Revised Common Lectionary (Complementary)
“यदूतून” राग पर संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक पद।
1 मैं धीरज के साथ
अपने उद्धार के लिए यहोवा का बाट जोहता हूँ।
2 परमेश्वर मेरा गढ़ है। परमेश्वर मुझको बचाता है।
ऊँचे पर्वत पर, परमेश्वर मेरा सुरक्षा स्थान है। मुझको महा सेनायें भी पराजित नहीं कर सकतीं।
3 तू मुझ पर कब तक वार करता रहेगा
मैं एक झूकी दीवार सा हो गया हूँ,
और एक बाड़े सा
जो गिरने ही वाला है।
4 वे लोग मेरे नाश का कुचक्र रच रहें हैं।
मेरे विषय में वे झूठी बातें बनाते हैं।
लोगों के बीच में,
वे मेरी बढाई करते,
किन्तु वे मुझको लुके—छिपे कोसते हैं।
5 मैं यहोवा की बाट धीरज के साथ जोहता हूँ।
बस परमेश्वर ही अपने उद्धार के लिए मेरी आशा है।
6 परमेश्वर मेरा गढ़ है। परमेश्वर मुझको बचाता है।
ऊँचे पर्वत में परमेश्वर मेरा सुरक्षा स्थान है।
7 महिमा और विजय, मुझे परमेश्वर से मिलती है।
वह मेरा सुदृढ़ गढ़ है। परमेश्वर मेरा सुरक्षा स्थल है।
8 लोगों, परमेश्वर पर हर घड़ी भरोसा रखो!
अपनी सब समस्यायें परमेश्वर से कहो।
परमेश्वर हमारा सुरक्षा स्थल है।
9 सचमुच लोग कोई मदद नहीं कर सकते।
सचमुच तुम उनके भरोसे सहायता पाने को नहीं रह सकते!
परमेश्वर की तुलना में
वे हवा के झोंके के समान हैं।
10 तुम बल पर भरोसा मत रखो की तुम शक्ति के साथ वस्तुओं को छीन लोगे।
मत सोचो तुम्हें चोरी करने से कोई लाभ होगा।
और यदि धनवान भी हो जाये
तो कभी दौलत पर भरोसा मत करो, कि वह तुमको बचा लेगी।
11 एक बात ऐसी है जो परमेश्वर कहता है, जिसके भरोसे तुम सचमुच रह सकते हो:
“शक्ति परमेश्वर से आती है!”
12 मेरे स्वामी, तेरा प्रेम सच्चा है।
तू किसी जन को उसके उन कामों का प्रतिफल अथवा दण्ड देता है, जिन्हें वह करता है।
2 यहोवा कहता है, “इस्राएल के विरोध में मेरा एक अभियोग है। याकूब ने जो कर्म किये हैं, उसे उनके लिये दण्ड दिया जाना चाहिये। अपने किये कुकर्मो के लिये, उसे निश्चय ही दण्ड दिया जाना चाहिये। 3 अभी याकूब अपनी माता के गर्भ में ही था कि उसने अपने भाई के साथ चालबाजियाँ शुरू कर दीं। याकूब एक शक्तिशाली युवक था और उस समय उसने परमेश्वर से युद्ध किया। 4 याकूब ने परमेश्वर के स्वर्गदूत से कुश्ती लड़ी और उससे जीत गया। उसने पुकारा और कृपा करने के लिये विनती की। यह बेतेल में घटा था। उसी स्थान पर उसने हमसे बातचीत की थी। 5 हाँ, यहोवा सेनाओं का परमेश्वर है। उसका नाम यहोवा है। 6 सो अपने परमेश्वर की ओर लौट आओ। उसके प्रति सच्चे बनो। उचित कर्म करो! अपने परमेश्वर पर सद भरोसा रखो!
7 “याकूब एक सचमुच का व्यापारी है। वह अपने मित्रों तक को छलता है! उसकी तराजू तक झूठी है। 8 एप्रैम ने कहा, ‘मैं धनवान हूँ! मैंने सच्ची सम्पत्ति पा ली है। मेरे अपराधों का किसी व्यक्ति को पता नहीं चलेगा। मेरे पापों को कोई व्यक्ति जान ही नहीं पायेगा।’
9 “किन्तु मैं तो तभी से तुम्हारा परमेश्वर यहोवा रहा हूँ जब तुम मिस्र की धरती पर हुआ करते थे। मैं तुझे तम्बुओं में वैसे ही रखा करूँगा जैसे तू मिलाप के तम्बू के अवसर पर रहा करता था। 10 मैंने नबियों से बात की। मैंने उन्हें अनेक दर्शन दिये। मैंने नबियों को तुम्हें अपने पाठ पढ़ाने के बहुत से तरीके दिये। 11 किन्तु गिलाद में फिर भी पाप है। वहाँ व्यर्थ की अनेक वस्तुएँ हैं। गिलाद में लोग बैलों की बलियाँ अर्पित करते हैं। उनकी बहुत सी वेदियाँ इस प्रकार की हैं, जैसे जुते हुए खेत में मिट्टी की पंक्तियाँ हो।
12 “याकूब आराम की ओर भाग गया था। इस स्थान पर इस्राएल (याकूब) ने पत्नी के लिये मजदूरी की थी। दूसरी पत्नी प्राप्त करने के लिये उसने मेढ़े रखी थी। 13 किन्तु यहोवा एक नबी के द्वारा इस्राएल को मिस्र से ले आया। यहोवा ने एक नबी के द्वारा इस्राएल को सुरक्षित रखा। 14 किन्तु एप्रैम ने यहोवा को बहुत अधिक कुपित कर दिया। एप्रैम ने बहुत से लोगों को मार डाला। सो उसके अपराधों के लिये उसको दण्ड दिया जायेगा। उसका स्वामी (यहोवा) उससे उसकी लज्जा सहन करवायेगा।”
एक महत्वपूर्ण प्रश्न
(मरकुस 10:17-31; लूका 18:18-30)
16 वहीं एक व्यक्ति था। वह यीशु के पास आया और बोला, “गुरु अनन्त जीवन पाने के लिए मुझे क्या अच्छा काम करना चाहिये?”
17 यीशु ने उससे कहा, “अच्छा क्या है, इसके बारे में तू मुझसे क्यों पूछ रहा है? क्योंकि अच्छा तो केवल एक ही है! फिर भी यदि तू अनन्त जीवन में प्रवेश करना चाहता है, तो तू आदेशों का पालन कर।”
18 उसने यीशु से पूछा, “कौन से आदेश?”
तब यीशु बोला, “हत्या मत कर। व्यभिचार मत कर। चोरी मत कर। झूठी गवाही मत दे। 19 ‘अपने पिता और अपनी माता का आदर कर’(A) और ‘जैसे तू अपने आप को प्यार करता है, वैसे ही अपने पड़ोसी से भी प्यार कर।’[a]”
20 युवक ने यीशु से पूछा, “मैंने इन सब बातों का पालन किया है। अब मुझ में किस बात की कमी है?”
21 यीशु ने उससे कहा, “यदि तू संपूर्ण बनना चाहता तो जा और जो कुछ तेरे पास है, उसे बेचकर धन गरीबों में बाँट दे ताकि स्वर्ग में तुझे धन मिल सके। फिर आ और मेरे पीछे हो ले!”
22 किन्तु जब उस नौजवान ने यह सुना तो वह दुःखी होकर चला गया क्योंकि वह बहुत धनवान था।
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