Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
मसीह के दीनता के नकल करई
2 कहूं मसीह म तुम्हर करा कोनो उत्साह हवय, कहूं ओकर मया म तुमन ला कोनो सांति मिले हवय, कहूं पबितर आतमा के संग तुम्हर कोनो संगति हवय, कहूं तुमन म कोनो दया अऊ सहानुभूति हवय, 2 त तुमन ए बातमन ला करे के दुवारा मोर आनंद ला पूरा करव: कि तुमन एके मन के रहव, तुमन म एके मया रहय अऊ तुमन आतमा म एक होके एके उदेस्य बर जीयव। 3 सुवारथीपन या बेकार के घमंड म पड़के कुछू झन करव, पर नमरता से आने मन ला अपन-आप ले उत्तम समझव। 4 तुमन ले हर एक झन सिरिप अपन हित के ही नइं, पर आने मन के हित के घलो खियाल रखय।
5 जइसने मसीह यीसू के सुभाव रिहिस, वइसने तुम्हर सुभाव घलो होवय।
6 मसीह करा परमेसर के जम्मो सुभाव रिहिस,
फेर ओह अपन-आप ला परमेसर के बरोबर रखे के काबिल नइं समझिस,
7 पर, ओह जम्मो चीज ला तियाग दीस,
अऊ सेवक के जम्मो सुभाव ला लीस
अऊ मनखे के रूप धरके जनमिस।
8 अऊ ओह मनखे के रूप म परगट होके
अपन-आप ला दीन-हीन करिस,
अऊ इहां तक हुकूम मानिस कि मिरतू,
हां ओह कुरुस के मिरतू ला घलो सह लीस।
9 एकरसेति, परमेसर ह ओला अति महान करिस,
अऊ ओला ओ नांव दीस, जऊन ह जम्मो नांव ले उत्तम ए।
10 ताकि स्वरग अऊ धरती अऊ धरती के खाल्हे म,
हर एक झन यीसू के नांव म माड़ी टेकंय,
11 अऊ परमेसर ददा के महिमा खातिर,
हर एक झन ए मान लेवय कि यीसू मसीह ह परभू ए।
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