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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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1 कोरिन्थॉस 4:1-5

मसीह के प्रेरित

सही तो यह होगा कि हमें मसीह येशु का भण्ड़ारी मात्र समझा जाए, जिन्हें परमेश्वर के भेदों की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है. भण्ड़ारी को विश्वासयोग्य होना ज़रूरी है. यह मेरी दृष्टि में महत्वहीन है कि मेरी परख तुम्हारे द्वारा की जाए या किसी न्यायालय द्वारा. बल्कि मैं स्वयं अपनी परख नहीं करता. मेरी अन्तरात्मा मुझ में कोई दोष नहीं पाती फिर भी इससे मैं निर्दोष साबित नहीं हो जाता. प्रभु ही हैं, जो मेरी परख करते हैं. इसलिए समय से पहले अर्थात् प्रभु के आगमन तक कोई किसी की परख न करे. प्रभु ही अन्धकार में छिपे सच प्रकाशित करेंगे तथा वही मनुष्य के हृदय के उद्धेश्य भी प्रकट करेंगे. तब परमेश्वर की ओर से हर एक व्यक्ति को प्रशंसा प्राप्त होगी.

मत्तियाह 6:24-34

24 “कोई भी व्यक्ति दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता क्योंकि वह एक को तुच्छ मान कर दूसरे के प्रति समर्पित रहेगा या एक का सम्मान करते हुए दूसरे को तुच्छ जानेगा. तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा कर ही नहीं सकते.

परमेश्वर का प्रबन्ध ही विश्वासयोग्य है

25 “यही कारण है कि मैं तुमसे कहता हूँ कि अपने जीवन के विषय में चिन्ता न करो कि तुम क्या खाओगे और क्या पिओगे; और न ही शरीर के विषय में कि क्या पहनोगे. क्या जीवन आहार से और शरीर वस्त्रों से अधिक कीमती नहीं? 26 पक्षियों की ओर ध्यान दो: वे न तो बीज बोते हैं और न ही खलिहान में उपज इकट्ठा करते हैं. फिर भी तुम्हारे स्वर्गीय पिता उनका भरण-पोषण करते हैं. क्या तुम्हारी महत्ता उनसे कहीं अधिक नहीं? 27 और तुम में ऐसा कौन है, जो चिन्ता के द्वारा अपनी आयु में एक क्षण की भी वृद्धि कर सकता है?

28 “और वस्त्र तुम्हारी चिन्ता का विषय क्यों? मैदान के फूलों का ध्यान तो करो कि वे कैसे खिलते हैं. वे न तो परिश्रम करते हैं और न ही वस्त्र-निर्माण. 29 फिर भी मैं तुमसे कहता हूँ कि शलोमोन की वेष-भूषा का ऐश्वर्य किसी भी दृष्टि से इनके तुल्य नहीं था. 30 यदि परमेश्वर घास का श्रृंगार इस सीमा तक करते हैं, जिसका जीवन थोड़े समय का है और जो कल आग में झोंक दिया जाएगा, क्या वह तुमको कहीं अधिक सुशोभित न करेंगे? कैसा कमज़ोर है तुम्हारा विश्वास! 31 इसलिए इस विषय में चिन्ता न करो कि हम क्या खाएँगे या क्या पिएंगे या हमारे वस्त्रों का प्रबन्ध कैसे होगा? 32 अन्यजाति ही इन वस्तुओं के लिए कोशिश करते रहते हैं. तुम्हारे स्वर्गीय पिता को यह मालूम है कि तुम्हें इन सबकी ज़रूरत है. 33 तुम्हारी सबसे पहली प्राथमिकता परमेश्वर का राज्य तथा उनकी धार्मिकता की उपलब्धि हो और ये सभी वस्तुएं भी तुम्हें प्राप्त होती जाएँगी. 34 इसलिए कल की चिन्ता न करो—कल अपनी चिन्ता स्वयं करेगा क्योंकि हर एक दिन अपने साथ अपना ही पर्याप्त दुःख लिए हुए आता है.

Saral Hindi Bible (SHB)

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