Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 यहोवा क स्तुति करा,
हे यहोवा क सेवकन, ओकर स्तुति करा।
यहोवा क नाउँ क बड़कई करा।
2 यहोवा क नाउँ अबहुँ
अउर सदा सदा बरे आसीसित होइ।
3 मोर इ कामना अहइ, यहोवा क नाउँ क गुण पूरब स जहाँ सूरज उगत ह,
पच्छिउँ तलक उ ठउरे मँ जहाँ सूरज बूड़त ह गावा जाइ।
4 यहोवा सबहिं रास्ट्रन स महान अहइ।
ओकर महिमा अकासे तलक उठति ह।
5 यहोवा हमरे परमेस्सर क नाई कउनो भी मनई नाहीं अहइ
जउन ऊँचाइ पइ विराजमान अहइ।
6 भले ही उ सबइ बातन क जउन धरती अउर आकासे पइ घटत ह,
लखइ बरे उ नीचे झुकिके निगाह डावइ ह।
7 परमेस्सर गरीब मनइयन क धूरि स उठावत ह।
उ ओनका क गन्दगी स निकारत ह।
8 परमेस्सर ओनका महत्वपूर्ण बनावत ह।
परमेस्सर ओन लोगन क महत्वपूर्ण मुखिया बनावत ह।
9 कउनो मेहरारू बे औलाद होइ सकत ह, किन्तु परमेस्सर ओका बच्चा स आसीसित करी,
अउर ओका खुस करी।
यहोवा क गुणगान करा।
परमेस्सर धीरज रखत ह
14 “बहोत समय स मइँ कछू भी नाहीं कहेउँ ह।
मइँ अपने ऊपर नियन्त्रण बनाए रखेउँ ह अउर मइँ चुप रहेउँ ह।
किन्तु अब मइँ ओतने जोर से चिल्लाब जेतने जोर स बच्चे क जनत भए मेहरारू चिल्लात ह।
मइँ बहोत तेज अउर जोर स साँस लेब।
15 मइँ पर्वतन-पहाड़ियन क नस्ट कइ देब।
मइँ जउन पौधे हुवाँ उगत हीं।
ओनका झुराइ देबउँ, मइँ नदियन क झुरान धरती मँ बदल देबउँ।
मइँ जल क सरोवरन क सुखाइ देव।
16 फुन मइँ आँधरन क अइसी राह देखाँउब जेन पइ ओका कबहुँ नाहीं लइ जाइ गवा।
मइँ आँधर लोगन क अइसी जगह पइ लेइ जाब जहाँ उ पचे कबहुँ नाहीं भवा।
ओनके बरे मइँ अँधियारा क प्रकास मँ बदल देबउँ।
ऊँच नीच धरती क मइँ समथर बनाउब।
मइँ ओन कामन क करब जेनकर मइँ बचन दिहेउँ ह।
मइँ आपन लोगन क कबहुँ नाहीं तजब।
17 किन्तु कछू लोग मोर अनुसरण करी तजि दिहेन।
उ पचे सोना स मढ़ी मूरतियन पइ विस्सास कइके आपन-आप क लज्जित किहेन।
ओनसे उ पचे कहा करत हीं कि ‘तू पचे हमार देवतन अहा।’
उ पचे आपन लबार देवतन क बिस्सासी अहइँ।
किन्तु अइसे लोग बस निरास ही होइहीं!”
इस्राएल परमेस्सर क नाहीं सुनेस
18 “तू सबइ बहिर लोगन क मोर सुनइ चाही।
तू सबइ आँधर लोगन क एहर दृस्टि डावइ चाही अउर मोका लखइ चाही।
19 कउन अहइ ओतना आँधर जेतना मोर दास अहइँ? कउनो नाहीं।
कउन अहइ ओतना बहिर जेतना मोर दूत अहइ? जेका मइँ इ संसार मँ पठएउँ ह कउनो नाहीं।
इ आँधर कउन अहइ जेकरे संग मइँ वाचा किहेउँ?
इ पचे ऍतना आँधर अहइँ जेतना आँधर यहोवा क दास अहइ।
20 उ लखत बहोत ह,
किन्तु मोर हुकुम नाहीं मानत।
उ आपन कानन स साफ साफ सुनि सकत ह
किन्तु उ मोर सुनइ स इन्कार करत ह।”
21 यहोवा उहइ चाहत ह जउन ओकरे सेवक इस्राएल बरे बड़ियार होइ,
ऍह बरे उ (यहोवा) ओनका महान अउर अद्भुत उपदेस देत ह।
जकरयाह अउर इलीसिबा
5 उ समइया मँ जब यहूदिया प हेरोदेस क राज्य रहा। हुवाँ जकरयाह नाउँ क एक याजक रहत रहा। जउन याजकन क अबिय्याह दल[a] क रहा अउर ओकर पत्नी इलीसिबा हारून बंस क रही। 6 उ दुइनउँ परमेस्सर क निगाह मँ धर्मी रहेन। उ पचे बिना कउनो दोख क पर्भू क सबइ हुकुमन अउर बिधानन क पालन करत रहेन। 7 मुला ओनके कउनो संतान नाहीं रही, काहेकि इलीसिबा बाँझ रही अउर उ दुइनउँ बहोत बुढ़वा होइ ग रहेन।
8 जब जकरयाह क आपन दले क मन्दिर मँ याजक क काम खातिर बारी आइ, अउर उ परमेस्सर क समन्वा आराधना बरे हाजिर भवा। 9 तउ याजकन मँ चली भइ रीति रिवाजे क तरह पर्ची डाइके ओका चुना गवा कि उ पर्भू क मन्दिर मँ जाइके धूप जरावइ। 10 जब धूप जरावइ क समइ आइ तउ बाहेर ऍकट्ठा भवा मनई पराथना करत रहेन।
11 उहइ समइया जकरयाह क समन्वा एक ठु पर्भू का दूत परगट भवा। उ दूत धूप क वेदी क दाहिन कइँती खड़ा रहा। 12 जकरयाह जइसे उ दूत क निहारेस तउ उ घबराइ गवा अउर डर जइसे ओका जकड़ि लिहस। 13 फिन सरगदूत ओसे कहेस, “जकरयाह जिन डेराअ, तोहार पराथना सुनि लीन्ह गइ अहइ। एह बरे तोहार पत्नी इलीसिबा एक बेटवा क जनम देई, अउर तू ओकर नाउँ यूहन्ना धर्या। 14 उ तोहका आनंद अउर खुसी देइ, साथे ओकरे जनम स अउर भी बहोत स मनइयन क खुसी होई। 15 काहेकि उ पर्भू क निगाहे मँ महान होई। उ कबहुँ कउनो दाखरस या कउनो मदिरा क न पिई। आपन जन्म स पवित्तर आतिमा स भरपूर होई।
16 “उ इस्राएल क बहोतन मनइयन क ओनकइ पर्भू परमेस्सर कइँती लौटइ बरे फेरी। 17 उ एलिय्याह क आतिमा अउर सामर्थ मँ होइके परभू क अगवा अगवा चली। उ बापन क हिरदय ओनके संताने कइँती मोड़ देइ अउर आज्ञा न मानइवालन क मने क बदल देइ जेहसे उ पचे धर्मी मनइयन क नाई सोचइ लागइ। इ सबइ, उ मनइयन क पर्भू बरे तइयार करइ क करी।”
18 तबहीं जकरयाह दूत स कहेस, “मइँ इ कइसे जान लेउँ कि इ सच अहइ? काहेकि मइँ एक बुढ़वा हउँ अउर मोर पत्नी बुढ़िया होइ ग अहइ।”
19 तबहिं सरगदूत जवाब देत ओसे कहेस, “मइँ जिब्राईल हउँ। मइँ उहइ हउँ जउन परमेस्सर क अगवा खड़ा रहत हउँ। मोका तोसे बात करइ अउर इ सुसमाचार क बतावइ बरे पठवा ग अहइ। 20 मुला देखा, काहेकि तू मोरे सब्दन प, जउन निस्चित समइ क आइ प सच सिद्ध होइहीं, बिसवास नाहीं किहा, यह बरे तू गूँगा होइ जाब्या अउर उ दिना तलक नाहीं बोल पउब्या जबहिं ताई इ घटित न होइ जाइ।”
21 ओहर बाहेर मनई जकरयाह क इंतजार करत रहेन। ओकना अचरज भवा कि उ ऍतनी देर मन्दिर मँ काहे ठहर गवा। 22 फिन जब उ बाहेर आवा अहइ तउ उ ओनसे बोल नाहीं पावत रहा। ओनका इ लाग कि जइसे मन्दिर क भीतर कउनो दर्सन होइ गवा अहइ। उ गूँगा होइ ग अउर सिरिफ इसारा करत रहा। 23 अउर फिन अइसा भवा कि जब ओकर आराधना क काम होइ गवा तउ जकरयाह वापस आपन घर लौटि गवा।
24 थोड़े दिना बाद ओकर पत्नी इलीसिबा गर्भवती भइ। पाँच महीना तलक उ सबन स अलगइ रही। उ कहेस, 25 “अब आखिर मँ जाइके इ तरह पर्भू मोर मदद करेस ह। मनइयन क बीच मोर लाज राखइ बरे उ मोर सुधि लिहस ह।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.