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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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प्रकाशन 16:8-21

चौथे स्वर्गदूत ने जब अपना कटोरा सूर्य पर उण्डेला तो सूर्य को यह अधिकार प्राप्त हो गया कि वह मनुष्यों को अपनी गर्मी से झुलसा दे. इसलिए मनुष्य उस बहुत गर्म ताप से झुलस गए और वे परमेश्वर के नाम की, जिन्हें इन सब विपत्तियों पर अधिकार है, शाप देने लगे. उन्होंने पश्चाताप कर परमेश्वर की महिमा करने से इनकार किया.

10 पाँचवें स्वर्गदूत ने जब अपना कटोरा उस हिंसक पशु के सिंहासन पर उण्डेला तो उसके साम्राज्य पर अन्धकार छा गया. पीड़ा के कारण मनुष्य अपनी जीभ चबाने लगे. 11 पीड़ा और फोड़ों के कारण वे स्वर्ग के परमेश्वर को शाप देने लगे. उन्होंने अपने कुकर्मों से पश्चाताप करने से इनकार किया.

12 छठे स्वर्गदूत ने जब अपना कटोरा महानद यूफ़्रातेस पर उण्डेला तो उसका जल सूख गया कि पूर्व दिशा के राजाओं के लिए मार्ग तैयार हो जाए. 13 तब मैंने तीन अशुद्ध आत्माओं को जो मेंढक के समान थीं; उस परों वाले साँप के मुख से, उस हिंसक पशु के मुख से तथा झूठे भविष्यद्वक्ता के मुख से निकलते हुए देखा. 14 ये वे दुष्टात्मायें है, जो चमत्कार चिह्न दिखाते हुए पृथ्वी के सभी राजाओं को सर्वशक्तिमान परमेश्वर के उस न्याय दिवस पर युद्ध करने के लिए इकट्ठा करती हैं.

15 “याद रहे: मैं चोर के समान आऊँगा! धन्य वह है, जो जागता है और अपने वस्त्रों की रक्षा करता है कि उसे लोगों के सामने नग्न होकर लज्जित न होना पड़े.”

16 उन आत्माओं ने राजाओं को उस स्थान पर इकट्ठा किया, जो इब्री भाषा में हरमागेद्दौन कहलाता है.

17 सातवें स्वर्गदूत ने जब अपना कटोरा वायु पर उण्डेला, और मन्दिर के सिंहासन से एक ऊँचा शब्द सुनाई दिया, “पूरा हो गया!” 18 तुरन्त ही बिजली की कौन्ध, गड़गड़ाहट तथा बादलों की गर्जन होने लगी और एक भयन्कर भूकम्प आया. यह भूकम्प इतना शक्तिशाली था कि पृथ्वी पर ऐसा भयन्कर भूकम्प मनुष्य की उत्पत्ति से लेकर अब तक नहीं आया था—इतना शक्तिशाली था यह भूकम्प 19 कि महानगर फट कर तीन भागों में बंट गया. सभी राष्ट्रों के नगर धराशायी हो गए. परमेश्वर ने बड़े नगर बाबेल को याद किया कि उसे अपने क्रोध की जलजलाहट का दाखरस का प्याला पिलाएं. 20 हर एक द्वीप विलीन हो गया और सभी पर्वत लुप्त हो गए. 21 आकाश से मनुष्यों पर विशालकाय ओले बरसने लगे और एक-एक ओला लगभग 45 किलो का था. ओलों की इस विपत्ति के कारण लोग परमेश्वर को शाप देने लगे क्योंकि यह विपत्ति बहुत असहनीय थी.

Saral Hindi Bible (SHB)

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