Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
Error: 'भजन संहिता 69:1-5' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'भजन संहिता 69:30-36' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'निर्गमन 30:22-38' not found for the version: Saral Hindi Bible
प्रेरित 22:2-16

जब उन्होंने पौलॉस को इब्री भाषा में सम्बोधित करते हुए सुना तो वे और अधिक शांत हो गए. पौलॉस ने उनसे कहना शुरु किया.

येरूशालेम के यहूदियों से पौलॉस का उपदेश

“मैं यहूदी हूँ, मेरा जन्म किलिकिया प्रदेश, के तारस्यॉस नगर में तथा पालन-पोषण इसी नगर येरूशालेम में हुआ है. मेरी शिक्षा नियमानुकूल पूर्वजों की व्यवस्था के अनुरूप आचार्य गमालिएल महोदय की देखरेख में हुई, आज परमेश्वर के प्रति जैसा आप सबका उत्साह है, वैसा ही मेरा भी था. मैं तो इस मत के शिष्यों को प्राण लेने तक सताहट देता था, स्त्री-पुरुष दोनों को ही मैं बन्दी बना कारागार में डाल देता था, महायाजक और पुरनियों की समिति के सदस्य इस सच्चाई के गवाह हैं, जिनसे दमिश्क नगर के यहूदियों के सम्बन्ध में अधिकार पत्र प्राप्त कर मैं दमिश्क नगर जा रहा था कि वहाँ से इस मत के शिष्यों को बन्दी बना कर येरूशालेम ले आऊँ कि वे दण्डित किए जाएँ.”

“जब मैं लगभग दोपहर के समय दमिश्क नगर के पास पहुँचा, आकाश से अचानक बहुत तेज़ प्रकाश मेरे चारों ओर कौन्ध गया और मैं भूमि पर गिर पड़ा. तभी मुझे सम्बोधित करता एक शब्द सुनाई दिया, ‘शाऊल! शाऊल! तुम मुझे क्यों सता रहे हो?’”

मैंने प्रश्न किया, “‘आप कौन हैं, प्रभु?’

“‘मैं नाज़रेथ नगर का येशु हूँ, जिसे तुम सता रहे हो,’ उस शब्द ने उत्तर दिया. मेरे साथियों को प्रकाश तो अवश्य दिखाई दे रहा था किन्तु मुझसे बातचीत करता हुआ शब्द उन्हें साफ़ सुनाई नहीं दे रहा था.”

10 मैंने पूछा, “‘मैं क्या करूँ, प्रभु?’ प्रभु ने मुझे उत्तर दिया.

“‘उठो,’ ‘दमिश्क नगर में जाओ, वहीं तुम्हें बताया जाएगा कि तुम्हारे द्वारा क्या-क्या किया जाना तय किया गया है.’ 11 तेज़ प्रकाश के कारण मैं देखने की क्षमता खो बैठा था. इसलिए मेरे साथी मेरा हाथ पकड़ कर मुझे दमिश्क नगर ले गए.”

12 “हननयाह नामक व्यक्ति, जो व्यवस्था के अनुसार परमेश्वर भक्त और सभी स्थानीय यहूदियों द्वारा सम्मानित थे, 13 मेरे पास आकर मुझसे बोले, ‘भाई शाऊल! अपनी दृष्टि प्राप्त करो!’ उसी क्षण दृष्टि प्राप्त कर मैंने उनकी ओर देखा.

14 “उन्होंने मुझसे कहा, ‘हमारे पूर्वजों के परमेश्वर ने आपको अपनी इच्छा जानने तथा उन्हें देखने के लिए, जो धर्मी हैं तथा उन्हीं के मुख से निकले हुए शब्द सुनने के लिए चुना गया है. 15 आपने जो कुछ देखा और सुना है, वह सब के सामने आपकी गवाही का विषय होगा. 16 तो अब देर क्यों? उठिए, बपतिस्मा लीजिए—प्रभु के नाम की दोहाई देते हुए पाप-क्षमा प्राप्त कीजिए.’”

Saral Hindi Bible (SHB)

New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.