Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
44 तब मसीह येशु ने उनसे कहा, “तुम्हारे साथ रहते हुए मैंने तुम लोगों से यही कहा था: वह सब पूरा होना ज़रूरी है, जो मेरे विषय में मोशेह की व्यवस्था, भविष्यद्वक्ताओं के लेख तथा भजन की पुस्तकों में लिखा गया है.”
45 तब मसीह येशु ने उनकी समझ खोल दी कि वे पवित्रशास्त्र को समझ सकें 46 और उनसे कहा, “यह लिखा है कि मसीह यातनाएँ सहे और तीसरे दिन मरे हुओं में से दोबारा जीवित किया जाए, 47 और येरूशालेम से प्रारम्भ कर सभी राष्ट्रों में उसके नाम में पाप-क्षमा के लिए पश्चाताप की घोषणा की जाए. 48 तुम सभी इन घटनाओं के गवाह हो. 49 जिसकी प्रतिज्ञा मेरे पिता ने की है, उसे मैं तुम्हारे लिए भेजूँगा किन्तु आवश्यक यह है कि तुम येरूशालेम में उस समय तक ठहरे रहो, जब तक स्वर्ग से भेजी गई सामर्थ्य से परिपूर्ण न हो जाओ.”
स्वर्ग में उठा लिया जाना
(मारक 16:19, 20)
50 तब मसीह येशु उन्हें बैथनियाह नामक गाँव तक ले गए और अपने हाथ उठा कर उन्हें आशीष दी. 51 जब वह उन्हें आशीष दे ही रहे थे वह उनसे विदा हो गए. 52 तब उन्होंने येशु की आराधना की और बहुत ही आनन्द में येरूशालेम लौट गए. 53 वे मन्दिर में नियमित रूप से परमेश्वर की स्तुति करते रहते थे.
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