Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
16 तो यदि मैं ईश्वरीय सुसमाचार का प्रचार करता हूँ तो इसमें घमण्ड़ कैसा! यह तो मुझे सौंपी गई ज़िम्मेदारी है! धिक्कार है मुझ पर यदि मैं ईश्वरीय सुसमाचार का प्रचार न करूँ. 17 यदि मैं अपनी इच्छा से प्रचार करता हूँ तो मुझे उसका प्रतिफल प्राप्त होगा किन्तु यदि मैं प्रचार बिना इच्छा के करता हूँ तो यह मात्र ज़िम्मेदारी पूरी करना ही हुआ. 18 तब क्या है मेरा प्रतिफल? यही कि मैं ईश्वरीय सुसमाचार का प्रचार मुफ्त में करता रहूँ और इससे सम्बन्धित अपने अधिकारों का उपयोग न करूँ.
19 यद्यपि मैं किसी के भी अधीन नहीं हूँ फिर भी मैंने स्वयं को सबका दास बना लिया है कि मैं ज़्यादा से ज़्यादा को जीत सकूँ. 20 मैं यहूदियों के लिए यहूदियों जैसा बन गया कि मैं उन्हें जीत सकूँ. व्यवस्था के अधीनों के लिए मैं व्यवस्था के अधीन बन गया—यद्यपि मैं स्वयं व्यवस्था के अधीन नहीं—कि मैं उन्हें जीत सकूँ, जो व्यवस्था के अधीन हैं. 21 जो व्यवस्था के अधीन नहीं हैं, मैं उन्हीं के समान बन गया—यद्यपि मैं स्वयं परमेश्वर की व्यवस्था से स्वतन्त्र नहीं, मसीह की व्यवस्था के अधीनस्थ हूँ कि मैं उन्हें जीत सकूँ, जो व्यवस्था के अधीन नहीं हैं. 22 दुर्बलों के लिए मैं स्वयं दुर्बल बन गया कि मैं उन्हें जीत सकूँ—मैं हर एक प्रकार के व्यक्ति के लिए उन्हीं के अनुरूप बन गया कि किसी न किसी रीति से मेरे हर एक प्रयास द्वारा कुछ का उद्धार हो जाए. 23 मैं यह सब ईश्वरीय सुसमाचार के लिए करता हूँ कि मैं इसमें अन्यों का सहभागी बन जाऊँ.
पेतरॉस की सास को स्वास्थ्यदान
(मत्ति 8:14-17; लूकॉ 4:38-41)
29 यहूदी सभागृह से निकल कर वे सीधे याक़ोब और योहन के साथ शिमोन तथा आन्द्रेयास के घर पर गए. 30 वहाँ शिमोन की सास बुखार में पड़ी हुई थीं. उन्होंने बिना देर किए मसीह येशु को इसके विषय में बताया. 31 मसीह येशु उनके पास आए, उनका हाथ पकड़ उन्हें उठाया और उनका बुखार जाता रहा तथा वह उनकी सेवा टहल में जुट गईं.
32 सन्ध्या समय सूर्यास्त के बाद लोग अस्वस्थ तथा जिनमें दुष्टात्माऐं थी उन लोगों को येशु के पास लाने लगे. 33 सारा नगर ही द्वार पर इकट्ठा हो गया 34 मसीह येशु ने विभिन्न रोगों से पीड़ित अनेकों को स्वस्थ किया और अनेक दुष्टात्माओं को भी निकाला. वह दुष्टात्माओं को बोलने नहीं देते थे क्योंकि वे उन्हें पहचानती थी.
समग्र गलील प्रदेश में मसीह येशु द्वारा प्रचार तथा स्वास्थ्यदान सेवा
(मत्ति 4:23-25; लूकॉ 4:42-44)
35 भोर होने पर, जब अन्धकार ही था, मसीह येशु उठे और एक सुनसान जगह को गए. वहाँ वह प्रार्थना करने लगे. 36 शिमोन तथा उनके अन्य साथी उन्हें खोज रहे थे. 37 उन्हें पाकर वे कहने लगे, “सभी आपको खोज रहे हैं.”
38 किन्तु मसीह येशु ने उनसे कहा, “चलो, कहीं और चलें—यहाँ पास के नगरों में—जिससे कि मैं वहाँ भी प्रचार कर सकूँ क्योंकि मेरे यहाँ आने का उद्धेश्य यही है.” 39 वह सारे गलील प्रदेश में घूमते हुए यहूदी सभागृहों में जा-जा कर प्रचार करते रहे तथा लोगों में से दुष्टात्माओं को निकालते गए.
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