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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
प्रेरित 4:32-35

शिष्यों का धन

32 शिष्यों के इस समुदाय में सभी एक मन और एक प्राण थे. कोई भी अपने धन पर अपना अधिकार नहीं जताता था. उन सभी का धन एक में मिला हुआ था. 33 प्रेरितगण असाधारण सामर्थ के साथ प्रभु मसीह येशु के दोबारा जी उठने की गवाही दिया करते थे और परमेश्वर का असीम अनुग्रह उन पर बना था. 34 उनमें कोई भी निर्धन नहीं था क्योंकि उनमें जो खेतों व मकानों के स्वामी थे, अपनी सम्पत्ति बेच कर उससे प्राप्त धनराशि लाते 35 और प्रेरितों के चरणों में रख देते थे, जिसे ज़रूरत के अनुसार निर्धनों में बांट दिया जाता था.

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1 योहन 1:1-2:2

जीवनदायी शब्द

जीवन देने वाले उस वचन के विषय में, जो आदि से था, जिसे हमने सुना, जिसे हमने अपनी आँखों से देखा, ध्यान से देखा और जिसको हमने छुआ. जब यह जीवन प्रकट हुआ, तब हमने उसे देखा और अब हम उसके गवाह हैं. हम तुम्हें उसी अनन्त जीवन का सन्देश सुना रहे हैं, जो पिता के साथ था और जो हम पर प्रकट किया गया. हमारे समाचार का विषय वही है, जिसे हमने देखा और सुना है. यह हम तुम्हें भी सुना रहे हैं कि हमारे साथ तुम्हारी भी संगति हो. वास्तव में हमारी यह संगति पिता और उनके पुत्र मसीह येशु के साथ है. यह सब हमने इसलिए लिखा है कि हमारा आनन्द पूरा हो जाए.

ज्योति में स्वभाव

यही है वह समाचार, जो हमने उनसे सुना और अब हम तुम्हें सुनाते हैं: परमेश्वर ज्योति हैं. अन्धकार उनमें ज़रा सा भी नहीं. यदि हम यह दावा करते हैं कि हमारी उनके साथ संगति है और फिर भी हम अन्धकार में चलते हैं तो हम झूठे हैं और सच पर नहीं चलते. किन्तु यदि हम ज्योति में चलते हैं, जैसे वह स्वयं ज्योति में हैं, तो हमारी संगति आपसी है और उनके पुत्र मसीह येशु का लहू हमें सभी पापों से शुद्ध कर देता है.

यदि हम पापहीन होने का दावा करते हैं, तो हमने स्वयं को धोखे में रखा है और सच हममें है ही नहीं. यदि हम अपने पापों को स्वीकार करें तो वह हमारे पापों को क्षमा करने तथा हमें सभी अधर्मों से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी हैं. 10 यदि हम यह दावा करते हैं कि हमने पाप किया ही नहीं तो हम परमेश्वर को झूठा ठहराते हैं तथा उनके वचन का हमारे अन्दर वास है ही नहीं.

मेरे बच्चों, मैं यह सब तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ कि तुम पाप न करो किन्तु यदि किसी से पाप हो ही जाए तो पिता के पास हमारे लिए एक सहायक है मसीह येशु, जो धर्मी हैं. वही हमारे पापों के लिए प्रायश्चित-बलि हैं—मात्र हमारे ही पापों के लिए नहीं परन्तु सारे संसार के पापों के लिए.

योहन 20:19-31

प्रेरितों पर मसीह येशु का स्वयं को प्रकट करना

(लूकॉ 24:36-43)

19 उसी दिन, जो सप्ताह का पहला दिन था, सन्ध्या समय यहूदियों से भयभीत शिष्य द्वार बन्द किए हुए कमरे में इकट्ठा थे. मसीह येशु उनके बीच आ खड़े हुए और बोले, “तुममें शान्ति बनी रहे.” 20 यह कह कर उन्होंने उन्हें अपने हाथ और पांव दिखाए. प्रभु को देख कर शिष्य आनन्द से भर गए. 21 इस पर मसीह येशु ने दोबारा उनसे कहा, “तुममें शान्ति बनी रहे. जिस प्रकार पिता ने मुझे भेजा है, मैं भी तुम्हें भेजता हूँ” 22 तब उन्होंने उन पर फूंका और उनसे कहा, “पवित्रात्मा ग्रहण करो. 23 यदि तुम किसी के पाप-क्षमा करोगे, उनके पाप-क्षमा किए गए हैं और जिनके पाप तुम क्षमा नहीं करोगे, वे अपने पापों में बँधे रहेंगे.”

मसीह येशु का थोमॉस को दर्शन

(मारक 16:14)

24 जब मसीह येशु अपने शिष्यों के पास आए थे, उस समय उनके बारह शिष्यों में से एक शिष्य थोमॉस, जिनका उपनाम दिदुमॉस था, वहाँ नहीं थे. 25 अन्य शिष्य उनसे कहते रहे, “हमने प्रभु को देखा है.” इस पर थोमॉस उनसे बोले, “जब तक मैं उनके हाथों में कीलों के वे चिह्न न देख लूँ और कीलों से छिदे उन हाथों में अपनी उँगली और उनकी पसली में अपना हाथ डाल कर न देख लूँ, तब तक मैं विश्वास कर ही नहीं सकता.”

26 आठ दिन के बाद मसीह येशु के शिष्य दोबारा उस कक्ष में इकट्ठा थे और इस समय थोमॉस उनके साथ थे. सारे द्वार बन्द होने पर भी मसीह येशु उनके बीच आ खड़े हुए और उनसे कहा, “तुममें शान्ति बनी रहे.” 27 तब उन्होंने थोमॉस की ओर मुख कर कहा, “अपनी उँगली से मेरे हाथों को छू कर देखो और अपना हाथ बढ़ा कर मेरी पसली में डालो; अविश्वासी न रह कर, विश्वासी बनो.”

28 थोमॉस बोल उठे, “मेरे प्रभु! मेरे परमेश्वर!”

29 मसीह येशु ने उनसे कहा, “तुमने तो विश्वास इसलिए किया है कि तुमने मुझे देख लिया, धन्य हैं वे, जिन्होंने मुझे नहीं देखा फिर भी विश्वास किया.”

ईश्वरीय सुसमाचार का उद्देश्य

30 मसीह येशु ने अपने शिष्यों के सामने अनेक अद्भुत चिह्न दिखाए, जिनका वर्णन इस पुस्तक में नहीं है 31 परन्तु ये, जो लिखे गए हैं, इसलिए कि तुम विश्वास करो कि येशु ही वह मसीह हैं, वही परमेश्वर के पुत्र हैं और इसी विश्वास के द्वारा तुम उनमें जीवन प्राप्त करो.

Saral Hindi Bible (SHB)

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