Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
मसीह येशु तथा अब्राहाम—परमेश्वर की वास्तविक सन्तान
31 तब मसीह येशु ने उन यहूदियों से, जिन्होंने उन्हें मान्यता दे दी थी, कहा, “यदि तुम मेरी शिक्षाओं का पालन करते रहोगे तो वास्तव में मेरे शिष्य होगे. 32 तुम सत्य को जानोगे और सत्य तुम्हें स्वतंत्र करेगा.”
33 उन्होंने मसीह येशु को उत्तर दिया, “हम अब्राहाम के वंशज हैं और हम कभी भी किसी के दास नहीं हुए. तुम यह कैसे कहते हो ‘तुम स्वतन्त्र हो जाओगे’?”
34 मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूँ: हर एक व्यक्ति, जो पाप करता है, वह पाप का दास है. 35 दास हमेशा घर में नहीं रहता; पुत्र हमेशा रहता है. 36 इसलिए यदि पुत्र तुम्हें स्वतन्त्र करे तो तुम वास्तव में स्वतन्त्र हो जाओगे. 37 मैं जानता हूँ कि तुम अब्राहाम के वंशज हो फिर भी तुम मेरी हत्या करने की ताक में हो; यह इसलिए कि तुमने मेरे सन्देश को ह्रदय में ग्रहण नहीं किया. 38 मैं वही कहता हूँ, जो मैंने साक्षात अपने पिता को करते हुए देखा है, परन्तु तुम वह करते हो, जो तुमने अपने पिता से सुना है.”
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