Revised Common Lectionary (Complementary)
दाऊद को समर्पित।
1 दुर्जनों से मत घबरा,
जो बुरा करते हैं ऐसे मनुष्यों से ईर्ष्या मत रख।
2 दुर्जन मनुष्य घास और हरे पौधों की तरह
शीघ्र पीले पड़ जाते हैं और मर जाते हैं।
3 यदि तू यहोवा पर भरोसा रखेगा और भले काम करेगा तो तू जीवित रहेगा
और उन वस्तुओं का भोग करेगा जो धरती देती है।
4 यहोवा की सेवा में आनन्द लेता रह,
और यहोवा तुझे तेरा मन चाहा देगा।
5 यहोवा के भरोसे रह। उसका विश्वास कर।
वह वैसा करेगा जैसे करना चाहिए।
6 दोपहर के सूर्य सा, यहोवा तेरी नेकी
और खरेपन को चमकाए।
7 यहोवा पर भरोसा रख और उसके सहारे की बाट जोह।
तू दुष्टों की सफलता देखकर घबराया मत कर। तू दुष्टों की दुष्ट योजनाओं को सफल होते देख कर मत घबरा।
8 तू क्रोध मत कर! तू उन्मादी मत बन! उतना मत घबरा जा कि तू बुरे काम करना चाहे।
9 क्योंकि बुरे लोगों को तो नष्ट किया जायेगा।
किन्तु वे लोग जो यहोवा पर भरोसे हैं, उस धरती को पायेंगे जिसे देने का परमेश्वर ने वचन दिया।
हिजकिय्याह को अश्शूर के राजा की पुनः चेतावनी
8 सेनापति ने सुना कि अश्शूर का राजा लाकीश से चल पड़ा है। अतः सेनापति गया और यह पाया कि उसका सम्राट लिब्ना के विरुद्ध कर रहा है। 9 अश्शूर के राजा ने एक अफवाह कूश के राजा तिर्हाका के बारे में सुनी। अफवाह यह थीः “तिर्हाका तुम्हारे विरुद्ध लड़ने आया है।”
अतः अश्शूर के राजा ने हिजकिय्याह के पास फिर सन्देशवाहक भेजे।
अश्शूर के राजा ने इन सन्देशवाहकों को यह सन्देश दिया। 10 उसने इसमें यह कहाः “यहूदा के राजा हिजकिय्याह से यह कहोः
“‘जिस परमेश्वर में तुम विश्वाश रखते हो उसे तुम अपने को मूर्ख बनाने मत दो। वह कहता है, अश्शूर का राजा यरूशलेम को पराजित नहीं करेगा।’ 11 तुमने उन घटानाओं को सुना है जो अश्शूर के राजाओं ने अन्य सभी देशों में घटित की हैं। हमने उन्हें पूरी तरह से नष्ट किया। क्या तुम बच पाओगे। नहीं। 12 उन राष्ट्रों के देवता अपने लोगों की रक्षा नहीं कर सके। मेरे पूर्वजों ने उन सभी को नष्ट किया। उन्होंने गोजान, हारान, रेसेप और तलस्सार में एदेन के लोगों को नष्ट किया। 13 हमात का राजा कहाँ है अर्पाद का राजा सपवैम नगर का राजा हेना और इव्वा का राजा ये सभी समाप्त हो गये हैं।’”
हिजकिय्याह यहोवा से प्रार्थना करता है
14 हिजकिय्याह ने सन्देशवाहकों से पत्र प्राप्त किये और उन्हें पढ़ा। तब हिजकिय्याह यहोवा के मन्दिर तक गया और यहोवा के सामने पत्रों को रखा। 15 हिजकिय्याह ने यहोवा के सामने प्रार्थना की और कहा, “यहोवा इस्राएल का परमेश्वर! तू करूब (स्वर्गदूतों) पर सम्राट की तरह बैठता है। तू ही केवल सारी पृथ्वी के राज्यों का परमेश्वर है। तूने पृथ्वी और आकाश को बनाया। 16 यहोवा मेरी प्रार्थना सुन। यहोवा अपनी आँखें खोल और इस पत्र को देख। उन शब्दों को सुन जिन्हें सन्हेरीब ने शाश्वत परमेश्वर का अपमान करने को भेजा है। 17 यहोवा, यह सत्य है। अश्शूर के राजाओं ने इन सभी राष्ट्रों को नष्ट किया। 18 उन्होंने राष्ट्रों के देवताओं को आग में फेंक दिया। किन्तु वे सच्चे देवता नहीं थे। वे केवल लकड़ी और पत्थर की मूर्ति थे जिन्हें मनुष्यों ने बना रखा था। यही कारण था कि अश्शूर के राजा उन्हें नष्ट कर सके। 19 अतः यहोवा, हमारा परमेश्वर, अब तो अश्शूर के राजा से बचा। तब पृथ्वी के सारे राज्य समझेंगे कि यहोवा, तू ही केवल परमेश्वर है।”
20 आमोस के पुत्र यशायाह ने हिजकिय्याह को यह सन्देश भेजा। उसने कहा, “यहोवा, इस्राएल का परमेश्वर यह कहता है, ‘तुमने मुझसे अश्शूर के राजा सन्हेरीब के विरुद्ध प्रार्थना की है। मैंने तुम्हारी प्रार्थना सुन ली है।’
अश्शूरी सेना नष्ट हो गई
35 उस रात यहोवा का दूत अश्शूरी डेरे में गया और एक लाख पचासी हज़ार लोगों को मार डाला। सुबह को जब लोग उठे तो उन्होंने सारे शव देखे।
36 अतः अश्शूर का राजा सन्हेरीब पीछे हटा और नीनवे वापस पहुँचा, तथा वहीं रूक गया। 37 एक दिन सन्हेरीब निस्रोक के मन्दिर में अपने देवता की पूजा कर रहा था। उसके पुत्रों अद्रेम्मेलेक और सरेसेर ने उसे तलवार से मार डाला। तब अद्रेम्मेलेक और सरेसेर अरारात प्रदेश में भाग निकले और सनहेरीब का पुत्र एसर्हद्दोन उसके बाद नया राजा हुआ।
पिरगमुन की कलीसिया को मसीह का सन्देश
12 “पिरगमुन की कलीसिया के स्वर्गदूत को यह लिख:
“वह जो तेज दोधारी तलवार को धारण करता है, इस प्रकार कहता है:
13 “मैं जानता हूँ तू कहाँ रह रहा है। तू वहाँ रह रहा है जहाँ शैतान का सिंहासन है और मैं यह भी जानता हूँ कि तू मेरे नाम को थामे हुए है तथा तूने मेरे प्रति अपने विश्वास को कभी नहीं नकारा है। तुम्हारे उस नगर में जहाँ शैतान का निवास है, मेरा विश्वासपूर्ण साक्षी अन्तिपास मार दिया गया था।
14 “कुछ भी हो, मेरे पास तेरे विरोध में कुछ बातें हैं। तेरे यहाँ कुछ ऐसे लोग भी हैं जो बिलाम की सीख पर चलते हैं। उसने बालाक को सिखाया था कि वह इस्राएल के लोगों को मूर्तियों का चढ़ावा खाने और व्यभिचार करने को प्रोत्साहित करे। 15 इसी प्रकार तेरे यहाँ भी कुछ ऐसे लोग हैं जो नीकुलइयों की सीख पर चलते हैं। 16 इसलिए मन फिरा नहीं तो मैं जल्दी ही तेरे पास आऊँगा और उनके विरोध में उस तलवार से युद्ध करूँगा जो मेरे मुख से निकलती है।
17 “जो सुन सकता है, वह सुने कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कह रहा है!
“जो विजयी होगा, मैं उसे स्वर्ग में छिपा मन्ना दूँगा। मैं उसे एक श्वेत पत्थर भी दूँगा जिस पर एक नया नाम अंकित होगा। जिसे उसके सिवा और कोई नहीं जानता जिसे वह दिया गया है।
थूआतीरा की कलीसिया को मसीह का सन्देश
18 “थूआतीरा की कलीसिया के स्वर्गदूत के नाम:
“परमेश्वर का पुत्र, जिसके नेत्र धधकती आग के समान हैं, तथा जिसके चरण शुद्ध काँसे के जैसे हैं, इस प्रकार कहता है:
19 “मैं तेरे कर्मों, तेरे विश्वास, तेरी सेवा तथा तेरी धैर्यपूर्ण सहनशक्ति को जानता हूँ। मैं जानता हूँ कि अब तू जितना पहले किया करता था, उससे अधिक कर रहा है। 20 किन्तु मेरे पास तेरे विरोध में यह है: तू इजेबेल नाम की उस स्त्री को सह रहा है जो अपने आपको नबी कहती है। अपनी शिक्षा से वह मेरे सेवकों को व्यभिचार के प्रति तथा मूर्तियों का चढ़ावा खाने को प्रेरित करती है। 21 मैंने उसे मन फिराने का अवसर दिया है किन्तु वह परमेश्वर के प्रति व्यभिचार के लिए मन फिराना नहीं चाहती।
22 “इसलिए अब मैं उसे पीड़ा की शैया पर डालने ही वाला हूँ। तथा उन्हें भी जो उसके साथ व्यभिचार में सम्मिलित हैं। ताकि वे उस समय तक गहन पीड़ा का अनुभव करते रहें जब तक वे उसके साथ किए अपने बुरे कर्मों के लिए मन न फिरावें। 23 मैं महामारी से उसके बच्चों को मार डालूँगा और सभी कलीसियाओं को यह पता चल जाएगा कि मैं वही हूँ जो लोगों के मन और उनकी बुद्धि को जानता है। मैं तुम सब लोगों को तुम्हारे कर्मो के अनुसार दूँगा।
24 “अब मुझे थूआतीरा के उन शेष लोगों से कुछ कहना है जो इस सीख पर नहीं चलते और जो शैतान के तथा कथित गहन रहस्यों को नहीं जानते। मुझे तुम पर कोई और बोझ नहीं डालना है। 25 किन्तु जो तुम्हारे पास है, उस पर मेरे आने तक चलते रहो।
26 “जो विजय प्राप्त करेगा और जिन बातों का मैंने आदेश दिया है, अंत तक उन पर टिका रहेगा, मैं उन्हें जातियों पर अधिकार दूँगा। 27 तथा वह उन पर लोहे के डण्डे से शासन करेगा। वह उन्हें माटी के भाँड़ों की तरह चूर-चूर कर देगा।[a] 28 यह वही अधिकार है जिसे मैंने अपने परम पिता से पाया है। मैं भी उस व्यक्ति को भोर का तारा दूँगा। 29 जिसके पास कान हैं, वह सुने कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कह रहा है।
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