Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
32 में चाहथंव कि तुमन कोनो किसम के चिंता झन करव। जेकर बिहाव नइं होय हवय, ओह परभू के काम के फिकर म रहिथे कि ओह परभू ला कइसने खुस करय। 33 पर एक सादी-सुदा मनखे, ए संसार के काम के फिकर म रहिथे कि ओह अपन घरवाली ला कइसने खुस रखय; 34 अऊ ओकर मन ह एती-ओती होवत रहिथे। जऊन माईलोगन के बिहाव नइं होय हवय, ओह या एक कुवांरी ह परभू के काम के फिकर म रहिथे। ओकर उदेस्य ए रहिथे कि ओह अपन देहें अऊ आतमा दूनों के दुवारा परभू के सेवा म लगे रहय। पर सादी-सुदा माईलोगन ह ए संसार के काम के फिकर म रहिथे कि ओह अपन घरवाला ला कइसने खुस रखय। 35 मेंह ए बात तुम्हर भलई खातिर कहथंव, तुमन म बंधना डाले बर नइं। मेंह चाहथंव कि तुमन सही अऊ बने काम करव अऊ अपन हिरदय ला बिगर एती-ओती लगाय, पूरा-पूरी अपन-आप ला परभू के सेवा म दे दव।
36 यदि काकरो मंगनी हो गे हवय अऊ ओकर हाव-भाव ह ओ टूरी के प्रति उचित नइं ए, अऊ यदि ओ टूरी के जवानी ह ढरत जावथे अऊ ओ मनखे ह महसूस करथे कि ओला बिहाव कर लेना चाही, त ओला अइसनेच करना चाही। एह पाप नो हय। ओमन ला बिहाव कर लेना चाही। 37 पर ओ मनखे जऊन ह अपन मन म पक्का बिचार कर ले हवय, अऊ ओला जरूरत नइं ए, अऊ ओह अपन ईछा ला काबू म रखथे, अऊ ओह अपन मन म ठान ले हवय कि ओह लड़की ले अभी बिहाव नइं करय, त ए मनखे घलो सही काम करथे। 38 एकरसेति, जऊन ह टूरी ले बिहाव करथे, ओह बने करथे, पर जऊन ह टूरी ले बिहाव नइं करय, ओह अऊ घलो बने करथे।
39 जब तक कोनो माईलोगन के घरवाला ह जीयत हवय, तब तक ओह ओकर ले बंधे हवय। पर यदि ओकर घरवाला ह मर जावय, त ओह जेकर ले चाहय, ओकर ले बिहाव करे बर सुतंतर ए, पर ओह परभू के ही मनखे होना चाही। 40 मोर बिचार म, ओह जादा खुस रहिही, यदि ओह जइसने हवय वइसनेच रहय, अऊ में सोचथंव कि परमेसर के आतमा ह मोर म हवय।
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