Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
आने मन के पाप म पड़े के कारन झन बनव
13 एकरसेति, हमन एक-दूसर के ऊपर दोस झन लगावन। पर अपन मन म, ए ठान लेवन कि हमन न तो अपन भाई के रसता म कोनो बाधा डालन अऊ न ही ओकर पाप म पड़े के कारन बनन। 14 मेंह जानत हंव अऊ परभू यीसू के संगति म रहे के कारन मोला पूरा बिसवास हवय कि कोनो चीज ह अपन-आप म असुध नइं होवय। पर कहूं कोनो मनखे कोनो चीज ला असुध समझथे, त फेर ओकर बर ओह असुध अय। 15 कहूं तेंह कुछू अइसने खाना खाथस, जेकर ले तोर भाई ह उदास होथे, त फेर तेंह अपन भाई ले मया नइं करथस। अइसने खाना ला झन खा, जऊन ह कोनो मनखे के पाप म पड़े के कारन बनथे, जेकर बर मसीह ह मरिस। 16 जऊन बात ला तुमन सही समझथव, ओकर बारे म कोनो मनखे ला खराप गोठियाय के मऊका झन देवव। 17 काबरकि परमेसर के राज ह खाना अऊ पीना नो हय, पर एह धरमीपन, सांति अऊ आनंद के बात अय, जऊन ह पबितर आतमा ले मिलथे। 18 जऊन ह अइसने मसीह के सेवा करथे, ओकर ले परमेसर ह खुस होथे अऊ मनखेमन घलो ओला सही समझथें।
19 एकरसेति हमन ओ बातमन के ऊपर धियान लगावन, जेकर ले सांति होथे अऊ एक-दूसर के चाल चलन ह सुधरथे। 20 भोजन के खातिर परमेसर के काम ला झन बिगाड़व। वास्तव म, जम्मो भोजन ह सुध अय, पर यदि कोनो मनखे ह अइसने चीज ला खाथे, जऊन ला देखके आने मनखे ह पाप म गिरथे, त ओ खवइया ह गलत करथे। 21 बने तो ए होतिस कि तुमन न तो मांस खावव, अऊ न ही मंद पीयव, अऊ न ही अइसने कोनो काम करव, जेकर ले तुम्हर भाई ह पाप म गिरय।
22 अइसने चीजमन के बारे म, तोर जऊन बिसवास हवय, ओला अपन अऊ परमेसर के बीच म रहन दे। धइन ए ओ मनखे, जऊन ह कोनो चीज ला सही समझथे अऊ ओकर बारे म अपन-आप ला दोसी नइं मानय। 23 पर जऊन ह कुछू चीज ला दुगधा करके खाथे, त ओला परमेसर ह दोसी ठहिराथे, काबरकि ओह बिसवास के संग नइं खावय; अऊ हर ओ काम जऊन ह बिसवास के संग नइं करे जावय, ओह पाप अय।
15 हमन ला जऊन मन बिसवास म मजबूत हवन, ओमन के कमजोरी ला सहन करना चाही, जऊन मन बिसवास म कमजोर हवंय अऊ हमन ला अपन-आप ला खुस नइं करना चाही। 2 हमन ले हर एक झन ला अपन पड़ोसी ला खुस करना चाही, ताकि ओकर भलई होवय अऊ ओह बिसवास म बढ़य।
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