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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
निर्गमन 32:7-14

उसी समय यहोवा ने मूसा से कहा, “इस पर्वत से नीचे उतरो। तुम्हारे लोग अर्थात् उन लोगों ने, जिन्हें तुम मिस्र से लाए हो, भयंकर पाप किया है। उन्होंने उन चीज़ों को करने से शीघ्रता से इन्कार कर दिया है जिन्हें करने का आदेश मैंने उन्हें दिया था। उन्होंने पिघले सोने से अपने लिए एक बछड़ा बनाया है। वे उस बछड़े की पूजा कर रहे हैं और उसे बलि भेंट कर रहे हैं। लोगों ने कहा है, ‘इस्राएल, ये देवता है जो तुम्हें मिस्र से बाहर लाए हैं।’”

यहोवा ने मूसा से कहा, “मैंने इन लोगों को देखा है। मैं जानता हूँ कि ये बड़े हठी लोग हैं जो सदा मेरे विरुद्ध जाएंगे। 10 इसलिए अब मुझे इन्हें क्रोध करके नष्ट करने दो। तब मैं तुझसे एक महान राष्ट्र बनाऊँगा।”

11 किन्तु मूसा ने अपने परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना की। मूसा ने कहा, “हे यहोवा, तू अपने क्रोध को अपने लोगों को नष्ट न करने दे। तू अपार शक्ति और अपने बल से इन्हें मिस्र से बाहर ले आया। 12 किन्तु यदि तू अपने लोगों को नष्ट करेगा तब मिस्र के लोग कह सकते हैं, ‘यहोवा ने अपने लोगों के साथ बुरा करने की योजना बनाई। यही कारण है कि उसने इनको मिस्र से बाहर निकाला। वह उन्हें पर्वतों में मार डालना चाहता था। वह अपने लोगों को धरती से मिटाना चाहता था।’ इसलिए तू लोगों पर क्रोधित न हो। अपना क्रोध त्याग दे। अपने लोगों को नष्ट न कर। 13 तू अपने सेवक इब्राहीम, इसहाक और इस्राएत (याकूब) को याद कर। तूने अपने नाम का उपयोग किया और तूने उन लोगों को वचन दिया। तूने कहा, ‘मैं तुम्हारे लोगों कों उतना अनगिनत बनाऊँगा जितने आकाश में तारे हैं। मैं तुम्हारे लोगों को वह सारी धरती दूँगा जिसे मैंने उनको देने का वचन दिया है। यह धरती सदा के लिए उनकी होगी।’”

14 इसलिए यहोवा ने लोगों के लिए अफ़सोस किया। यहोवा ने वह नहीं किया जो उसने कहा कि वह करेगा अर्थात् लोगों को नष्ट नहीं किया।

भजन संहिता 51:1-10

संगीत निर्देशक के लिए दाऊद का एक पद: यह पद उस समय का है जब बतशेबा के साथ दाऊद द्वारा पाप करने के बाद नातान नबी दाऊद के पास गया था।

हे परमेश्वर, अपनी विशाल प्रेमपूर्ण
    अपनी करूण से
मुझ पर दया कर।
    मेरे सभी पापों को तू मिटा दे।
हे परमेश्वर, मेरे अपराध मुझसे दूर कर।
    मेरे पाप धो डाल, और फिर से तू मुझको स्वच्छ बना दे।
मैं जानता हूँ, जो पाप मैंने किया है।
    मैं अपने पापों को सदा अपने सामने देखता हूँ।
है परमेश्वर, मैंने वही काम किये जिनको तूने बुरा कहा।
    तू वही है, जिसके विरूद्ध मैंने पाप किये।
मैं स्वीकार करता हूँ इन बातों को,
    ताकि लोग जान जाये कि मैं पापी हूँ और तू न्यायपूर्ण है,
    तथा तेरे निर्णय निष्पक्ष होते हैं।
मैं पाप से जन्मा,
    मेरी माता ने मुझको पाप से गर्भ में धारण किया।
हे परमेश्वर, तू चाहता है, हम विश्वासी बनें। और मैं निर्भय हो जाऊँ।
    इसलिए तू मुझको सच्चे विवेक से रहस्यों की शिक्षा दे।
तू मुझे विधि विधान के साथ, जूफा के पौधे का प्रयोग कर के पवित्र कर।
    तब तक मुझे तू धो, जब तक मैं हिम से अधिक उज्जवल न हो जाऊँ।
मुझे प्रसन्न बना दे। बता दे मुझे कि कैसे प्रसन्न बनूँ? मेरी वे हडिडयाँ जो तूने तोड़ी,
    फिर आनन्द से भर जायें।
मेरे पापों को मत देख।
    उन सबको धो डाल।
10 परमेश्वर, तू मेरा मन पवित्र कर दे।
    मेरी आत्मा को फिर सुदृढ कर दे।

1 तीमुथियुस 1:12-17

परमेश्वर के अनुग्रह का धन्यवाद

12 मैं हमारे प्रभु यीशु मसीह का धन्यवाद करता हूँ। मुझे उसी ने शक्ति दी है। उसने मुझे विश्वसनीय समझ कर अपनी सेवा में नियुक्त किया है। 13 यद्यपि पहले मैं उसका अपमान करने वाला, सताने वाला तथा एक अविनीत व्यक्ति था किन्तु मुझ पर दया की गयी क्योंकि एक अविश्वासी के रूप में यह नहीं जानते हुए कि मैं क्या कुछ कर रहा हूँ, मैंने सब कुछ किया 14 और प्रभु का अनुग्रह मुझे बहुतायत से मिला और साथ ही वह विश्वास और प्रेम भी जो मसीह यीशु में है।

15 यह कथन सत्य है और हर किसी के स्वीकार करने योग्य है कि यीशु मसीह इस संसार में पापियों का उद्धार करने के लिए आया है। फिर मैं तो सब से बड़ा पापी हूँ। 16 और इसलिए तो मुझ पर दया की गयी। कि मसीह यीशु एक बड़े पापी के रूप में मेरा उपयोग करते हुए आगे चल कर जो लोग उसमें विश्वास ग्रहण करेंगे, उनके लिए अनन्त जीवन प्राप्ति के हेतु एक उदाहरण के रूप में मुझे स्थापित कर अपनी असीम सहनशीलता प्रदर्शित कर सके। 17 अब उस अनन्त सम्राट अविनाशी अदृश्य एक मात्र परमेश्वर का युग युगान्तर तक सम्मान और महिमा होती रहे। आमीन!

लूका 15:1-10

खोए हुए को पाने के आनन्द की दृष्टान्त-कथाएँ

(मत्ती 18:12-14)

15 अब जब कर वसूलने वाले और पापी सभी उसे सुनने उसके पास आने लगे थे। तो फ़रीसी और यहूदी धर्मशास्त्री बड़बड़ाते हुए कहने लगे, “यह व्यक्ति तो पापियों का स्वागत करता है और उनके साथ खाता है।”

इस पर यीशु ने उन्हें यह दृष्टान्त कथा सुनाई: “मानों तुममें से किसी के पास सौ भेड़ें हैं और उनमें से कोई एक खो जाये तो क्या वह निन्यानबे भेड़ों को खुले में छोड़ कर खोई हुई भेड़ का पीछा तब तक नहीं करेगा, जब तक कि वह उसे पा न ले। फिर जब उसे भेड़ मिल जाती है तो वह उसे प्रसन्नता के साथ अपने कन्धों पर उठा लेता है। और जब घर लौटता है तो अपने मित्रों और पड़ोसियों को पास बुलाकर उनसे कहता है, ‘मेरे साथ आनन्द मनाओ क्योंकि मुझे मेरी खोयी हुई भेड़ मिल गयी है।’ मैं तुमसे कहता हूँ, इसी प्रकार किसी एक मन फिराने वाले पापी के लिये, उन निन्यानबे धर्मी पुरुषों से, जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं है, स्वर्ग में कहीं अधिक आनन्द मनाया जाएगा।

“या सोचो कोई औरत है जिसके पास दस चाँदी के सिक्के हैं और उसका एक सिक्का खो जाता है तो क्या वह दीपक जला कर घर को तब तक नहीं बुहारती रहेगी और सावधानी से नहीं खोजती रहेगी जब तक कि वह उसे मिल न जाये? और जब वह उसे पा लेती है तो अपने मित्रों और पड़ोसियों को पास बुला कर कहती है, ‘मेरे साथ आनन्द मनाओ क्योंकि मेरा सिक्का जो खो गया था, मिल गया है।’ 10 मैं तुमसे कहता हूँ कि इसी प्रकार एक मन फिराने वाले पापी के लिये भी परमेश्वर के दूतों की उपस्थिति में वहाँ आनन्द मनाया जायेगा।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International