Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
9 जब सप्ताह के पहिले दिन तड़के मसीह येशु जीवित हुए, उन्होंने सबसे पहिले स्वयं को मगदालावासी मरियम पर प्रकट किया, जिसमें से उन्होंने सात प्रेतों को निकाला था. 10 उसने जा कर विलाप तथा रोते हुए अपने साथियों को इसका समाचार दिया. 11 उन्होंने इस पर विश्वास नहीं किया कि मसीह येशु अब जीवित हैं तथा मरियम ने उन्हें देखा है.
मसीह येशु का दो यात्रियों को दिखाई देना
(लूकॉ 24:13-34)
12 इसके बाद मसीह येशु दो अन्यों पर भी, जब वे अपने गाँव की ओर जा रहे थे, प्रकट हुए. 13 इन्होंने जा कर अन्यों को भी इस विषय में बताया किन्तु उन्होंने भी इस पर विश्वास न किया.
14 तब वह ग्यारह शिष्यों पर भी प्रकट हुए. वे सब चौकी पर बैठे हुए थे. उन्होंने शिष्यों के अविश्वास तथा मन की कठोरता की उल्लाहना की क्योंकि उन्होंने उनके जीवित होने के बाद देखनेवालों का विश्वास नहीं किया था.
सर्वोच्च आयोग
(मत्ति 28:16-20)
15 मसीह येशु ने उन्हें आदेश दिया, “सारे जगत में जा कर सारी सृष्टि में सुसमाचार का प्रचार करो. 16 वह, जिसने विश्वास किया है तथा जिसका बपतिस्मा हो चुका है, बचा रहेगा; किन्तु वह, जिसने विश्वास नहीं किया है, दण्डित होगा. 17 जिन्होंने विश्वास किया है, उन्हें ये अद्भुत चमत्कार चिह्न दिखाने की क्षमता प्रदान की जाएगी: मेरे नाम में वे प्रेतों को निकालेंगे, वे अन्य भाषाओं में बातें करेंगे, 18 वे साँपों को अपने हाथों में ले लेंगे, घातक विष पी लेने पर भी उनकी कोई हानि न होगी और वे रोगियों पर हाथ रखेंगे और वे स्वस्थ हो जाएँगे.”
New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.