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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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रोमियों 11:13-29

13 अब मैं तुमसे बातें करता हूँ, जो अन्यजाति हो. अब, जबकि मैं अन्यजातियों के लिए प्रेरित हूँ, मुझे अपनी सेवकाई का गर्व है 14 कि मैं किसी भी रीति से कुटुम्बियों में जलनभाव उत्पन्न कर सकूँ तथा इसके द्वारा उनमें से कुछ को तो उद्धार प्राप्त हो सके; 15 क्योंकि यदि उनकी अस्वीकृति संसार से परमेश्वर के मेल-मिलाप का कारण बन गई है, तो उनकी स्वीकृति मरे हुओं में से जी उठने के अलावा क्या हो सकती है?

रोपी गई शाखाएँ

16 यदि भेंट का पहिला पेडा पवित्र ठहरा तो गुँधा हुआ सारा आटा ही पवित्र है. यदि की जड़ पवित्र है तो शाखाएँ भी पवित्र ही हुईं न? 17 किन्तु यदि कुछ शाखाएँ तोड़ी गईं तथा तुम, जो एक जंगली ज़ैतून हो, उनमें रोपे गए हो तथा उनके साथ ज़ैतून पेड़ की जड़ के अंग होने के कारण पौष्टिक सार के सहभागी बन गए हो 18 तो उन शाखाओं का घमण्ड़ न भरना. यदि तुम घमण्ड़ भरते ही हो तो इस सच्चाई पर विचार करो: यह तुम नहीं, जो जड़ के पोषक हो परन्तु जड़ ही है, जो तुम्हारा पोषक है. 19 तब तुम्हारा दूसरा तर्क होगा: “शाखाएँ तोड़ी गईं कि मुझे रोपा जा सके.” 20 ठीक है. किन्तु उन्हें तो उनके अविश्वास के कारण अलग किया गया किन्तु तुम स्थिर हो अपने विश्वास के कारण. इसके विषय में घमण्ड़ न भरते हुए श्रद्धाभाव को स्थान दो. 21 यदि परमेश्वर ने स्वाभाविक शाखाओं को भी न छोड़ा तो वह तुम पर भी कृपा नहीं करेंगे.

22 परमेश्वर की कृपा तथा उनकी कठोरता पर विचार करो: गिरे हुए लोगों के लिए कठोरता तथा तुम्हारे लिए कृपा—यदि तुम वास्तव में उनकी कृपा की सीमा में बने रहते हो नहीं तो तुम्हें भी काट कर अलग कर दिया जाएगा. 23 तब वे भी, यदि वे अपने अविश्वास के हठ में बने न रहें, रोपे जाएँगे क्योंकि परमेश्वर उन्हें रोपने में समर्थ हैं. 24 जब तुम्हें उस पेड़ से, जो प्राकृतिक रूप से जंगली ज़ैतून है, काट कर स्वभाव के विरुद्ध अच्छे तथा साटे हुए पेड़ में रोपा गया है, तब वे शाखाएँ, जो प्राकृतिक हैं, अपने ही मूल पेड़ में कितनी सरलतापूर्वक रोप ली जाएँगी!

पूरे इस्राएल का उद्धार

25 प्रियजन, मैं नहीं चाहता कि तुम इस भेद से अनजान रहो—ऐसा न हो कि तुम अपने ऊपर घमण्ड़ करने लगो—इस्राएलियों में यह कुछ भाग की कठोरता निर्धारित संख्या में अन्यजातियों के मसीह में आ जाने तक ही है. 26 इस प्रकार पूरा इस्राएल उद्धार प्राप्त करेगा—ठीक जिस प्रकार पवित्रशास्त्र का लेख है:

उद्धारकर्ता का आगमन त्सियोन से होगा.
    वह याक़ोब से अभक्ति को दूर करेगा.
27 जब मैं उनके पाप हर ले जाऊँगा,
    तब उनसे मेरी यही वाचा होगी.

28 ईश्वरीय सुसमाचार के दृष्टिकोण से तो वे तुम्हारे लिए परमेश्वर के शत्रु हैं किन्तु चुन लिए जाने के दृष्टिकोण से पूर्वजों के लिए प्रियजन. 29 परमेश्वर द्वारा दिया गया वरदान तथा उनकी बुलाहट अटल हैं.

Saral Hindi Bible (SHB)

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