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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
यशायाह 52:7-10

सुसमाचार के साथ पहाड़ों के ऊपर से आते हुए सन्देशवाहक को देखना निश्चय ही एक अद्भुत बात है। किसी सन्देशवाहक को यह घोषणा करते हुए सुनना कितना अद्भुत है: “वहाँ शांति का निवास है, हम बचा लिये गये हैं! तुम्हारा परमेश्वर राजा है!”

नगर के रखवाले जयजयकार करने लगे हैं।
    वे आपस में मिलकर आनन्द मना रहे हैं!
क्यों क्योंकि उनमें से हर एक यहोवा को सिय्योन को लौटकर आते हुए देख रहा है।

यरूशलेम, तेरे वे भवन जो बर्बाद हो चुके हैं फिर से प्रसन्न हो जायेंगे।
तुम सभी आपस में मिल कर आनन्द मनाओगे।
    क्यों क्योंकि यहोवा यरूशलेम पर दयालू हो जायेगा, यहोवा अपने लोगों का उद्धार करेगा।
10 यहोवा सभी राष्ट्रों के ऊपर अपनी पवित्र शक्ति दर्शाएगा
    और सभी वे देश जो दूर—दूर बसे हैं, देखेंगे कि परमेश्वर अपने लोगों की रक्षा कैसे करता है।

भजन संहिता 98

एक स्तुति गीत।

यहोवा के लिये एक नया गीत गाओं,
    क्योंकि उसने नयी
और अद्भुत बातों को किया है।
उसकी पवित्र दाहिनी भुजा
    उसके लिये फिर विजय लाई।
यहोवा ने राष्ट्रों के सामने अपनी वह शक्ति प्रकटायी है जो रक्षा करती है।
    यहोवा ने उनको अपनी धार्मिकता दिखाई है।
परमेश्वर के भक्तों ने परमेश्वर का अनुराग याद किया, जो उसने इस्राएल के लोगों से दिखाये थे।
    सुदूर देशो के लोगों ने हमारे परमेश्वर की महाशक्ति देखी।
हे धरती के हर व्यक्ति, प्रसन्नता से यहोवा की जय जयकार कर।
    स्तुति गीत गाना शिघ्र आरम्भ करो।
हे वीणाओं, यहोवा की स्तुति करो!
    हे वीणा, के मधुर संगीत उसके गुण गाओ!
बाँसुरी बजाओ और नरसिंगों को फूँको।
    आनन्द से यहोवा, हमारे राजा की जय जयकार करो।
हे सागर और धरती,
    और उनमें की सब वस्तुओं ऊँचे स्वर में गाओ।
हे नदियों, ताली बजाओ!
    हे पर्वतो, अब सब साथ मिलकर गाओ!
तुम यहोवा के सामने गाओ, क्योंकि वह जगत का शासन (न्याय) करने जा रहा है,
    वह जगत का न्याय नेकी और सच्चाई से करेगा।

इब्रानियों 1:1-4

परमेश्वर अपने पुत्र के माध्यम से बोलता है

परमेश्वर ने अतीत में नबियों के द्वारा अनेक अवसरों पर अनेक प्रकार से हमारे पूर्वजों से बातचीत की। किन्तु इन अंतिम दिनों में उसने हमसे अपने पुत्र के माध्यम से बातचीत की, जिसे उसने सब कुछ का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है और जिसके द्वारा उसने समूचे ब्रह्माण्ड की रचना की है। वह पुत्र परमेश्वर की महिमा का तेज-मंडल है तथा उसके स्वरूप का यथावत प्रतिनिधि। वह अपने समर्थ वचन के द्वारा सब वस्तुओं की स्थिति बनाये रखता है। सबको पापों से मुक्त करने का विधान करके वह स्वर्ग में उस महामहिम के दाहिने हाथ बैठ गया। इस प्रकार वह स्वर्गदूतों से उतना ही उत्तम बन गया जितना कि उनके नामों से वह नाम उत्तम है जो उसने उत्तराधिकार में पाया है।

इब्रानियों 1:5-12

क्योंकि परमेश्वर ने किसी भी स्वर्गदूत से कभी ऐसा नहीं कहा:

“तू मेरा पुत्र;
    आज मैं तेरा पिता बना हूँ।”(A)

और न ही किसी स्वर्गदूत से उसने यह कहा है,

“मैं उसका पिता बनूँगा,
    और वह मेरा पुत्र होगा।”(B)

और फिर वह जब अपनी प्रथम एवं महत्त्वपूर्ण संतान को संसार में भेजता है तो कहता है,

“परमेश्वर के सब स्वर्गदूत उसकी उपासना करें।”(C)

स्वर्गदूतों के विषय में बताते हुए वह कहता है:

“उसने अपने सब स्वर्गदूत को पवन बनाया
    और अपने सेवकों को आग की लपट बनाया।”(D)

किन्तु अपने पुत्र के विषय में वह कहता है:

“हे परमेश्वर! तेरा सिंहासन शाश्वत है,
    तेरा राजदण्ड धार्मिकता है;
तुझको धार्मिकता ही प्रिय है, तुझको घृणा पापों से रही,
    सो परमेश्वर, तेरे परमेश्वर ने तुझको चुना है, और उस आदर का आनन्द दिया। तुझको तेरे साथियों से कहीं अधिक दिया।”(E)

10 परमेश्वर यह भी कहता है,

“हे प्रभु, जब सृष्टि का जन्म हो रहा था, तूने धरती की नींव धरी।
    और ये सारे स्वर्ग तेरे हाथ का कतृत्व हैं।
11 ये नष्ट हो जायेंगे पर तू चिरन्तन रहेगा,
    ये सब वस्त्र से फट जायेंगे।
12 और तू परिधान सा उनको लपेटेगा।
    वे फिर वस्त्र जैसे बदल जायेंगे।
किन्तु तू यूँ ही, यथावत रहेगा ही,
    तेरे काल का अंत युग युग न होगा।”(F)

यूहन्ना 1:1-14

यीशु का आना

आदि में शब्द[a] था। शब्द परमेश्वर के साथ था। शब्द ही परमेश्वर था। यह शब्द ही आदि में परमेश्वर के साथ था। दुनिया की हर वस्तु उसी से उपजी। उसके बिना किसी की भी रचना नहीं हुई। उसी में जीवन था और वह जीवन ही दुनिया के लोगों के लिये प्रकाश (ज्ञान, भलाई) था। प्रकाश अँधेरे में चमकता है पर अँधेरा उसे समझ नहीं पाया।

परमेश्वर का भेजा हुआ एक मनुष्य आया जिसका नाम यूहन्ना था। वह एक साक्षी के रूप में आया था ताकि वह लोगों को प्रकाश के बारे में बता सके। जिससे सभी लोग उसके द्वारा उस प्रकाश में विश्वास कर सकें। वह खुद प्रकाश नहीं था बल्कि वह तो लोगों को प्रकाश की साक्षी देने आया था। उस प्रकाश की, जो सच्चा था, जो हर मनुष्य को ज्ञान की ज्योति देगा, जो धरती पर आने वाला था।

10 वह इस जगत में ही था और यह जगत उसी के द्वारा अस्तित्व में आया पर जगत ने उसे पहचाना नहीं। 11 वह अपने घर आया था और उसके अपने ही लोगों ने उसे अपनाया नहीं। 12 पर जिन्होंने उसे अपनाया उन सबको उसने परमेश्वर की संतान बनने का अधिकार दिया। 13 परमेश्वर की संतान के रूप में वह कुदरती तौर पर न तो लहू से पैदा हुआ था, ना किसी शारीरिक इच्छा से और न ही माता-पिता की योजना से। बल्कि वह परमेश्वर से उत्पन्न हुआ। 14 उस आदि शब्द ने देह धारण कर हमारे बीच निवास किया। हमने परम पिता के एकमात्र पुत्र के रूप में उसकी महिमा का दर्शन किया। वह करुणा और सत्य से पूर्ण था।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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