Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
येशु परमेश्वर के चुने हुए सेवक
(मारक 3:7-12)
15 येशु को इसका अहसास था इसलिए वह वहाँ से चले गए. अनेक थे, जो उनके साथ उनके पीछे-पीछे चल रहे थे. येशु ने उनमें से सभी रोगियों को स्वस्थ कर दिया 16 और उन्हें चेतावनी दी कि इस विषय में वे किसी से वर्णन न करें कि वह कौन हैं. 17 यह भविष्यद्वक्ता यशायाह द्वारा की गई इस भविष्यवाणी की पूर्ति थी:
18 यही है मेरा चुना हुआ सेवक,
मेरा प्रियपात्र,
जिसमें मेरे प्राण को पूरा सन्तोष है.
मैं उसे अपने आत्मा से भरा करूँगा
और वह अन्यजाति में न्याय की घोषणा करेगा.
19 वह न तो विवाद करेगा,
न ऊँचे शब्द में कुछ कहेगा और
न ही गलियों में कोई उसका शब्द सुन सकेगा.
20 वह तब तक कुचले गए सरकण्डे को
तोड़ कर न फेंकेगा और न बुझते हुए दीपक को बुझाएगा,
जब तक वह न्याय को विजय तक न पहुँचा दे.
21 उसकी प्रतिष्ठा में अन्यजातियों के लिए आशा होगी.
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