Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
13 तब छठवां स्वरगदूत ह अपन तुरही ला फूंकिस, त मेंह एक अवाज सुनेंव, जऊन ह परमेसर के आघू म रखाय सोन के बेदी के चारों कोना म ले आवत रहय। 14 ओ अवाज छठवां स्वरगदूत ला जेकर करा तुरही रिहिस, ए कहत रहय, “ओ चारों स्वरगदूत ला छोंड़ दे, जऊन मन महान नदी फरात करा बंधाय हवंय।” 15 अऊ ओ चारों स्वरगदूतमन ला छोंड़ दिये गीस। ओमन ला एही घरी अऊ दिन अऊ महिना अऊ साल बर तियार रखे गे रिहिस कि ओमन एक तिहाई मनखेमन ला मार डारें। 16 घुड़सवार सेनामन के गनती ह बीस करोड़ रिहिस। मेंह ओमन के गनती ला सुनेंव।
17 मेंह अपन दरसन म देखेंव कि घोड़ामन अऊ ओकर सवारमन अइसने दिखत रहंय: घुड़सवार के कवच ह आगी सहीं लाल, गहिरा नीला अऊ गंधक के सहीं पीला रंग के रहय। घोड़ामन के मुड़ी ह सिंहमन के मुड़ी सहीं रहय अऊ ओमन के मुहूं ले आगी, धुआं अऊ गंधक निकरत रहय। 18 एक तिहाई मनखेमन ए तीन महामारी के दुवारा मार डारे गीन – याने कि आगी, धुआं अऊ गंधक के दुवारा, जऊन ह घोड़ामन के मुहूं ले निकरत रहय। 19 घोड़ामन के सक्ति ह ओमन के मुहूं अऊ ओमन के पुंछी म रहय; काबरकि ओमन के पुंछीमन सांपमन सहीं रहय, जेम मुड़ीमन रहंय अऊ मुड़ी ले ओमन मनखेमन ला चाबके तकलीफ देवत रिहिन।
20 बाकि बचे मनखे, जऊन मन ए महामारी म नइं मारे गीन, ओमन अपन गलत काम ले मन नइं फिराईन। ओमन दुस्ट आतमामन के, अऊ सोना, चांदी, पीतल, पथरा, अऊ कठवा के मूरती मन के पूजा करे बर नइं छोड़िन, जऊन मन न तो देख सकंय, न सुन सकंय अऊ न तो रेंग सकंय। 21 जऊन हतिया, जादू टोना, छिनारीपन अऊ चोरी ओमन करे रिहिन; ओमन ओकर बर घलो पछताप नइं करिन।
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