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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 101

दाऊद का एक गीत।

मैं प्रेम और खरेपन के गीत गाऊँगा।
    यहोवा मैं तेरे लिये गाऊँगा।
मैं पूरी सावधानी से शुद्ध जीवन जीऊँगा।
    मैं अपने घर में शुद्ध जीवन जीऊँगा।
    हे यहोवा तू मेरे पास कब आयेगा
मैं कोई भी प्रतिमा सामने नहीं रखूँगा।
    जो लोग इस प्रकार तेरे विमुख होते हैं, मुझो उनसे घृणा है।
    मैं कभी भी ऐसा नहीं करूँगा।
मैं सच्चा रहूँगा।
    मैं बुरे काम नहीं करूँगा।
यदि कोई व्यक्ति छिपे छिपे अपने पड़ोसी के लिये दुर्वचन कहे,
    मैं उस व्यक्ति को ऐसा करने से रोकूँगा।
मैं लोगों को अभिमानी बनने नहीं दूँगा
    और मैं उन्हें सोचने नहीं दूँगा, कि वे दूसरे लोगों से उत्तम हैं।

मैं सारे ही देश में उन लोगों पर दृष्टि रखूँगा।
    जिन पर भरोसा किया जा सकता और मैं केवल उन्हीं लोगों को अपने लिये काम करने दूँगा।
    बस केवल ऐसे लोग मेरे सेवक हो सकते जो शुद्ध जीवन जीते हैं।
मैं अपने घर में ऐसे लोगों को रहने नहीं दूँगा जो झूठ बोलते हैं।
    मैं झूठों को अपने पास भी फटकने नहीं दूँगा।
मैं उन दुष्टों को सदा ही नष्ट करूँगा, जो इस देश में रहते है।
    मै उन दुष्ट लोगों को विवश करूँगा, कि वे यहोवा के नगर को छोड़े।

2 राजा 18:19-25

19 सेनापतियों में से एक ने उनसे कहा, “हिजकिय्याह से कहो कि महान सम्राट अश्शूर का सम्राट यह कहता हैः

‘किस पर तुम भरोसा करते हो? 20 तुमने केवल अर्थहीन शब्द कहे हैं। तुम कहते हो, “मेरे पास उपयुक्त सलाह और शक्ति युद्ध में मदद के लिये है।” किन्तु तुम किस पर विश्वास करते हो जो तुम मेरे शासन से स्वतन्त्र हो गए हो 21 तुम टूटे बेंत की छड़ी का सहारा ले रहे हो। यह छड़ी मिस्र है। यदि कोई व्यक्ति इस छड़ी का सहारा लेगा तो यह टूटेगी और उसके हाथ को बेधती हुई उसे घायल करेगी! मिस्र का राजा उन सभी लोगों के लिये वैसा ही है, जो उस पर भरोसा करतें हैं। 22 हो सकता है, तुम कहो, “हम यहोवा, अपने परमेश्वर पर विश्वास करते हैं।” किन्तु मैं जानता हूँ कि हिजकिय्याह ने यहोवा के उच्च स्थानों और वेदियों को हटा दिया और यहूदा और यरूशलेम से कहा, “तुम्हें केवल यरूशलेम में वेदी के सामने उपासना करनी चाहिये।”

23 ‘अब अश्शूर के राजा, हमारे स्वामी से यह वाचा करो। मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं दो हज़ार घोड़े दूँगा, यदि आप उन पर चढ़ने वाले घुड़सवारों को प्राप्त कर सकेंगे। 24 मेरे स्वामी के अधिकारियों में से सबसे निचले स्तर के अधिकारी को भी तुम हरा नहीं सकते! तुमने रथ और घुड़सवार सैनिक पाने के लिये मिस्र पर विश्वास किया है।

25 ‘मैं यहोवा के बिना यरूशलेम को नष्ट करने नहीं आया हूँ। यहोवा ने मुझसे कहा है, “इस देश के विरुद्ध जाओ और इसे नष्ट करो!”’

2 राजा 19:1-7

हिजकिय्याह यशायाह नबी के पास अपने अधिकारियों को भेजता है

19 राजा हिजकिय्याह ने वह सब सुना और यह दिखाने के लिये कि वह बहुत दुःखी है और घबराया हुआ है, अपने वस्त्रों को फाड़ डाला और मोटे वस्त्र पहन लिये। तब वह यहोवा के मन्दिर में गया।

हिजकिय्याह ने एल्याकीम (एल्याकीम राजमहल का अधीक्षक था।) शेब्ना (शास्त्री) और याजकों के अग्रजों को आमोस के पुत्र यशायाह नबी के पास भेजा। उन्होंने मोटे वस्त्र पहने जिससे पता चलता था कि वे परेशान और दुःखी हैं। उन्होंने यशायाह से कहा, “हिजकिय्याह यह कहता है, ‘यह हमारे लिये संकट’ दण्ड और अपमान का दिन है। यह बच्चों को जन्म देने जैसा समय है, किन्तु उन्हें जन्म देने के लिये कोई शक्ति नहीं है। सेनापति के स्वामी अश्शूर के राजा ने जीवित परमेश्वर के विषय में निन्दा करने के लिये उसे भेजा है। यह हो सकता है कि यहोवा, आपका परमेश्वर उन सभी बातों को सुन ले। यह हो सकता है कि यहोवा यह प्रमाणित कर दे कि शत्रु गलती पर है! इसलिये उन लोगों के लिये प्रार्थना करें जो अभी तक जीवित बचे हैं।”

राजा हिजकिय्याह के अधिकारी यशायाह के पास गए। यशायाह ने उनसे कहा, “अपने स्वामी हिजकिय्याह को यह सन्देश दोः ‘यहोवा कहता हैः उन बातों से डरो नहीं जिन्हें अश्शूर के राजा के अधिकारियों ने मेरी मजाक उड़ाते हुए कही हैं। मैं शीघ्र ही उसके मन में ऐसी भावना पैदा करूँगा जिससे वह एक अफवाह सुनकर अपने देश वापस जाने को विवश होगा और मैं उसे उसके देश में एक तलवार के घाट उतरवा दूँगा।’”

लूका 18:18-30

एक धनिक का यीशु से प्रश्न

(मत्ती 19:16-30; मरकुस 10:17-31)

18 फिर किसी यहूदी नेता ने यीशु से पूछा, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन का अधिकार पाने के लिये मुझे क्या करना चाहिये?”

19 यीशु ने उससे कहा, “तू मुझे उत्तम क्यों कहता है? केवल परमेश्वर को छोड़ कर और कोई भी उत्तम नहीं है। 20 तू व्यवस्था के आदेशों को तो जानता है, ‘व्यभिचार मत कर, हत्या मत कर, चोरी मत कर, झूठी गवाही मत दे, अपने पिता और माता का आदर कर।’(A)

21 वह यहूदी नेता बोला, “मैं इन सब बातों को अपने लड़कपन से ही मानता आया हूँ।”

22 यीशु ने जब यह सुना तो वह उससे बोला, “अभी भी एक बात है जिसकी तुझ में कमी है। तेरे पास जो कुछ है, सब कुछ को बेच डाल और फिर जो मिले, उसे गरीबों में बाँट दे। इससे तुझे स्वर्ग में भण्डार मिलेगा। फिर आ और मेरे पीछे हो ले।” 23 सो जब उस यहूदी नेता ने यह सुना तो वह बहुत दुखी हुआ, क्योंकि उसके पास बहुत सारी सम्पत्ति थी।

24 यीशु ने जब यह देखा कि वह बहुत दुखी है तो उसने कहा, “उन लोगों के लिये जिनके पास धन है, परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कर पाना कितना कठिन है! 25 हाँ, किसी ऊँट के लिये सूई के नकुए से निकल जाना तो सम्भव है पर किसी धनिक का परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कर पाना असम्भव है।”

उद्धार किसका होगा

26 वे लोग जिन्होंने यह सुना, बोले, “फिर भला उद्धार किसका होगा?”

27 यीशु ने कहा, “वे बातें जो मनुष्य के लिए असम्भव हैं, परमेश्वर के लिए सम्भव हैं।”

28 फिर पतरस ने कहा, “देख, हमारे पास जो कुछ था, तेरे पीछे चलने के लिए हमने वह सब कुछ त्याग दिया है।”

29 तब यीशु उनसे बोला, “मैं सच्चाई के साथ तुमसे कहता हूँ, ऐसा कोई नहीं है जिसने परमेश्वर के राज्य के लिये घर-बार या पत्नी या भाई-बंधु या माता-पिता या संतान का त्याग कर दिया हो, 30 और उसे इसी वर्तमान युग में कई गुणा अधिक न मिले और आने वाले काल में वह अनन्त जीवन को न पा जाये।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International