी देवइया आतमा बनिस। 46 आतमिक ह पहिले नइं आईस, पर सारीरिक ह पहिले आईस, अऊ तब आतमिक ह आईस। 47 पहिला मनखे ह धरती के कुधरा म से बनाय गीस, पर दूसरा मनखे ह स्वरग ले आईस। 48 जऊन मन धरती के अंय, ओमन ओकर सहीं अंय जऊन ह धरती म ले बनाय गे रिहिस, पर जऊन मन स्वरग के अंय, ओमन ओकर सहीं अंय जऊन ह स्वरग ले आईस। 49 जइसने हमन धरती के मनखे के रूप ला धारन करे हवन, वइसने हमन ओ स्वरग के मनखे के रूप ला घलो धारन करबो।
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