Revised Common Lectionary (Complementary)
आरोहण गीत।
1 हे परमेश्वर, मैं ऊपर आँख उठाकर तेरी प्रार्थना करता हूँ।
तू स्वर्ग में राजा के रूप में विराजता है।
2 दास अपने स्वामियों के ऊपर उन वस्तुओं के लिए निर्भर रहा करते हैं। जिसकी उनको आवश्यकता है।
दासियाँ अपनी स्वामिनियों के ऊपर निर्भर रहा करती हैं।
इसी तरह हमको यहोवा का, हमारे परमेश्वर का भरोसा है।
ताकि वह हम पर दया दिखाए, हम परमेश्वर की बाट जोहते हैं।
3 हे यहोवा, हम पर कृपालु है।
दयालु हो क्योंकि बहुत दिनों से हमारा अपमान होता रहा है।
4 अहंकारी लोग बहुत दिनों से हमें अपमानित कर चुके हैं।
ऐसे लोग सोचा करते हैं कि वे दूसरे लोगों से उत्तम हैं।
बिल्दद का अय्यूब को उत्तर
25 फिर शूह प्रदेश के निवासी बिल्दद ने उत्तर देते हुये कहा:
2 “परमेश्वर शासक है और हर व्यक्ति को चाहिये की
परमेश्वर से डरे और उसका मान करे।
परमेश्वर अपने स्वर्ग के राज्य में शांति रखता है।
3 कोई उसकी सेनाओं को गिन नहीं सकता है,
परमेश्वर का प्रकाश सब पर चमकता है।
4 किन्तु सचमुच परमेश्वर के आगे कोई व्यक्ति उचित नहीं ठहर सकता है।
कोई व्यक्ति जो स्त्री से उत्पन्न हुआ सचमुच निर्दोष नहीं हो सकता है।
5 परमेश्वर की आँखों के सामने चाँद तक चमकीला नहीं है।
परमेश्वर की आँखों के सामने तारे निर्मल नहीं हैं।
6 मनुष्य तो बहुत कम भले है।
मनुष्य तो बस गिंडार है एक ऐसा कीड़ा जो बेकार का होता है।”
अय्यूब का बिल्दद को उत्तर:
26 तब अय्यूब ने कहा:
2 “हे बिल्दद, सोपर और एलीपज जो लोग दुर्बल हैं तुम सचमुच उनको सहारा दे सकते हो।
अरे हाँ! तुमने दुर्बल बाँहों को फिर से शक्तिशाली बनाया है।
3 हाँ, तुमने निर्बुद्धि को अद्भुत सम्मत्ति दी है।
कैसा महाज्ञान तुमने दिखाया है!
4 इन बातों को कहने में किसने तुम्हारी सहायता की?
किसकी आत्मा ने तुम को प्रेरणा दी?
5 “जो लोग मर गये है
उनकी आत्मायें धरती के नीचे जल में भय से प्रकंपित हैं।
6 मृत्यु का स्थान परमेश्वर की आँखों के सामने खुला है,
परमेश्वर के आगे विनाश का स्थान ढका नहीं है।
7 उत्तर के नभ को परमेश्वर फैलाता है।
परमेश्वर ने व्योम के रिक्त पर अधर में धरती लटकायी है।
8 परमेश्वर बादलों को जल से भरता है,
किन्तु जल के प्रभार से परमेश्वर बादलों को फटने नहीं देता है।
9 परमेश्वर पूरे चन्द्रमा को ढकता है,
परमेश्वर चाँद पर निज बादल फैलाता है और उसको ढक देता है।
10 परमेश्वर क्षितिज को रचता है
प्रकाश और अन्धकार की सीमा रेखा के रूप में समुद्र पर।
11 जब परमेश्वर डाँटता है तो
वे नीवें जिन पर आकाश टिका है भय से काँपने लगती है।
12 परमेश्वर की शक्ति सागर को शांत कर देती है।
परमेश्वर की बुद्धि ने राहब (सागर के दैत्य) को नष्ट किया।
13 परमेश्वर का श्वास नभ को साफ कर देता है।
परमेश्वर के हाथ ने उस साँप को मार दिया जिसमें भाग जाने का यत्न किया था।
14 ये तो परमेश्वर के आश्चर्यकर्मों की थोड़ी सी बातें हैं।
बस हम थोड़ा सा परमेश्वर के हल्की—ध्वनि भरे स्वर को सुनते हैं।
किन्तु सचमुच कोई व्यक्ति परमेश्वर के शक्ति के गर्जन को नहीं समझ सकता है।”
यीशु की साक्षी
19 उत्तर में यीशु ने उनसे कहा, “मैं तुम्हें सच्चाई बताता हूँ, कि पुत्र स्वयं अपने आप कुछ नहीं कर सकता है। वह केवल वही करता है जो पिता को करते देखता है। पिता जो कुछ करता है पुत्र भी वैसे ही करता है। 20 पिता पुत्र से प्रेम करता है और वह सब कुछ उसे दिखाता है, जो वह करता है। उन कामों से भी और बड़ी-बड़ी बातें वह उसे दिखायेगा। तब तुम सब आश्चर्य करोगे। 21 जैसे पिता मृतकों को उठाकर उन्हें जीवन देता है। ज
22 “पिता किसी का भी न्याय नहीं करता किन्तु उसने न्याय करने का अधिकार बेटे को दे दिया है। 23 जिससे सभी लोग पुत्र का आदर वैसे ही करें जैसे वे पिता का करते हैं। जो व्यक्ति पुत्र का आदर नहीं करता वह उस पिता का भी आदर नहीं करता जिसने उसे भेजा है।
24 “मैं तुम्हें सत्य बताता हूँ जो मेरे वचन को सुनता है और उस पर विश्वास करता है जिसने मुझे भेजा है, वह अनन्त जीवन पाता है। न्याय का दण्ड उस पर नहीं पड़ेगा। इसके विपरीत वह मृत्यु से जीवन में प्रवेश पा जाता है। 25 मैं तुम्हें सत्य बताता हूँ कि वह समय आने वाला है बल्कि आ ही चुका है-जब वे, जो मर चुके हैं, परमेश्वर के पुत्र का वचन सुनेंगे और जो उसे सुनेंगे वे जीवित हो जायेंगे क्योंकि जैसे पिता जीवन का स्रोत है। 26 वैसे ही उसने अपने पुत्र को भी जीवन का स्रोत बनाया है। 27 और उसने उसे न्याय करने का अधिकार दिया है। क्योंकि वह मनुष्य का पुत्र है।
28 “इस पर आश्चर्य मत करो कि वह समय आ रहा है जब वे सब जो अपनी कब्रों में है, उसका वचन सुनेंगे 29 और बाहर आ जायेंगे। जिन्होंने अच्छे काम किये हैं वे पुनरुत्थान पर जीवन पाएँगे पर जिन्होंने बुरे काम किये हैं उन्हें पुनरुत्थान पर दण्ड दिया जायेगा।
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