Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
प्राचीन
5 इसलिए मैं, एक सह-प्राचीन होकर, जो मसीह येशु के दुःखों का प्रत्यक्ष गवाह तथा उस महिमा का सहभागी हूँ, जो भविष्य में प्रकट होने पर है, तुम्हारे पुरनियों से विनती कर रहा हूँ 2 कि वे परमेश्वर की इच्छा में परमेश्वर के झुण्ड़ की देखरेख करें—दबाव में नहीं परन्तु अपनी इच्छा के अनुसार; अनुचित लाभ की दृष्टि से नहीं परन्तु शुद्ध सेवाभाव में, 3 अपने झुण्ड़ पर प्रभुता दिखाकर नहीं परन्तु उनके लिए एक आदर्श बन कर; 4 क्योंकि प्रधान चरवाहे के प्रकट होने पर तुम महिमा का अविनाशी मुकुट प्राप्त करोगे.
विनीत भावना
5 इसी प्रकार युवाओ, तुम प्राचीनों के अधीन रहो तथा तुम सभी एकदूसरे के प्रति दीनता की भावना धारण करो क्योंकि
“परमेश्वर घमण्ड़ियों का विरोध करते हैं
परन्तु दीनों के पक्ष में रहते हैं.”
समापन सन्देश तथा आशीर्वचन
12 सिलवानॉस की सहायता से, जिसे मैं एक विश्वासयोग्य भाई मानता हूँ, मैंने तुम्हें प्रोत्साहित तथा आश्वस्त करते हुए संक्षेप में लिखा है कि यही परमेश्वर का वास्तविक अनुग्रह है. तुम इसी में स्थिर रहो. 13 तुम्हें उसकी शुभकामनाएँ, जो बाबेल में है, जिसे तुम्हारे ही साथ चुन कर अलग किया गया है और उसी प्रकार मेरे पुत्र मारकास की भी. 14 प्रेम के चुम्बन के द्वारा एकदूसरे को नमस्कार करो.
तुम सभी को, जो मसीह में हैं, शान्ति!
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