Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
नए विश्वासियों की घनिष्ठ एकता
42 वे सभी लगातार प्रेरितों की शिक्षा के प्रति समर्पित हो, पारस्परिक संगति, प्रभु-भोज की क्रिया और प्रार्थना में लीन रहने लगे. 43 प्रेरितों द्वारा किए जा रहे अद्भुत काम तथा अद्भुत-चिह्न सभी के लिए आश्चर्य का विषय बन गए थे. 44 मसीह के सभी विश्वासी घनिष्ठ एकता में रहने लगे तथा उनकी सब वस्तुओं पर सबका एक-सा अधिकार था. 45 वे अपनी सम्पत्ति बेचकर, जिनके पास कम थी उनमें बाँटने लगे. 46 हर रोज़ वे मन्दिर के आँगन में एक मन हो नियमित रूप से इकट्ठा होते, भोजन के लिए एक-दूसरे के घर में निर्मल भाव से आनन्दपूर्वक सामूहिक रूप से भोजन करते 47 तथा परमेश्वर का गुणगान करते थे. वे सभी की प्रसन्नता के भागी थे. परमेश्वर इनमें दिन-प्रतिदिन उनको मिलाते जा रहे थे, जो उद्धार प्राप्त कर रहे थे.
19 यदि कोई परमेश्वर के प्रति विवेकशीलता के कारण क्लेश भोगता है और अन्यायपूर्ण रीति से सताया जाता है, वह प्रशंसनीय है. 20 भला इसमें प्रशंसनीय क्या है कि तुमने अपराध किया, उसके लिए सताए गए और उसे धीरज के साथ सहते रहे? परन्तु यदि तुमने वह किया, जो उचित है और उसके लिए धीरज के साथ दुःख सहे तो तुम परमेश्वर के कृपापात्र हो. 21 इसी के लिए तुम बुलाए गए हो क्योंकि मसीह ने भी तुम्हारे लिए दुःख सहे और एक आदर्श छोड़ गए कि तुम उनके पद-चिह्नों पर चलो.
22 “न उन्होंने कोई पाप किया और न उनके मुख से
छल का कोई शब्द निकला”
23 जब उनकी उल्लाहना की जा रही थी, उन्होंने इसके उत्तर में उल्लाहना नहीं की; दुःख सहते हुए भी, उन्होंने धमकी नहीं दी; परन्तु स्वयं को परमेश्वर के हाथों में सौंप दिया, जो धार्मिकता से न्याय करते हैं. 24 मसीह ने काठ पर स्वयं अपने शरीर में हमारे पाप उठा लिए कि हम पाप के लिए मरकर तथा धार्मिकता के लिए जीवित हो जाएँ. उनके घावों के द्वारा तुम्हारी चंगाई हुई है. 25 तुम लगातार भेड़ों के समान भटक रहे थे किन्तु अब अपने चरवाहे व अपनी आत्मा के रखवाले के पास लौट आए हो.
आदर्श चरवाहे का रूपक
10 “मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूँ. वह, जो भेड़शाला में द्वार से प्रवेश नहीं करता परन्तु बाड़ा फाँद कर घुसता है, चोर और लुटेरा है, 2 परन्तु जो द्वार से प्रवेश करता है, वह भेड़ों का चरवाहा है. 3 उसके लिए द्वारपाल द्वार खोल देता है, भेड़ें उसकी आवाज़ सुनती हैं. वह अपनी भेड़ों को नाम ले कर बुलाता और उन्हें बाहर ले जाता है. 4 अपनी सब भेड़ों को बाहर निकाल लेने के बाद वह उनके आगे-आगे चलता है और भेड़ें उसके पीछे-पीछे क्योंकि वे उसकी आवाज़ पहचानती हैं. 5 वे किसी अनजान के पीछे कभी नहीं चलेंगी परन्तु उससे भागेंगी क्योंकि वे उस अनजान की आवाज़ नहीं पहचानतीं.” 6 मसीह येशु के इस दृष्टांत का मतलब सुननेवाले नहीं समझे कि वह उनसे कहना क्या चाह रहे थे.
7 इसलिए मसीह येशु ने दोबारा कहा, “मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूँ: मैं ही भेड़ों का द्वार हूँ. 8 वे सभी, जो मुझसे पहले आए, चोर और लुटेरे थे. भेड़ों ने उनकी नहीं सुनी. 9 मैं ही द्वार हूँ. यदि कोई मुझसे हो कर प्रवेश करता है तो उद्धार प्राप्त करेगा. वह भीतर-बाहर आया-जाया करेगा और चारा पाएगा. 10 चोर किसी अन्य उद्धेश्य से नहीं, मात्र चुराने, हत्या करने और नाश करने आता है; मैं इसलिए आया कि वे जीवन पाएँ और बहुतायत का जीवन पाएँ.
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