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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
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यिर्मयाह 14:7-10

“हम जानते हैं कि यह सब कुछ हमारे अपराध के कारण है।
    हम अब अपने पापों के कारण कष्ट उठा रहे हैं।
हे यहोवा, अपने अच्छे नाम के लिये हमारी कुछ मदद कर।
    हम स्वीकार करते हैं कि हम लोगों ने तुझको कई बार छोड़ा है।
हम लोगों ने तेरे विरुद्ध पाप किये हैं।
परमेश्वर, तू इस्राएल की आशा है।
    विपत्ति के दिनों में तूने इस्राएल को बचाया।
किन्तु अब ऐसा लगता है कि तू इस देश में अजनबी है।
    ऐसा प्रतीत होता है कि तू वह यात्री है जो एक रात यहाँ ठहरा हो।
तू उस व्यक्ति के समान लगता है जिस पर अचानक हमला किया गया हो।
    तू उस सैनिक सा लगता है जिसके पास किसी को बचाने की शक्ति न हो।
किन्तु हे यहोवा, तू हमारे साथ है।
    हम तेरे नाम से पुकारे जाते हैं, अत: हमें असहाय न छोड़।”

10 यहूदा के लोगों के बारे में यहोवा जो कहता है, वह यह है: “यहूदा के लोग सचमुच मुझे छोड़ने में प्रसन्न हैं। वे लोग मुझे छोड़ना अब भी बन्द नहीं करते। अत: अब यहोवा उन्हें नहीं अपनायेगा। अब यहोवा उनके बुरे कामों को याद रखेगा जिन्हें वे करते हैं। यहोवा उन्हें उनके पापों के लिये दण्ड देगा।”

यिर्मयाह 14:19-22

19 हे यहोवा, क्या तूने पूरी तरह यहूदा राष्ट्र को त्याग दिया है यहोवा,
    क्या तू सिय्योन से घृणा करता है
तूने इसे बुरी तरह से चोट की है
    कि हम फिर से अच्छे नहीं बनाए जा सकते।
तूने वैसा क्यों किया हम शान्ति की आशा रखते थे,
    किन्तु कुछ भी अच्छा नहीं हुआ।
हम लोग घाव भरने के समय की प्रतीक्षा कर रहे थे,
    किन्तु केवल त्रास आया।
20 हे यहोवा, हम जानते हैं कि हम बहुत बुरे लोग हैं,
    हम जानते हैं कि हमारे पूर्वजों ने बुरे काम किये।
हाँ, हमने तेरे विरुद्ध पाप किये।
21 हे यहोवा, अपने नाम की अच्छाई के लिये
    तू हमें धक्का देकर दूर न कर।
अपने सम्मानीय सिंहासन के गौरव को न हटा।
    हमारे साथ की गई वाचा को याद रख और इसे न तोड़।
22 विदेशी देवमूर्तियों में वर्षा लाने की शक्ति नहीं हैं,
    आकाश में पानी बरसाने की शक्ति नहीं है।
केवल तू ही हमारी आशा है, एकमात्र तू ही है
    जिसने यह सब कुछ बनाया है।

भजन संहिता 84:1-7

मित्तिथ की संगत पर संगीत निर्देशक के लिये कोरह वंशियों का एक स्तुति गीत।

सर्वशक्तिमान यहोवा, सचमुच तेरा मन्दिर कितना मनोहर है।
हे यहोवा, मैं तेरे मन्दिर में रहना चाहता हूँ।
    मैं तेरी बाट जोहते थक गया हूँ!
मेरा अंग अंग जीवित यहोवा के संग होना चाहता है।
सर्वशक्तिमान यहोवा, मेरे राजा, मेरे परमेश्वर,
    गौरेया और शूपाबेनी तक के अपने घोंसले होते हैं।
ये पक्षी तेरी वेदी के पास घोंसले बनाते हैं
    और उन्हीं घोंसलों में उनके बच्चे होते हैं।
जो लोग तेरे मन्दिर में रहते हैं, अति प्रसन्न रहते हैं।
    वे तो सदा ही तेरा गुण गाते हैं।

वे लोग अपने हृदय में गीतों के साथ जो तेरे मन्दिर मे आते हैं,
    बहुत आनन्दित हैं।
वे प्रसन्न लोग बाका घाटी
    जिसे परमेश्वर ने झरने सा बनाया है गुजरते हैं।
    गर्मो की गिरती हुई वर्षा की बूँदे जल के सरोवर बनाती है।
लोग नगर नगर होते हुए सिय्योन पर्वत की यात्रा करते हैं
    जहाँ वे अपने परमेश्वर से मिलेंगे।

2 तीमुथियुस 4:6-8

जहाँ तक मेरी बात है, मैं तो अब अर्घ के समान उँडेला जाने पर हूँ। और मेरा तो इस जीवन से विदा लेने का समय भी आ पहुँचा है। मैं उत्तम प्रतिस्पर्द्धा में लगा रहा हूँ। मैं अपनी दौड़, दौड़ चुका हूँ। मैंने विश्वास के पन्थ की रक्षा की है। अब विजय मुकुट मेरी प्रतीक्षा में है। जो धार्मिक जीवन के लिये मिलना है। उस दिन न्यायकर्ता प्रभु मुझे विजय मुकुट पहनायेगा। न केवल मुझे, बल्कि उन सब को जो प्रेम के साथ उसके प्रकट होने की बाट जोहते रहे हैं।

2 तीमुथियुस 4:16-18

16 प्रारम्भ में जब मैं अपना बचाव प्रस्तुत करने लगा तो मेरे पक्ष में कोई सामने नहीं आया। बल्कि उन्होंने तो मुझे अकेला छोड़ दिया था। परमेश्वर करे उन्हें इसका हिसाब न देना पड़े। 17 मेरे पक्ष में तो प्रभु ने खड़े होकर मुझे शक्ति दी। ताकि मेरे द्वारा सुसमाचार का भरपूर प्रचार हो सके, जिसे सभी ग़ैर यहूदी सुन पायें। सिंह के मुँह से मुझे बचा लिया गया है। 18 किसी भी पापपूर्ण हमले से प्रभु मुझे बचायेगा और अपने स्वर्गीय राज्य में सुरक्षा पूर्वक ले जायेगा। उसकी महिमा सदा-सदा होती रहे। आमीन!

लूका 18:9-14

दीनता के साथ परमेश्वर की उपासना

फिर यीशु ने उन लोगों के लिए भी जो अपने आप को तो नेक मानते थे, और किसी को कुछ नहीं समझते, यह दृष्टान्त कथा सुनाई: 10 “मन्दिर में दो व्यक्ति प्रार्थना करने गये, एक फ़रीसी था और दूसरा कर वसूलने वाला। 11 वह फ़रीसी अलग खड़ा होकर यह प्रार्थना करने लगा, ‘हे परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि मैं दूसरे लोगों जैसा डाकू, ठग और व्यभिचारी नहीं हूँ और न ही इस कर वसूलने वाले जैसा हूँ। 12 मैं सप्ताह में दो बार उपवास रखता हूँ और अपनी समूची आय का दसवाँ भाग दान देता हूँ।’

13 “किन्तु वह कर वसूलने वाला जो दूर खड़ा था और यहाँ तक कि स्वर्ग की ओर अपनी आँखें तक नहीं उठा रहा था, अपनी छाती पीटते हुए बोला, ‘हे परमेश्वर, मुझ पापी पर दया कर।’ 14 मैं तुम्हें बताता हूँ, यही मनुष्य नेक ठहराया जाकर अपने घर लौटा, न कि वह दूसरा। क्योंकि हर वह व्यक्ति जो अपने आप को बड़ा समझेगा, उसे छोटा बना दिया जायेगा और जो अपने आप को दीन मानेगा, उसे बड़ा बना दिया जायेगा।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International