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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 111

यहोवा के गुण गाओ!

यहोवा का अपने सम्पूर्ण मन से ऐसी उस सभा में धन्यवाद करता हूँ
    जहाँ सज्जन मिला करते हैं।
यहोवा ऐसे कर्म करता है, जो आश्चर्यपूर्ण होते हैं।
    लोग हर उत्तम वस्तु चाहते हैं, वही जो परमेश्वर से आती है।
परमेश्वर ऐसे कर्म करता है जो सचमुच महिमावान और आश्चर्यपूर्ण होते हैं।
    उसका खरापन सदा—सदा बना रहता है।
परमेश्वर अद्भुत कर्म करता है ताकि हम याद रखें
    कि यहोवा करूणापूर्ण और दया से भरा है।
परमेश्वर निज भक्तों को भोजन देता है।
    परमेश्वर अपनी वाचा को याद रखता है।
परमेश्वर के महान कार्य उसके प्रजा को यह दिखाया
    कि वह उनकी भूमि उन्हें दे रहा है।
परमेश्वर जो कुछ करता है वह उत्तम और पक्षपात रहित है।
    उसके सभी आदेश पूरे विश्वास योग्य हैं।
परमेश्वर के आदेश सदा ही बने रहेंगे।
    परमेश्वर के उन आदेशों को देने के प्रयोजन सच्चे थे और वे पवित्र थे।
परमेश्वर निज भक्तों को बचाता है।
    परमेश्वर ने अपनी वाचा को सदा अटल रहने को रचा है, परमेश्वर का नाम आश्चर्यपूर्ण है और वह पवित्र है।
10 विवेक भय और यहोवा के आदर से उपजता है।
    वे लोग बुद्धिमान होतेहैं जो यहोवा का आदर करते हैं।
यहोवा की स्तुति सदा गायी जायेगी।

लैव्यव्यवस्था 14:33-53

घर में लगी फफूँदी के लिए नियम

33 यहोवा ने मूसा और हारून से यह भी कहा, 34 “मैं तुम्हारे लोगों को कनान देश दे रहा हूँ। तुम्हारे लोग इस भूमि पर जाएंगे। उस समय मैं हो सकता है, कुछ लोगों के घरों में फफूँदी लगा दूँ। 35 तो उस घर के मालिक को याजक के पास आकर कहना चाहिए, ‘मैंने अपने घर में फफूँदी जैसी कोई चीज देखी है।’

36 “तब याजक को आदेश देना चाहिए कि घर को खाली कर दिया जाय। लोगों को याजक के फफूँदी देखने जाने से पहले ही यह करना चाहिए। इस तरह घर की सभी चीज़ों को याजक को असुद्ध नहीं कहना पड़ेगा। लोगों द्वारा घर खाली कर दिए जाने पर याजक घर में देखने जाएगा। 37 याजक फफूँदी को देखेगा। यदि फफूँदी ने घर की दीवारों पर हरे या लाल रंग के चकत्ते बना दिए हैं और फफूँदी दीवार की सतह पर बढ़ रही है, 38 तो याजक को घर से बाहर निकल आना चाहिए और सात दिन तक घर बन्द कर देना चाहिए।

39 “सातवें दिन, याजक को वहाँ लौटना चाहिए और घर की जाँच करनी चाहिए। यदि घर की दीवारों पर फफूँदी फैल गई हो 40 तो याजक को लोगों को आदेश देना चाहिए कि वे फफूँदी सहित पत्थरों को उखाड़ें और उन्हें दूर फेंग दें। उन्हें उन पत्थरों को नगर से बाहर विशेष अशुद्ध स्थान पर फेंकना चाहिए। 41 तब याजक को पूरे घर को अन्दर से खुरचवा डालना चाहिए। लोगों को उस लेप को जिसे उन्होंने खुरचा है, फेंक देना चाहिए। उन्हें उस लेप को नगर के बाहर विशेष अशुद्ध स्थान पर डालना चाहिए। 42 तब उस व्यक्ति को नए पत्थर दीवारों में लगाने चाहिए और उसे उन दीवारों को नए लेप से ढक देना चाहिए।

43 “सम्भव है कोई व्यक्ति पुराने पत्थरों और लेप को निकाल कर नेये पत्थरों और लेप को लगाए और सम्भव है वह फफूँदी उस घर में फिर प्रकट हो। 44 तब याजक को आकर उस घर की जाँच करनी चाहिए। यदि फफूँदी घर में फैल गई हो तो यह रोग है जो दूसरी जगहों में जल्दी से फैलता है। अत: घर अशुद्ध है। 45 उस व्यक्ति को वह घर गिरा देना चाहिए। उन्हें सारे पत्थर, लेप तथा अन्य लकड़ी के टुकड़ों को नगर से बाहर अशुद्ध स्थान पर ले जाना चाहिए 46 और कोई व्यक्ति जो उसमें जाता है, सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा। 47 यदि कोई व्यक्ति उसमें भोजन करता है या उसमें सोता है तो उस व्यक्ति को अपने वस्त्र धोने चाहिए।

48 “घर में नये पत्थर और लेप लगाने के बाद याजक को घर की जाँच करनी चाहिए। यदि फफूँदी घर में नहीं फैली है तो याजक घोषणा करेगा कि घर शुद्ध है। क्यों? क्योंकि फफूँदी समाप्त हो गई है!

49 “तब, घर को शुद्ध करने के लिए याजक को दो पक्षी, एक देवदारू की लकड़ी, एक लाल कपड़े का टुकड़ा और जूफा का पैधा लेना चाहिए। 50 याजक बहते पानी के ऊपर मिट्टी के कटोरे में एक पक्षी को मारेगा। 51 तब याजक देवदारू की लकड़ी, जूफा का पौधा, लाल कपड़े का टुकड़ा और जीवित पक्षी को लेगा। याजक बहते जल के ऊपर मारे गए पक्षी के खून में उन चीज़ों को डुबाएगा। तब याजक उस खून को उस घर पर सात बार छिड़केगा। 52 इस प्रकार याजक उन चीज़ों का उपयोग घर को शुद्ध करने के लिए करेगा। 53 याजक खुले मैदान में नगर के बाहर जाएगा और पक्षी को उड़ा देगा। इस प्रकार याजक घर को शुद्ध करेगा। घर शुद्ध हो जाएगा।”

2 तीमुथियुस 1:13-18

13 उस उत्तम शिक्षा को जिसे तूने मुझसे यीशु मसीह में प्राप्त होने वाले विश्वास और प्रेम के साथ सुना है तू जो सिखाता है उसका आदर्श वही उत्तम शिक्षा है। 14 हमारे भीतर निवास करने वाली पवित्र आत्मा के द्वारा तू उस बहुमूल्य धरोहर की रखवाली कर जिसे तुझे सौंपा गया है।

15 जैसा कि तू जानता है कि वे सभी जो एशिया में रहते हैं, मुझे छोड़ गये हैं। फुगिलुस और हिरमुगिनेस उन्हीं में से हैं। 16 उनेसिफिरुस के परिवार पर प्रभु अनुग्रह करे। क्योंकि उसने अनेक अवसरों पर मुझे सुख पहुँचाया है। तथा वह मेरे जेल में रहने से लज्जित नहीं हुआ है। 17 बल्कि वह तो जब रोम आया था, जब तक मुझसे मिल नहीं लिया, यत्नपूर्वक मुझे ढूँढता रहा। 18 प्रभु करे उसे, उस दिन प्रभु की ओर से दया प्राप्त हो, उसने इफिसुस में मेरी तरह-तरह से जो सेवाएँ की है तू उन्हें बहुत अच्छी तरह जानता है।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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