Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 प्राचीन की ओर से चुनी हुई महिला और उसकी सन्तान को, जिनसे मुझे वास्तव में प्रेम है—न केवल मुझे परन्तु उन सबको भी जिन्होंने सच को जान लिया है. 2 यह उस सच के लिए है, जिसका हमारे भीतर वास है तथा जो हमेशा-हमेशा हमारे साथ रहेगा.
3 परमेश्वर पिता और मसीह येशु की ओर से, जो पिता के पुत्र हैं, अनुग्रह, कृपा और शान्ति हमारे साथ सच तथा प्रेम में बनी रहेगी.
4 तुम्हारी सन्तान में अनेक का सच्चाई में स्वभाव देखना मेरे लिए बहुत ही खुशी का विषय है. यह ठीक वैसा ही है जैसा हमारे लिए पिता की आज्ञा है.
5 हे स्त्री, मेरी तुमसे विनती है: हम में आपस में प्रेम हो. यह मैं तुम्हें किसी नई आज्ञा के रूप में नहीं लिख रहा हूँ परन्तु यह वही आज्ञा है, जो हमें प्रारम्भ ही से दी गई है. 6 प्रेम यही है कि हम उनकी आज्ञा के अनुसार स्वभाव करें. यह वही आज्ञा है, जो तुमने प्रारम्भ से सुनी है, ज़रूरी है कि तुम उसका पालन करो.
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