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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 50

आसाप के भक्ति गीतों में से एक पद।

ईश्वरों के परमेश्वर यहोवा ने कहा है,
    पूर्व से पश्चिम तक धरती के सब मनुष्यों को उसने बुलाया।
सिय्योन से परमेश्वर की सुन्दरता प्रकाशित हो रही है।
हमारा परमेश्वर आ रहा है, और वह चुप नही रहेगा।
    उसके सामने जलती ज्वाला है,
    उसको एक बड़ा तूफान घेरे हुए है।
हमारा परमेश्वर आकाश और धरती को पुकार कर
    अपने निज लोगों को न्याय करने बुलाता है।
“मेरे अनुयायियों, मेरे पास जुटों।
    मेरे उपासकों आओ हमने आपस में एक वाचा किया है।”

परमेश्वर न्यायाधीश है,
    आकाश उसकी धार्मिकता को घोषित करता है।

परमेश्वर कहता है, “सुनों मेरे भक्तों!
    इस्राएल के लोगों, मैं तुम्हारे विरूद्ध साक्षी दूँगा।
    मैं परमेश्वर हूँ, तुम्हारा परमेश्वर।
मुझको तुम्हारी बलियों से शिकायत नहीं।
    इस्राएल के लोगों, तुम सदा होमबलियाँ मुझे चढ़ाते रहो। तुम मुझे हर दिन अर्पित करो।
मैं तेरे घर से कोई बैल नहीं लूँगा।
    मैं तेरे पशु गृहों से बकरें नहीं लूँगा।
10 मुझे तुम्हारे उन पशुओं की आवश्यकता नहीं। मैं ही तो वन के सभी पशुओं का स्वामी हूँ।
    हजारों पहाड़ों पर जो पशु विचरते हैं, उन सब का मैं स्वामी हूँ।
11 जिन पक्षियों का बसेरा उच्चतम पहाड़ पर है, उन सब को मैं जानता हूँ।
    अचलों पर जो भी सचल है वे सब मेरे ही हैं।
12 मैं भूखा नहीं हूँ! यदि मैं भूखा होता, तो भी तुमसे मुझे भोजन नहीं माँगना पड़ता।
    मैं जगत का स्वामी हूँ और उसका भी हर वस्तु जो इस जगत में है।
13 मैं बैलों का माँस खाया नहीं करता हूँ।
बकरों का रक्त नहीं पीता।”

14 सचमुच जिस बलि की परमेश्वर को अपेक्षा है, वह तुम्हारी स्तुति है। तुम्हारी मनौतियाँ उसकी सेवा की हैं।
    सो परमेश्वर को निज धन्यवाद की भेटें चढ़ाओ। उस सर्वोच्च से जो मनौतियाँ की हैं उसे पूरा करो।
15 “इस्राएल के लोगों, जब तुम पर विपदा पड़े, मेरी प्रार्थना करो,
    मैं तुम्हें सहारा दूँगा। तब तुम मेरा मान कर सकोगे।”

16 दुष्ट लोगों से परमेश्वर कहता है,
    “तुम मेरी व्यवस्था की बातें करते हो,
    तुम मेरे वाचा की भी बातें करते हो।
17 फिर जब मैं तुमको सुधारता हूँ, तब भला तुम मुझसे बैर क्यों रखते हो।
    तुम उन बातों की उपेक्षा क्यों करते हो जिन्हें मैं तुम्हें बताता हूँ?
18 तुम चोर को देखकर उससे मिलने के लिए दौड़ जाते हो,
    तुम उनके साथ बिस्तर में कूद पड़ते हो जो व्यभिचार कर रहे हैं।
19 तुम बुरे वचन और झूठ बोलते हो।
20 तुम दूसरे लोगों की यहाँ तक की
    अपने भाईयों की निन्दा करते हो।
21 तुम बुरे कर्म करते हो, और तुम सोचते हो मुझे चुप रहना चाहिए।
    तुम कुछ नहीं कहते हो और सोचते हो कि मुझे चुप रहना चहिए।
देखो, मैं चुप नहीं रहूँगा, तुझे स्पष्ट कर दूँगा।
    तेरे ही मुख पर तेरे दोष बताऊँगा।
22 तुम लोग परमेश्वर को भूल गये हो।
    इसके पहले कि मैं तुम्हे चीर दूँ, अच्छी तरह समझ लो।
जब वैसा होगा कोई भी व्यक्ति तुम्हें बचा नहीं पाएगा!
23 यदि कोई व्यक्ति मेरी स्तुति और धन्यवादों की बलि चढ़ाये, तो वह सचमुच मेरा मान करेगा।
    यदि कोई व्यक्ति अपना जीवन बदल डाले तो उसे मैं परमेश्वर की शक्ति दिखाऊँगा जो बचाती है।”

नहेमायाह 13:1-3

नहेमायाह के अंतिम आदेश

13 उस दिन मूसा की पुस्तक का ऊँचे स्वर में पाठ किया गय ताकि सभी लोग उसे सुन लें। मूसा की पुस्तक में उन्हें यह नियम लिखा हुआ मिला: किसी भी अम्मोनी व्यक्ति को और किसी भी मोआबी व्यक्ति को परमेश्वर की सभाओं में सम्मिलित न होने दिया जाये। यह नियम इस लिये लिखा गया था कि वे इस्राएल के लोगों को भोजन या जल नहीं दिया करते थे, तथा वे इस्राएल के लोगों को शाप देने के लिए बालाम को धन दिया करते थे। किन्तु हमारे परमेश्वर ने उस शाप को हमारे लिए वरदान में बदल दिया सो इस्राएल के लोगों ने इस नियम को सुन कर इसका पालन किया और पराये लोगों के वंशजों को इस्राएल से अलग कर दिया।

नहेमायाह 13:23-31

23 उन्हीं दिनों मैंने यह भी देखा कि कुछ यहूदी पुरुषों ने आशदोद, अम्मोन और मोआब प्रदेशों की स्त्रियों से विवाह किया हुआ है, 24 और उन विवाहों से उत्पन्न हुए आधे बच्चे तो यहूदी भाषा को बोलना तक नहीं जानते हैं। वे बच्चे अश्दौद, अम्मोन और मोआब की बोली बोलते थे। 25 सो मैंने उन लोगों से कहा कि वे गलती पर हैं। उन पर परमेश्वर का कहर बरसा हो। कुछ लोगों पर तो मैं चोट ही कर बैठा और मैंने उनके बाल उखाड़ लिये। परमेश्वर के नाम पर एक प्रतिज्ञा करने के लिए मैंने उन पर दबाव डाला। मैंने उनसे कहा, “उन पराये लोगों के पुत्रों के साथ तुम्हें अपनी पुत्रियों को ब्याह नहीं करना है और उन पराये लोगों की पुत्रियों को भी तुम्हें अपने पुत्रों से ब्याह नहीं करने देना है। उन लोगों की पुत्रियों के साथ तुम्हें ब्याह नहीं करना है। 26 तुम जानते हो कि सुलैमान से इसी प्रकार के विवाहों ने पाप करवाया था। तुम जानते हो कि किसी भी राष्ट्र में सुलैमान जैसा महान कोई राजा नहीं हुआ। सुलैमान को परमेश्वर प्रेम करता था और परमेश्वर ने ही सुलैमान को समूचे इस्राएल का राजा बनाया था। किन्तु इतना होने पर भी विजातीय पत्नियों के कारण सुलैमान तक को पाप करने पड़े 27 और अब क्या, हम तुम्हारी सुनें और वैसा ही भयानक पाप करें और विजाति औरतों के साथ विवाह करके अपने परमेश्वर के प्रति सच्चे नहीं रहें।”

28 योयादा का एक पुत्र होरोन के सम्बल्लत का दामाद था। योयादा महायाजक एल्याशीब का पुत्र था। सो मैंने योयादा के उस पुत्र पर दबाव डाला कि वह मेरे पास से भाग जाये।

29 हे मेरे परमेश्वर! उन्हें याद रख क्योंकि उन्होंने याजकपन को भ्रष्ट किया था। उन्होंने याजकनपन को ऐसा बना दिया था जैसे उसका कोई महत्व ही न हो। तूने याजकों और लेवियों के साथ जो वाचा की थी, उन्होंने उसका पालन नहीं किया। 30 सो मैंने हर किसी बाहरी वस्तु से याजकों और लेवियों को पवित्र एवं स्वच्छ बना दिया है तथा मैंने प्रत्येक पुरुष को उसके अपने कर्तव्य और दायित्व भी सौंपे हैं। 31 मैंने लकड़ी के उपहारों और एक निश्चित समय पर पहले फलों को लाने सम्बन्धी योजनाएँ भी बना दी हैं।

हे मेरे परमेश्वर! इन अच्छे कामों के लिये तू मुझे याद रख।

1 कुरिन्थियों 5:9-13

अपने पिछले पत्र में मैंने लिखा था कि तुम्हें उन लोगों से अपना नाता नहीं रखना चाहिए जो व्यभिचारी हैं। 10 मेरा यह प्रयोजन बिलकुल नहीं था कि तुम इस दुनिया के व्यभिचारियों, लोभियों, ठगों या मूर्ति-पूजकों से कोई सम्बन्ध ही मत रखो। ऐसा होने पर तो तुम्हें इस संसार से ही निकल जाना होगा। 11 किन्तु मैंने तुम्हें जो लिखा है, वह यह है कि किसी ऐसे व्यक्ति से नाता मत रखो जो अपने आपको मसीही बन्धु कहला कर भी व्यभिचारी, लोभी, मूर्तिपूजक चुगलखोर, पियक्कड़ या एक ठग है। ऐसे व्यक्ति के साथ तो भोजन भी ग्रहण मत करो।

12 जो लोग बाहर के हैं, कलीसिया के नहीं, उनका न्याय करने का भला मेरा क्या काम। क्या तुम्हें उन ही का न्याय नहीं करना चाहिये जो कलीसिया के भीतर के हैं? 13 कलीसिया के बाहर वालों का न्याय तो परमेश्वर करेगा। शास्त्र कहता है: “तुम पाप को अपने बीच से बाहर निकाल दो।”(A)

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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