Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
53 वे सभी अपने-अपने घर लौट गए.
8 भोर को वह दोबारा मन्दिर में आए और लोगों के मध्य 2 बैठ कर उनको शिक्षा देने लगे.
व्यभिचारिणी का दोष से छुड़ाया जाना
3 उसी समय फ़रीसियों व शास्त्रियों ने व्यभिचार के कार्य में पकड़ी गई एक स्त्री को ला कर मध्य में खड़ा कर दिया 4 और मसीह येशु से प्रश्न किया, “गुरु, यह स्त्री व्यभिचार करते हुए पकड़ी गई है. 5 मोशेह ने व्यवस्था में हमें ऐसी स्त्रियों को पथराव द्वारा मार डालने की आज्ञा दी है; किन्तु आप क्या कहते हैं?” 6 उन्होंने मसीह येशु को परखने के लिए यह प्रश्न किया था कि उन पर आरोप लगाने के लिए उन्हें कोई आधार मिल जाए किन्तु मसीह येशु झुक कर भूमि पर उँगली से लिखने लगे.
7 जब वे मसीह येशु से बार-बार प्रश्न करते रहे, मसीह येशु ने सीधे खड़े हो कर उनसे कहा, “तुम में से जिस किसी ने कभी कोई पाप न किया हो, वही उसे सबसे पहला पत्थर मारे” 8 और वह दोबारा झुक कर भूमि पर लिखने लगे. 9 यह सुनकर वरिष्ठ से प्रारम्भ कर एक-एक करके सब वहाँ से चले गए—केवल वह स्त्री और मसीह येशु ही वहाँ रह गए. 10 मसीह येशु ने सीधे खड़े होते हुए स्त्री की ओर देखकर उससे पूछा, “हे स्त्री!, वे सब कहाँ हैं? क्या तुम्हें किसी ने भी दण्डित नहीं किया?” 11 उसने उत्तर दिया, “किसी ने भी नहीं, प्रभु.” मसीह येशु ने उससे कहा, “मैं भी तुम्हें दण्डित नहीं करता. जाओ, अब फिर पाप न करना.”
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