Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
6 कोनो तुमन ला बेकार के बात करके धोखा झन देवय, काबरकि अइसने बात के कारन परमेसर के परकोप ओमन ऊपर भड़कथे, जऊन मन ओकर बात नइं मानंय। 7 एकरसेति, ओमन के संग कोनो नाता झन रखव।
8 काबरकि एक समय रिहिस, जब तुमन अंधियार म रहेव, पर अब तुमन परभू के चेला बने के कारन अंजोर म हवव। एकरसेति अंजोर के संतान सहीं जिनगी बितावव, 9 (काबरकि जिहां अंजोर हवय, उहां जम्मो किसम के भलई, धरमीपन अऊ सच्चई होथे)। 10 अऊ ए पता लगावव कि परभू ह कोन बात ले खुस होथे। 11 अंधियार के बेकार के काम म भागी झन होवव; फेर ओमन के खरापी ला परगट करव। 12 काबरकि जऊन काम ओमन गुपत म करथें, ओकर बारे म चरचा करई घलो सरम के बात अय। 13 पर हर ओ चीज जऊन ह अंजोर के दुवारा परगट करे जाथे, ओह दिखे लगथे, 14 काबरकि अंजोर ह हर एक चीज ला देखे के लइक बनाथे; एकरे कारन, ए कहे गे हवय:
“हे सोवइया, जाग,
मरे मन ले जी उठ,
अऊ मसीह ह तोर ऊपर चमकन लगही।”
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